इतिहास का छठा सबसे गर्म वर्ष था 2021, एनओएए ने की पुष्टि

एनओएए के अनुसार 2021 का वार्षिक औसत तापमान 20वीं सदी के औसत तापमान से 0.84 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया है
इतिहास का छठा सबसे गर्म वर्ष था 2021, एनओएए ने की पुष्टि
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नेशनल ओसेनिक एंड एटमोस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल इंफॉर्मेशन (एनसीईआई) द्वारा जारी रिपोर्ट में इस बात की आधिकारिक पुष्टि कर दी है कि 2021 इतिहास का छठा सबसे गर्म वर्ष था।
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वर्ष तापमान 20वीं सदी के औसत तापमान से 0.84 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया था। गौरतलब है कि इससे पहले यूरोपियन यूनियन की कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (सी3एस) द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट में 2021 को इतिहास का पांचवा सबसे गर्म वर्ष माना था। 

रिपोर्ट के मुताबिक 2021, 2018 के साथ सम्मिलित रुप से छठे स्थान पर है। इतना ही नहीं 1977 के बाद से यह लगातार 45वां वर्ष है जब वैश्विक तापमान 20 वीं सदी के औसत तापमान से ऊपर है। इसी तरह 2013 से 2021 के बीच के नौ साल इतिहास के दस सबसे गर्म वर्षों में शामिल थे।

यदि 1880 से देखें तो पृथ्वी का औसत तापमान 0.08 डिग्री सेल्सियस की दर से बढ़ रहा है। वहीं 1981 के बाद से यह दर दोगुनी से हो चुकी है, जिसे 0.18 डिग्री सेल्सियस प्रति दशक दर्ज किया गया है।

देखा जाए तो 2021 की शुरआत मध्य और पूर्वी उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर में ला नीना के साथ हुई थी जो अगस्त 2020 में विकसित हुआ था। ला नीना तापमान में कमी के लिए जिम्मेवार होता है, जबकि इसके विपरीत अल नीनो तापमान में इजाफा करता है।

यदि उत्तरी गोलार्ध के तापमान को देखें तो वहां सतह का तापमान 20वीं सदी के औसत से 1.09 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था। जो 2021 को उत्तरी गोलार्ध के लिए इतिहास का तीसरा सबसे गर्म वर्ष बनाता है, इससे पहले 2020 सबसे गर्म और वर्ष 2016 तापमान के मामले में दूसरे स्थान पर था। दूसरी तरफ 2021 में दक्षिणी गोलार्ध की सतह का तापमान रिकॉर्ड नौवां उच्चतम था।  

रिपोर्ट के अनुसार 2021 में उत्तरी अफ्रीका, दक्षिणी एशिया और दक्षिणी अमेरिका के दक्षिणी हिस्सों में सतह का रिकॉर्ड उच्च तापमान दर्ज किया गया था। इसी तरह अटलांटिक और प्रशांत महासागरों के कुछ हिस्सों में सतह का रिकॉर्ड-उच्च तापमान देखा गया था। इस वर्ष में न जमीन न समुद्र का कोई भी हिस्सा रिकॉर्ड ठंडा नहीं था। जो स्पष्ट तौर पर धरती के बढ़ते तापमान की ओर इशारा है।  

यदि क्षेत्रीय तौर पर देखें तो उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, यूरोप और एशिया में प्रत्येक का वार्षिक तापमान रिकॉर्ड नौ सबसे गर्म वर्षों में से एक था। हालांकि ओशिनिया में तापमान औसत से अधिक दर्ज  किया गया था इसके बावजूद 2012 के बाद से 2021 सबसे ठंडा वर्ष था।

यदि ध्रुवों पर जमा बर्फ को देखें तो आर्कटिक में औसत वार्षिक समुद्री बर्फ का आवरण लगभग 40.8 लाख वर्ग मील दर्ज किया गया था। जोकि 1979 से 2021 के रिकॉर्ड में नौवां सबसे छोटा वार्षिक विस्तार था। नेशनल स्नो एंड आइस डेटा सेंटर के अनुसार पिछले सात वर्षों (2015 से 2021) के दौरान समुद्री बर्फ का आवरण, रिकॉर्ड के 10 सबसे कम विस्तार में शामिल थे। वहीं अंटार्कटिक में समुद्री बर्फ का वार्षिक आवरण औसतन करीब 44.2 लाख वर्ग मील दर्ज किया गया था, जो रिकॉर्ड में 18वां सबसे कम था।   

2021 में दर्ज किए गए थे 94 उष्णकटिबंधीय चक्रवात

2021 में आए उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की संख्या औसत से अधिक थी, इस दौरान दुनिया में 94 तूफान दर्ज किए गए थी। देखा जाए तो 41 वर्षों के रिकॉर्ड में यह दसवां मौका है जब इतने उष्णकटिबंधीय चक्रवात सामने आए हैं। हालांकि इनमें से केवल 37 शक्तिशाली तूफानों की श्रेणी के थे।

रिपोर्ट के अनुसार यदि इस साल दिसंबर का औसत तापमान देखें तो वो सामान्य से 0.83 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था। यह तापमान इसे पिछले 142 वर्षों के इतिहास में 2016 के साथ पांचवा सबसे गर्म दिसंबर था। गौरतलब है कि दिसंबर 2021 में दक्षिण अमेरिका ने अपना तीसरा सबसे गर्म दिसंबर देखा था, जबकि अफ्रीका और ओशिनिया में यह आठ सबसे गर्म दिसंबर के महीनों में शामिल था। वहीं उत्तरी अमेरिका और यूरोप दोनों में दिसंबर का औसत तापमान सामान्य से ज्यादा था, इसके बावजूद वो 2016 के बाद से उनका सबसे ठंडा दिसंबर था।

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