बेतहाशा मीथेन उत्सर्जन के कारण ध्रुवीय ओजोन परत को भारी नुकसान का अंदेशा: अध्ययन

बढ़ते मीथेन उत्सर्जन का आर्कटिक और अंटार्कटिक दोनों क्षेत्रों में ओजोन रिकवरी पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
मीथेन एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है जो ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेवार है, यह वायुमंडल में जटिल रासायनिक आंतरिक क्रियाएं भी करती है जो ओजोन के स्तर पर असर डाल सकती है।
मीथेन एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है जो ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेवार है, यह वायुमंडल में जटिल रासायनिक आंतरिक क्रियाएं भी करती है जो ओजोन के स्तर पर असर डाल सकती है।प्रतिरूपात्मक चित्र, फोटो साभार: आईस्टॉक
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एक नए अध्ययन में मीथेन उत्सर्जन और स्ट्रेटोस्फेरिक ओजोन परत की बहाली या रिकवरी के बीच के जटिल संबंधों के बारे में बताया गया है। शोध में इस बात पर जोर दिया गया है कि भविष्य में मीथेन उत्सर्जन में वृद्धि ओजोन की बहाली को भयंकर तरीके से प्रभावित कर सकती है, खासकर ध्रुवीय इलाकों में ऐसा होने के आसार जताए गए हैं।

ओजोन परत हमें व धरती पर रह रहे तमाम जीवों को हानिकारक पराबैंगनी विकिरण से बचाती है, यह दशकों से वैज्ञानिक शोध का मुख्य बिंदु रही है। जबकि मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल जैसे अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों ने ओजोन को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों पर सफलतापूर्वक अंकुश लगाने का काम किया है, लेकिन ग्लोबल वार्मिंग और मानवजनित गतिविधियों के कारण ओजोन परत की भविष्य में भरपाई संदेह के घेरे में है।

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मीथेन एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है जो ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेवार है, यह वायुमंडल में जटिल रासायनिक आंतरिक क्रियाएं भी करती है जो ओजोन के स्तर पर असर डाल सकती है।

शोध पत्र में बीजिंग नॉर्मल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता के हवाले से बताया गया हैं कि यह शोध ओजोन की बहाली या रिकवरी में मीथेन की दोहरी भूमिका को सामने लाता है। जबकि मीथेन एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है जो ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेवार है, यह वायुमंडल में जटिल रासायनिक आंतरिक क्रियाएं भी करती है जो ओजोन के स्तर पर असर डाल सकती है। भविष्य में ओजोन रिकवरी और जलवायु के लिए इससे संबंधित भविष्यवाणी करने के लिए इन दोहरे प्रभावों को समझना बहुत जरूरी है।

शोध में कहा गया है कि संपूर्ण वायुमंडल समुदाय जलवायु मॉडल (संस्करण 4) का उपयोग करते हुए, शोधकर्ताओं ने 2050 में प्रतिनिधि सांद्रता पथ (आरसीपी) 8.5 परिदृश्य के तहत समताप मंडल ओजोन पर मीथेन, कार्बन डाइऑक्साइड और समुद्री सतह के तापमान के आम और संयुक्त प्रभावों की जांच करने के लिए प्रयोग किए।

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मीथेन एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है जो ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेवार है, यह वायुमंडल में जटिल रासायनिक आंतरिक क्रियाएं भी करती है जो ओजोन के स्तर पर असर डाल सकती है।

आरसीपी 8.5 परिदृश्य भविष्य का जलवायु मार्ग है जो बहुत ज्यादा ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और जलवायु में बदलाव के सीमित प्रयासों को मानता है, जिससे सदी के अंत तक दुनिया भर के तापमान में भारी वृद्धि होने की आशंका जताई गई है। इस परिदृश्य का उपयोग अक्सर जलवायु परिवर्तन के लिए "सामान्य व्यवसाय" नजरिए के संभावित प्रभावों का पता लगाने के लिए किया जाता है।

एडवांसेज इन एटमॉस्फेरिक साइंसेज नामक पत्रिका में प्रकाशित शोध के परिणामों से पता चलता है कि बढ़ते मीथेन उत्सर्जन का आर्कटिक और अंटार्कटिक दोनों क्षेत्रों में ओजोन रिकवरी पर विशेष रूप से गहरा प्रभाव पड़ सकता है।

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मीथेन एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है जो ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेवार है, यह वायुमंडल में जटिल रासायनिक आंतरिक क्रियाएं भी करती है जो ओजोन के स्तर पर असर डाल सकती है।

शोध पत्र में शोधकर्ता के हवाले से कहा गया है कि जिस तरह ओजोन जमीनी स्तर पर हानिकारक होती है, लेकिन समताप मंडल में फायदेमंद हो सकती है, उसी तरह मीथेन और ओजोन के दूसरे पूर्ववर्ती तत्व भी इसी तरह की दोहरी विशेषताएं प्रदर्शित करते हैं। अधिक गहराई से सोचा जाए तो इन पदार्थों के दो-तरफा प्रभावों को बेहतर ढंग से समझा जा सकता है और जलवायु प्रबंधन के लिए सबसे अच्छे समाधान की दिशा में काम कर सकते हैं।

भविष्य की ओर देखते हुए, शोधकर्ताओं ने ओजोन रिकवरी पर असर डालने वाले अतिरिक्त कारणों को ध्यान में रखते हुए अपने मॉडल में सुधार करने की योजना बनाई है। शोधकर्ताओं का उद्देश्य भविष्य में ओजोन रिकवरी के संभावित जलवायु और वायुमंडलीय प्रभावों का पता लगाना भी है, कारणों को परिणामों से जोड़ना है।

शोध पत्र में शोधकर्ता के हवाले से कहा गया कि उनका अंतिम लक्ष्य ओजोन परत की बहाली के तरीकों और इस पर असर डालने वाले कारणों पर व्यापक समझ प्रदान करना है। इससे नीति निर्माताओं और वैज्ञानिकों को ओजोन परत की बहाली और जलवायु परिवर्तन दोनों से निपटने के लिए सही निर्णय लेने में मदद मिलेगी।

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