वैज्ञानिकों ने बनाया अब तक का सबसे सफेद पेंट, बिना एयर कंडीशनर के रखेगा घरों को ठंडा

यह नया पेंट सूर्य की 98.1 फीसदी किरणों को परावर्तित कर सकता है, जिस वजह से यह ग्लोबल वार्मिंग से निपटने में मदद कर सकता है
पर्ड्यू यूनिवर्सिटी में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर शालीन रुआन अब तक के सबसे सफेद पेंट का नमूना प्रदर्शित करते हुए; फोटो: जेरेड पाइक, पर्ड्यू यूनिवर्सिटी
पर्ड्यू यूनिवर्सिटी में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर शालीन रुआन अब तक के सबसे सफेद पेंट का नमूना प्रदर्शित करते हुए; फोटो: जेरेड पाइक, पर्ड्यू यूनिवर्सिटी
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पर्ड्यू विश्वविद्यालय के शोधकर्तांओं ने अब तक का सबसे सफेद पेंट ईजाद किया है जो ग्लोबल वार्मिंग से निपटने में मददगार हो सकता है| अनुमान है कि यह नया पेंट सूर्य की 98.1 फीसदी किरणों को परावर्तित कर सकता है| जिस वजह से इमारतों और घरों का तापमान कई डिग्री तक कम हो जाता है| ऐसे में यह बिना एयर कंडीशनर के भी घरों को ठंडा रख सकता है| वैज्ञानिकों का मानना है इससे जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी|

इसकी खोज से जुड़े शोधकर्ता और पर्ड्यू यूनिवर्सिटी में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर शालीन रुआन ने बताया कि यदि आप लगभग 1,000 वर्ग फीट की छत इस पेंट को करते हैं तो हमारा अनुमान है कि इससे आप 10 किलोवाट के ए सी जितनी ठंडी प्राप्त कर सकते हैं| यह इतनी कूलिंग है जो आम घरों को पूरी तरह ठंडा करने के लिए लगाए गए केंद्रीय एयर कंडीशनर से भी ज्यादा है|

परीक्षण के दौरान यह पेंट बाहरी वातावरण में तेज धूप के बावजूद कमरे के तापमान को 4.5 डिग्री सेल्सियस तक ठंडा रखने में सफल हुआ था| शोधकर्ताओं का मानना है कि यह सफेद पेंट इतना सफ़ेद है जिसकी तुलना अब तक के सबसे काले रंग 'वेंटाब्लैक' से कर सकते हैं जो सूर्य से आने वाली करीब 99.9 फीसदी किरणों को अवशोषित कर सकता है|

इससे पहले जो सबसे सफेद पेंट खोजा गया था वो 95.5 फीसदी किरणों को परावर्तित कर सकता था| वर्तमान में जो बाजार में पेंट उपलब्ध हैं वो 80 से 90 फीसदी सूर्य की किरणों को परावर्तित कर सकते हैं और यूवी किरणों को सोख सकते हैं| इसके बावजूद वो कमरे के तापमान को मौजूदा तापमान से ठंडा नहीं कर सकते हैं| यह शोध 15 अप्रैल 2021 को एसीएस जर्नल एप्लाइड मैटेरियल्स एंड इंटरफेसेस में प्रकाशित हुआ है|

क्या बनाता है इस पेंट को सबसे ज्यादा सफेद

इस पेंट की दो विशेषताएं इसे सबसे ज्यादा सफेद बनाती हैं पहला इसमें बहुत उच्च मात्रा में मौजूद बेरियम सल्फेट है| जिसका उपयोग फोटो पेपर और सौंदर्य प्रसाधन को सफेद बनाने के लिए भी किया जाता है।

दूसरा इस पेंट में बेरियम सल्फेट के सभी कण अलग-अलग आकार के होते हैं। इस तरह प्रत्येक कण अलग-अलग मात्रा में प्रकाश को परावर्तित करता है वो कितना प्रकाश परावर्तित करेंगें यह उनके आकार पर निर्भर करता है| इस तरह बहुत सारे आकार होने के कारण यह ज्यादा मात्रा में सूर्य के प्रकाश को परावर्तित कर सकते हैं| शोधकर्ताओं के अनुसार पेंट को और सफेद बनाने के लिए थोड़ी-बहुत गुंजाइश है| बेरियम सल्फेट के कण जितने ज्यादा होंगे पेंट उतना ही ज्यादा सफ़ेद हो जाएगा, लेकिन एक सीमा के बाद उनकी मात्रा पेंट को सतह से उखड़ने देगी|  

पेंट की सफेदी जितनी ज्यादा होगी पेंट उतना ही ज्यादा ठंडा रह सकेगा| शोध के अनुसार रात्रि के समय यह वातावरण के तापमान की तुलना में सतह को 19 डिग्री फ़ारेनहाइट तक ठंडा रख सकते हैं| जबकि दिन की धूप में यह सतह को 8 डिग्री फ़ारेनहाइट तक ठंडा कर सकते हैं| जांच में जब बाहर वातावरण में तापमान 43 डिग्री फ़ारेनहाइट था तो यह कमरे के तापमान को 18 डिग्री फ़ारेनहाइट तक कम करने में कामयाब रहा था|

शोध के अनुसार यह पेंट, वाणिज्यिक रूप से उपलब्ध पेंट की तरह ही धूप, गर्मी, सर्दी और बारिश को झेल सकते हैं| साथ ही शोधकर्ताओं ने पेंट को बनाने के लिए जिस तकनीक का इस्तेमाल किया है, वह भी वाणिज्यिक पेंट निर्माण प्रक्रिया के अनुकूल है। ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि यह पेंट एक से दो साल के बीच, बाजार में उपलब्ध हो सकता है।

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