पिछले 50 सालों से हमारे पर्यावरण के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 22 अप्रैल को दुनिया भर में विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगों को एक साथ आने के लिए प्रोत्साहित करना है।
हमारे बदलते पर्यावरण की गंभीर चिंताओं को लेकर अध्ययन किए जा रहे हैं। आज के इस दौर में प्रमुख वैज्ञानिक, पर्यावरणविद, सामाजिक कार्यकर्ता और युवा जलवायु को लेकर चिंतित हैं।
पृथ्वी दिवस पर लोग पर्यावरण को हुए नुकसान को दूर करने के लिए स्थायी तरीकों को अपनाने का संकल्प लेते हैं। बढ़ते तापमान और प्राकृतिक संसाधनों की कमी के साथ ग्लोबल वार्मिंग एक गंभीर मुद्दा है। वनों को काटे जाने और जानवरों, पक्षियों और कीड़ों की प्रजातियां लुप्तप्राय और बदतर हो रही हैं, दुनिया से विलुप्त हो रही हैं, यह पर्यावरण की रक्षा में निवेश शुरू करने का सही समय है।
अनेक समस्याएं विद्यमान हैं जैसे बढ़ती जनसंख्या, मृदा अपरदन, बदलती जलवायु, वनों को काटा जाना और जल, वायु प्रदूषण आदि। पर्यावरण संरक्षण के लिए यह अहम दिन है।
हर साल 16 से 22 अप्रैल तक पृथ्वी सप्ताह मनाया जाता है। यह सप्ताह लोगों को पृथ्वी दिवस, जलवायु परिवर्तन और इसके खिलाफ कदम उठाने की के बारे में शिक्षित करने के लिए समर्पित है। पृथ्वी सप्ताह कदम उठाने और ग्रह की रक्षा के बारे में बातचीत शुरू करने का एक शानदार अवसर है।
क्या है विश्व पृथ्वी दिवस 2023: की थीम?
पृथ्वी दिवस 2023 की थीम "हमारे ग्रह में निवेश करें" है। पृथ्वी दिवस वर्तमान में नवीकरणीय ऊर्जा और ग्लोबल वार्मिंग के बारे में जागरूकता बढ़ाता है।
क्या है विश्व पृथ्वी दिवस 2023: का इतिहास और महत्व?
पृथ्वी दिवस का विचार सबसे पहले 1969 में यूनेस्को सम्मेलन में शांति कार्यकर्ता जॉन मैककोनेल द्वारा सोचा गया था। इस दिन को मनाने की अवधारणा पृथ्वी का सम्मान करने और उस पर शांति बनाए रखने के लिए थी।
1990 में हेन्स द्वारा वैश्विक पृथ्वी दिवस का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में 140 देशों के 20 करोड़ से अधिक लोगों ने भाग लिया था। वर्तमान समय में, पृथ्वी दिवस नेटवर्क (ईडीएन) 190 देशों में 20,000 साझेदारों और संगठनों में फैला हुआ है।
इस बीच, दर्जनों देशों में स्वयंसेवकों ने पृथ्वी दिवस 2023 को मनाने के लिए पेड़ लगाने, कचरा साफ करने और सरकारों से जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए और अधिक काम करने का आग्रह किया है, क्योंकि वैज्ञानिकों ने इस वर्ष अधिक चरम मौसम और रिकॉर्ड तापमान की चेतावनी दी है।