2023 में दर्ज किया गया जलवायु इतिहास का सबसे गर्म अगस्त, तापमान में दर्ज की गई 1.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि

अगस्त 2023 के दौरान वैश्विक औसत तापमान 16.82 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है जो औद्योगिक काल से पहले की तुलना में करीब 1.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म रहा
भारत में गर्मियों के दौरान धूप होने से पहले अपने मवेशियों के लिए चारा का प्रबंध करती ग्रामीण; फोटो: आईस्टॉक
भारत में गर्मियों के दौरान धूप होने से पहले अपने मवेशियों के लिए चारा का प्रबंध करती ग्रामीण; फोटो: आईस्टॉक
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जलवायु इतिहास का अब तक का सबसे गर्म अगस्त इस साल 2023 में दर्ज किया गया है, इसकी पुष्टि विश्व मौसम विज्ञान (डब्ल्यूएमओ) ने कर दी है। इतना ही नहीं डब्ल्यूएमओ के मुताबिक जुलाई 2023 को छोड़ दें तो अगस्त 2023 अब तक का सबसे गर्म महीना भी है।

बता दें कि अगस्त 2023 के दौरान वैश्विक स्तर पर हवा का औसत तापमान 16.82 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है जो औद्योगिक काल (1850 से 1900) से पहले की तुलना में करीब 1.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म है।

वहीं यदि पिछले कुछ वर्षों (1991-2020) से बढ़ते तापमान की तुलना करें तो अगस्त 2023 में तापमान सामान्य से 0.71 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा। जो 2020, और 2016 में दर्ज किए गए पिछले सबसे गर्म अगस्त के महीनों से 0.31 डिग्री ज्यादा गर्म था। यह जानकारी कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (सी3एस) द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों में सामने आई है।

2023 के पहले आठ महीनों (जनवरी से अगस्त) को देखें तो वैश्विक तापमान अब तक का दूसरा सबसे गर्म होने की ओर इशारा करता है, जब तापमान अब तक के सबसे गर्म वर्ष 2016 की तुलना में केवल 0.01 डिग्री सेल्सियस कम है।

यूरोप, दक्षिणी अमेरिका और जापान सहित उत्तरी गोलार्ध के कई हिस्सों दर्ज किया गया लू का कहर

गौरतलब है कि अगस्त 2023 में भी दक्षिणी यूरोप, दक्षिणी अमेरिका और जापान सहित उत्तरी गोलार्ध के कई हिस्सों में लू का कहर दर्ज किया गया था। वहीं ऑस्ट्रेलिया सहित कई दक्षिण अमेरिकी देशों और अंटार्कटिका के अधिकांश हिस्सों में भी तापमान औसत से ज्यादा देखा गया। इसके अतिरिक्त, कई क्षेत्रों में समुद्री हवा का तापमान भी सामान्य से अधिक था।

इस बारे में कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (सी3एस) की उप निदेशक सामंथा बर्गेस का कहना है कि 2023 में तापमान के कई रिकॉर्ड टूट चुके हैं। सबसे गर्म जुलाई और जून के बाद अगस्त 2023 भी अब तक का सबसे गर्म अगस्त का महीना था। इसके चलते 1940 के बाद से तापमान में रिकॉर्ड गर्मी देखी गई है। देखा जाए तो 2023 वर्तमान में दूसरा सबसे गर्म वर्ष है, जो 2016 की तुलना में केवल 0.01 डिग्री सेल्सियस ठंडा है, जबकि वर्ष में चार महीने बाकी हैं।

उनके मुताबिक अगस्त 2023 में इसी तरह, वैश्विक महासागरों की सतह में अब तक का सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया। इस लिहाज से भी यह सबसे गर्म महीना था। वैज्ञानिक प्रमाण स्पष्ट  तौर पर कहते हैं कि जब तक हम बढ़ते उत्सर्जन को कम नहीं करते तब तक हम मौसम की इन चरम घटनाओं का अनुभव करते रहेंगे और इसी तरह जलवायु रिकॉर्ड तोड़ते रहेंगे।

इस बारे में जारी रिपोर्ट के मुताबिक यदि जून से अगस्त के बीच जोकि उत्तरी गोलार्ध के लिए गर्मियों का मौसम था उसमें तापमान असाधारण रूप से गर्म था। इस दौरान वैश्विक औसत तापमान 16.77 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य औसत तापमान से 0.66 डिग्री सेल्सियस अधिक है। वहीं यूरोप में, गर्मियों के सीजन में तापमान 19.63 डिग्री सेल्सियस रहा, जिसकी वजह से यह रिकॉर्ड पर पांचवीं सबसे गर्म गर्मियां बन गई। आंकड़ों के मुताबिक उस समय यूरोप में तापमान औसत से 0.83 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा।

इसी तरह जून से अगस्त 2023 के बीच, उत्तरी अटलांटिक और वैश्विक स्तर पर समुद्र की सतह का तापमान भी नए रिकॉर्ड पर पहुंच गया था। नतीजन यूरोप के विभिन्न हिस्सों जैसे जून में आयरलैंड और यूके के आसपास, वहीं जुलाई-अगस्त में भूमध्य सागर में समुद्री लू का कहर देखा गया।

वहीं गर्मियों के दौरान पश्चिमी यूरोप, तुर्की, उत्तरी अमेरिका, एशिया के कुछ हिस्सों के साथ चिली, ब्राजील और उत्तर-पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के कई इलाकों में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई। इसके कारण कुछ स्थानों पर स्थानीय रूप से बारिश के पिछले रिकॉर्ड टूट गए। यहां तक कि कुछ मामलों में बाढ़ की घटनाएं भी सामने आई हैं। 

दूसरी ओर, आइसलैंड, अल्पाइन, उत्तरी स्कैंडिनेविया, मध्य यूरोप, एशिया के बड़े हिस्से, कनाडा, दक्षिणी उत्तरी अमेरिका और अधिकांश दक्षिण अमेरिका जैसे स्थानों में सामान्य से कम बारिश रिकॉर्ड की गई। इनमें से कुछ क्षेत्रों में, शुष्क परिस्थितियों के चलते जंगल में भीषण आग की घटनाएं भी सामने आई हैं।

समुदी तापमान ने भी बनाने नए रिकॉर्ड

अप्रैल 2023 से असामान्य रूप से उच्च तापमान के बाद वैश्विक स्तर पर समुद्र सतह के तापमान के बढ़ने की प्रवत्ति अगस्त जारी रही। 31 जुलाई से 31 अगस्त, 2023 के दौरान करीब-करीब तक हर दिन वैश्विक स्तर पर समुद्र की सतह का तापमान मार्च 2016 में बनाए गए पिछले रिकॉर्ड से ज्यादा गर्म था।

वहीं अगस्त में, समुद्री सतह का वैश्विक औसत मासिक तापमान एक नए रिकॉर्ड पर पहुंच गया, जो 20.98 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह अगस्त में रहने वाले सामान्य तापमान की तुलना में 0.55 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म था।

इसी तरह उत्तरी अटलांटिक में, समुद्र की सतह का तापमान पांच अगस्त को 24.81 डिग्री सेल्सियस के पिछले दैनिक रिकॉर्ड को पार कर गया था। उसके बाद से अधिकांश दिनों में, तापमान इस स्तर से ऊपर ही रहा। वहीं 31अगस्त 2023 को यह 25.19 डिग्री सेल्सियस के साथ एक नए रिकॉर्ड पर पहुंच गया था।

यदि अंटार्कटिक में जमा समुद्री बर्फ की बात करें तो अगस्त में उसका स्तर असामान्य रूप से कम था और साल के इस समय में वो रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया था। आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान वो सामान्य से 12 फीसदी कम रहा। इस दौरान सबसे कम समुद्री बर्फ की सीमा उत्तरी रॉस सागर, दक्षिण अटलांटिक और हिंद महासागर क्षेत्रों में दर्ज की गई।

वहीं आर्कटिक में भी समुद्री बर्फ का स्तर अगस्त के औसत से करीब 10 फीसदी कम रहा। लेकिन, उसने अभी भी अगस्त 2012 में देखे गए निम्नतम सीमा को पार नहीं किया है।

फ्रांस, ग्रीस, इटली और पुर्तगाल में सामने आई दावाग्नि की घटनाएं

अगस्त 2023 के दौरान होने वाली बारिश की बात करें तो  मध्य यूरोप और स्कैंडिनेविया के कई हिस्सों में सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज की गई। इसकी वजह से कई जगहों पर बाढ़ की स्थिति भी देखी गई। हालांकि इबेरियन प्रायद्वीप, दक्षिणी फ्रांस, आइसलैंड और दक्षिणी बाल्कन सहित पूर्वी यूरोप के अधिकांश हिस्सों में, मौसम सामान्य से अधिक शुष्क था। इसके चलते फ्रांस, ग्रीस, इटली और पुर्तगाल में जंगल में भीषण आग की घटनांए भी सामने आई हैं।

पूर्वोत्तर और पश्चिमी उत्तरी अमेरिका में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई। वहीं तूफान हिलेरी के चलते कैलिफोर्निया और पश्चिमी मैक्सिको में बाढ़ तक आ गई थी। इसी तरह एशिया के बड़े हिस्से में भी औसत से अधिक बारिश हुई, जिससे ताजिकिस्तान में भूस्खलन और चिली एवं ब्राजील के कुछ हिस्सों में ऐसी ही घटनाएं दर्ज की गई। इसके विपरीत, अमेरिका के दक्षिणी हिस्सों, उत्तरी मैक्सिको के साथ-साथ एशिया के कुछ हिस्सों और दक्षिण अमेरिका के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से कम बारिश रिकॉर्ड की गई।

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