
एक नई रिपोर्ट 'सकल घरेलू जलवायु जोखिम' के अनुसार, बिहार, उत्तर प्रदेश और पंजाब सहित नौ भारतीय राज्य आठ तरह के जलवायु में हो रहे बदलावों के खतरों में हैं। जलवायु संकट को लेकर भारतीय राज्य, बुनियादी ढांचे के नुकसान के सबसे बड़े खतरे वाले दुनिया के शीर्ष 50 क्षेत्रों में शामिल हैं।
2050 तक दुनिया भर में 2,600 से अधिक क्षेत्रों की जलवायु संबंधी खतरे की गणना करने के लिए 'सकल घरेलू जलवायु जोखिम' (जीडीसीआर) का विश्लेषण किया गया है। इसमें, यूके स्थित जलवायु संगठन क्रॉस डिपेंडेंसी इनिशिएटिव (एक्सडीआई) ने दिल्ली को 446वें स्थान पर रखा है।
इन क्षेत्रों की तुलना चरम मौसम की घटनाएं और जलवायु परिवर्तन जैसे बाढ़, जंगल की आग, लू या हीटवेव और समुद्र के स्तर में वृद्धि से इमारतों और संपत्तियों को नुकसान के मॉडल अनुमानों के अनुसार की गई है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि, विशेष रूप से, दुनिया भर में निर्मित बुनियादी ढांचे को होने वाला सबसे अधिक नुकसान नदी और सतह की बाढ़ या तटीय बाढ़ दोनों के कारण होती है।
एक्सडीआई की रिपोर्ट में इस बात पर गौर किया गया कि जो इलाके सूची में शामिल नहीं हैं उनको भी खतरे कम नहीं हैं। रिपोर्ट में कहा कि कई राज्यों और प्रांतों को चरम मौसम जलवायु से अधिक खतरों का सामना करना पड़ रहा है, जो आवासीय, व्यावसायिक और औद्योगिक इमारतों की कम संख्या के कारण इस रैंकिंग के शीर्ष पर दिखाई नहीं दे रहे हैं।
विश्लेषण के अनुसार, 2050 तक शीर्ष 50 सबसे अधिक खतरे वाले राज्यों और प्रांतों में से 80 फीसदी चीन, अमेरिका और भारत के हैं।
जलवायु संबंधी खतरे में सबसे अधिक राज्यों के साथ भारत के बाद चीन का स्थान है। नौ भारतीय राज्यों में बिहार का 22वां, उत्तर प्रदेश 25वां, असम 28वां, राजस्थान 32वां, तमिलनाडु 36वां, महाराष्ट्र 38वां, गुजरात 48वां, पंजाब 50वां,और केरल 52वे स्थान पर हैं।
भारत में सबसे ज्यादा प्रभावित बिहार, 1990 की तुलना में 2050 तक असम को 330 प्रतिशत से अधिक जलवायु संबंधी खतरों में वृद्धि होने की आशंका जताई गई है।
सिंध प्रांत सहित शीर्ष 100 में पाकिस्तान के कई प्रांत भी शामिल हैं। जून और अगस्त 2022 के बीच विनाशकारी बाढ़ ने पाकिस्तान के 30 फीसदी क्षेत्र को प्रभावित किया और सिंध प्रांत में नौ लाख से अधिक घरों को आंशिक या पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया था।
रिपोर्ट में, नुकसान और खतरे के लिए शीर्ष 100 में अत्यधिक विकसित और विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण एशियाई आर्थिक केंद्रों में मुंबई का नाम भी शामिल है।
शीर्ष 50 में कई प्रांतों और राज्यों वाले अन्य देशों में ब्राजील, पाकिस्तान और इंडोनेशिया शामिल हैं। यूरोप में शीर्ष रैंकिंग वाले राज्यों में लंदन, मिलान, म्यूनिख और वेनिस के शहर शामिल हैं।