अलविदा 2023: कोई महीना ऐसा नहीं बीता, जब गर्मी ने नहीं बनाया हो रिकॉर्ड

साल 2023 के जनवरी से लेकर दिसंबर तक हर महीने जलवायु परिवर्तन का असर आंकड़ों में साफ-साफ देखने को मिला
फोटो: विकास चौधरी
फोटो: विकास चौधरी
Published on

2023 में जलवायु और मौसम के कई रिकॉर्ड टूटे। यह साल रिकॉर्ड पर सबसे गर्म रहा है और 2024 और भी अधिक गर्म होने की उम्मीद है। इस वर्ष मौसम की कुछ चरम घटनाओं ने भी रिकॉर्ड तोड़े। दुनिया भर में इन रिकॉर्ड तोड़ने वाली घटनाओं पर डाउन टू अर्थ द्वारा की गई रिपोर्ट्स साझा की जा रही है। की कुछ कवरेज यहां दी गई है।

17 नवंबर, 2023 को दुनिया ने पहली बार वार्मिंग के 2 डिग्री सेल्सियस को पार किया। 2 डिग्री सेल्सियस का यह उल्लंघन अल नीनो और मानव-जनित जलवायु की वजह से हुआ। पूरी रिपोर्ट पढ़ें: पहली बार दो डिग्री सेल्सियस की सीमा के पार पहुंचा दैनिक तापमान

डाउन टू अर्थ ने नवंबर में रिपोर्ट की कि साल 2023 जलवायु इतिहास का सबसे गर्म महीना साबित होने वाला है। जनवरी से अक्टूबर के औसत तापमान को देखें तो वो औद्योगिक काल से पहले (1850 से 1900) समान अवधि के औसत तापमान की तुलना में 1.43 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया था। क्या थी यह रिपोर्ट, यहां पढ़ें : करीब-करीब तय हुआ 2023 का सबसे गर्म वर्ष होना, अक्टूबर ने भी बनाया नया जलवायु कीर्तिमान

दिसंबर में फिर से खबर आई कि नवंबर 2023 भी अब तक का सबसे गर्म महीना साबित हुआ। डाउन टू अर्थ ने इस रिपोर्ट को भी प्रमुखता से लिखा। दरअसल यूरोप की कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस ने जानकारी दी कि नवंबर में बढ़ता तापमान एक नए शिखर पर पहुंच गया। नवंबर 2023 के दौरान सतह के पास हवा का औसत वैश्विक तापमान 14.22 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो औद्योगिक काल (1850-1900) से पहले की तुलना में करीब 1.75 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म था।
पूरी रिपोर्ट पढ़ें : बढ़ते तापमान ने नवंबर में फिर तोड़ा रिकॉर्ड, औसत से 1.75 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा तापमान

साल 2023 का अलनीनो बेहद प्रभावशाली माना जा रहा है। इसका असर लगातार भारत पर दिख रहा है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने आशंका जताई है कि मौजूदा अल नीनो की घटना अप्रैल 2024 तक जारी रह सकती है। इससे न केवल मौसम के मिजाज पर असर पड़ेगा साथ ही जमीन और समुद्र दोनों के तापमान में वृद्धि होगी। पूरी रिपोर्ट पढ़ें : अप्रैल 2024 तक बना रहेगा अल नीनो, तापमान और चरम मौसमी घटनाओं में वृद्धि की आशंका

साल 2023 में भारत में जलवायु परिवर्तन का असर साफ-साफ दिखाई दिया। इसने जलवायु आपदाओं को भी बढ़ा दिया। नई दिल्ली की थिंक टैंक संस्था सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट और डाउन टू अर्थ भारत में होने वाली प्राकृतिक आपदाओं का ट्रेक कर रहा है। नवंबर के अंतिम सप्ताह में जारी रिपोर्ट में कहा गया कि साल 2023 के जनवरी से लेकर सितंबर तक औसतन रोजाना भारत में एक न एक आपदा की वजह से लोग प्रभावित हुए। पूरी रिपोर्ट यह थी: जनवरी से सितंबर 2023 के बीच भारत ने तकरीबन रोजाना किया आपदा का सामना

पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन की वजह से नए-नए कीर्तिमान स्थापित हुए। नवंबर में एक रिपोर्ट आई कि एशिया और दक्षिण अमेरिका के लिए अक्टूबर का महीना 174 वर्षों के जलवायु इतिहास का अब तक का सबसे गर्म अक्टूबर रहा, जबकि अफ्रीका, यूरोप और उत्तरी अमेरिका के लिए भी यह रिकॉर्ड का दूसरा सबसे गर्म अक्टूबर था। 
पूरी रिपोर्ट इसप्रकार थी: एशिया, दक्षिण अमेरिका ने किया इतिहास के सबसे गर्म अक्टूबर का सामना, नए कीर्तिमान बना रहा है तापमान

अगस्त 2023 के दौरान वैश्विक औसत तापमान 16.82 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है जो औद्योगिक काल से पहले की तुलना में करीब 1.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म रहा। इसकी पुष्टि विश्व मौसम विज्ञान (डब्ल्यूएमओ) ने कर दी है। इतना ही नहीं डब्ल्यूएमओ के मुताबिक जुलाई 2023 को छोड़ दें तो अगस्त 2023 अब तक का सबसे गर्म महीना भी है।
पूरी रिपोर्ट पढ़ें : 2023 में दर्ज किया गया जलवायु इतिहास का सबसे गर्म अगस्त, तापमान में दर्ज की गई 1.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि

अगस्त से पहले जुलाई के महीने में भारत में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक एक तरफ जहां इन क्षेत्रों में मानसून के दौरान बहुत कम बारिश दर्ज की गई। वहीं पिछले 122 वर्षों में दूसरी बार जुलाई में तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इन क्षेत्रों में पूरे जुलाई में, दिन और रात दोनों समय तापमान असामान्य रूप से अधिक था। महीने का औसतन तापमान 29.38 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो जुलाई के सामान्य तापमान से 1.45 डिग्री सेल्सियस अधिक था।
पूरी रिपोर्ट थी: पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 122 वर्षों में दर्ज की गई दूसरी सबसे गर्म जुलाई: आईएमडी

जुलाई से जून ने भी जलवायु इतिहास में अपना कीर्तिमान स्थापित किया। जून 2023 में दर्ज किया गया। जब 174 वर्षों के जलवायु इतिहास में जून के दौरान तापमान शिकार पर पहुंच गया है। यह पहला मौका था, जब जून के महीने का औसत तापमान सामान्य से 1.05 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया है। जिसने जून 2023 को अब तक का सबसे गर्म जून का महीना बना दिया। पूरी रिपोर्ट पढ़ें : दर्ज किया गया जलवायु इतिहास का अब तक का सबसे गर्म जून, सामान्य से 1.05 डिग्री ज्यादा था तापमान

साल 2023 का मई माह में गर्मी रिकॉर्ड तोड़ थी1 नेशनल ओसेनिक एंड एटमोस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल इंफॉर्मेशन (एनसीईआई) द्वारा जारी नई रिपोर्ट से पता चला है कि इस बार मई का महीना सामान्य से 0.97 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म था। यह लगातार 47वां मई है जब तापमान 20वीं सदी के औसत तापमान से ज्यादा दर्ज किया गया है। इसी तरह 531 महीनों में कभी भी तापमान सदी के औसत तापमान से नीचे नहीं गया था।
पूरी रिपोर्ट पढ़ें : जलवायु संकट: 2023 में दर्ज किया गया 174 वर्षों के जलवायु इतिहास का तीसरा सबसे गर्म मई

कीर्तिमान के मामले में अप्रैल 2023 भी पीछे नहीं रहा। अप्रैल 2023 में लगातार 530वें महीने तापमान बीसवीं सदी के औसत तापमान से ज्यादा दर्ज किया गया। इसी तरह यह लगातार 49वां अप्रैल है जब तापमान औसत से ऊपर रिकॉर्ड किया गया। यदि 174 वर्षों के जलवायु रिकॉर्ड को देखें तो अप्रैल 2023 अब तक का चौथा सबसे गर्म अप्रैल का महीना रहा, जब तापमान बीसवीं सदी के औसत से एक डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया। पूरी रिपोर्ट थी: बढ़ते तापमान से बेकाबू हालात, लगातार 530वें महीने सामान्य से ज्यादा रहा अप्रैल 2023 में तापमान

मार्च ने भी रिकॉर्ड बनाया। 174 वर्षों के जलवायु इतिहास का दूसरा सबसे गर्म मार्च इस साल 2023 में दर्ज किया गया है। जब तापमान सामान्य से 1.24 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रिकॉर्ड किया गया। मार्च 2016 अब तक का सबसे गर्म मार्च का महीना था, जब तापमान बीसवीं सदी के औसत (12.7 डिग्री सेल्सियस) से 1.35 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था। पूरी रिपोर्ट थी : इतिहास का दूसरा सबसे गर्म रहा मार्च 2023, औसत से 1.24 डिग्री सेल्सियस ज्यादा हुआ तापमान

फरवरी 2023 पिछले 174 वर्षों में अब तक की चौथी सबसे गर्म फरवरी थी । जब तापमान 20वीं सदी के औसत तापमान से 0.97 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया। यह लगातार 528वां महीना है जब तापमान सामान्य से ज्यादा दर्ज किया गया है। पूरी रिपोर्ट पढ़ें : जलवायु संकट: लगातार 528वें महीने औसत से ज्यादा रहा तापमान, दर्ज की गई 0.97 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि

और अगर बात करें, साल 2023 के पहले महीने जनवरी की तो गर्मी ने इस महीने में भी कीर्तिमान बनाया। पिछले 174 वर्षों के इतिहास की सातवीं सबसे गर्म जनवरी इस वर्ष 2023 में दर्ज की गई है। यह जानकारी नेशनल ओसेनिक एंड एटमोस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल इंफॉर्मेशन (एनसीईआई) द्वारा जारी नई रिपोर्ट में सामने आई।
पूरी रिपोर्ट पढ़ें : बनता-बिगड़ता जलवायु इतिहास, 174 वर्षों में सातवां सबसे गर्म जनवरी का महीना किया गया दर्ज

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in