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अतिशय मौसम के कारण 2019 के अंत तक 2.2 करोड़ लोग हो जाएंगे विस्थापित: डब्ल्यूएमओ

डब्ल्यूएमओ की रिपोर्ट के मुताबिक ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के कारण 2019 में ज्यादा अतिशय मौसमी घटनाएं हुई हैं।
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अतिशय मौसमी घटनाओं के कारण 31 दिसंबर, 2019 तक करीब 2.2 करोड़ लोग विस्थापित हो जाएंगे। यह बात विश्व मौसम संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने अपनी वैश्विक जलवायु दशा 2019 की रिपोर्ट को जारी करते हुए कहा है। यह रिपोर्ट 3 दिसंबर को स्पेन की राजधानी मद्रिद में चल रहे 25वें कांफ्रेंस ऑफ पार्टीज (सीओपी 25) को जारी की गई।  

डब्ल्यूएमओ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अतिशय मौसमी घटनाओं के कारण तीन गुना अधिक विस्थापन होंगे। इससे 2019 के अंत तक विस्थापितों का आंकड़ा 2.2 करोड़ पहुंच सकता है। रिपोर्ट में गौर किया गया है कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के कारण 2019 में ज्यादा अतिशय मौसमी घटनाएं हुई हैं।

विश्व मौसम संगठन के महासचिव पेट्टरी तालस ने कहा कि यह एक प्रवृत्ति है जो कि बीते कुछ दशकों से जारी है। दिन-ब-दिन जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के तौर पर अतिशय और असमान्य मौसम हम झेल रहे हैं। 2019 में एक बार फिर मौसम और जलवायु संबंधी जोखिमों का खतरा और ज्यादा बढ़ा है। जिस तरह की लू या बाढ़ हम सदियों में अनुभव करते थे वह अब आए दिन हमें महसूस हो रहे हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में जनवरी से जून के बीच में एक करोड़ लोग अपने देश की सीमाओं के भीतर ही विस्थापित हुए और इनमें करीब 70 लाख लोग बाढ़, चक्रवात और हर्रिकेन जैसी अतिशय मौसमी घटनाओं के कारण विस्थापित हुए।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरी दुनिया में अतिशय मौसमी घटनाएं घटित हुई हैं। 2019 में यह प्रभावी और स्पष्ट तौर पर दिखाई दिया है। सभी महाद्वीपों पर मौसमी घटनाओं ने अपने फैलावा और तीव्रता के रिकॉर्ड तोड़े हैं। अमेरिका में जुलाई 2018 से जून 2019 के बीच (692 मिलीमीटर) वर्षा रिकॉर्ड की गई यह 12 महीनों के औसत वर्षा आंकड़ों में अब तक का सबसे उच्च आंकड़ा है। डब्ल्यूएमओ रिपोर्ट में भारतीय मानसून में हो रहे बदलाव पर भी गौर किया गया है। मानसून के आगमन और विदाई के कारण जून में बारिश संकट रहा और अन्य महीनों में ज्यादा वर्षा रिकॉर्ड की गई। 

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