कॉप 27 में नुकसान और क्षति पर सहमति और फंड की स्थापना बरसों पुरानी मांग थी जो अब तक वैश्विक राजनीति के चलते अपने मुकाम पर नहीं पहुंची थी। इस साल जलवायु परिवर्तन के चलते चरम मौसमी घटनाओं को देखते हुए इसे नजरअंदाज करना मुश्किल था। भारत सहित कई विकासशील देशों की ओर से इस मांग को लेकर भारी दबाव था। डाउन टू अर्थ के कॉप का हासिल विश्लेषणात्मक रिपोर्ट की पहली कड़ी पढ़ें : डाउन टू अर्थ विश्लेषण: कॉप-27 से क्या हुआ हासिल? । अगली कड़ी में आपने पढ़ा कि आखिर नुकसान एवं क्षति फंड पर सहमति जताने की मजबूरी थी या बहुत जरूरी था। पढ़ें : कॉप-27 का हासिल: नुकसान एवं क्षति कोष को मंजूरी, मजबूरी या जरूरी? । आज की कड़ी में पढ़ें कि आखिर नुकसान एवं क्षति का आकलन कैसे होता है?
नुकसान, क्षति का आकलन
ठोस उपायों की जरूरत
मुआवजा