मेमोरेंडम में जुर्माने को लेकर जो व्यवस्था की गई है, उसमें नियमों का उल्लंघन करने को वैधानिकता देने का प्रयास दिखता है। एक तो यह समझ से परे है कि सौ करोड़ की कंपनी को पर्यावरण के नियमों और निर्देशों की जानकारी नहीं होगी। इससे साबित होता है कि जानबूझकर नियमों का मजाक बनाया गया है। दूसरे, यह जुर्माना बहुत कम है। उदाहरण के लिए, सौ करोड़ की ग्रीनफील्ड परियोजना के लिए जुर्माना एक करोड़ होगा, जो प्रस्तावक के स्वयं सूचना देने पर 50 लाख हो जाएगा। इस तरह के उपाय उल्लंघन करने वालों को कभी नहीं रोक पाएंगे। इससे, वे परियोजना शुरू करेंगे, जुर्माना अदा करेंगे और उसे आगे बढ़ाएंगे।