कॉप-26: पृथ्वी को बचा लो, ग्रेटा और उसकी साथियों ने की विश्व नेताओं से अपील

ग्रेटा थनबर्ग ने तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस का लक्ष्य हासिल, जीवाश्म ईंधन पर निवेश रोकने और विकासशील देशों को 100 अरब डाॅलर देने की अपील की
बाएं से: स्वीडन की ग्रेटा थनबर्ग, युगांडा से वैनेसा नाकाटे, पोलैंड से डोमिनिका लासोटा और फिलीपींस से मित्ज़ी जोनेल टैन
बाएं से: स्वीडन की ग्रेटा थनबर्ग, युगांडा से वैनेसा नाकाटे, पोलैंड से डोमिनिका लासोटा और फिलीपींस से मित्ज़ी जोनेल टैन
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कम उम्र में जलवायु परिवर्तन के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली स्वीडिश की ग्रेटा थनबर्ग सहित कई युवाओं ने विश्व नेताओं से अपील की है कि वे पृथ्वी को बचाने के लिए आगे आएं।

1 नवंबर, 2021 से ग्लासगो में शुरू हुए 26वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मेलन (कॉप 26) से पहले यह बयान जारी किया गया है।

ग्रेटा के अलावा इस बयान में युगांडा की कार्यकर्ता वैनेसा नाकाटे, पोलिश कार्यकर्ता डोमिनिका लासोटा आदि शामिल हैं।

थनबर्ग ने लिखा: "हम 1.5 डिग्री सेल्सियस के महत्वपूर्ण लक्ष्य से बहुत दूर हैं। बल्कि कई देशों में वहां की सरकारें इस संकट को और बढ़ा रही है। ये देश जीवाश्म ईंधन पर अरबों खर्च कर रही हैं। यह पृथ्वी के लिए कोड रेड है। इससे लाखों लोग पीड़ित होंगे, क्योंकि हमारा ग्रह तबाह हो जाएगा। कॉप-26 में आप (नेताओं) के द्वारा लिए गए निर्णय तय करेंगे कि भविष्य कैसे होगा, क्या इस संकट को टाला जा सकता है, क्योंकि आपके पास निर्णय लेने की शक्ति है।"

थुनबर्ग और अन्य ने नेताओं की निम्नलिखित मांगें रखीं:

1- तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस के कीमती लक्ष्य को हाासिल और सालाना उत्सर्जन को कम करने के लिए तत्काल और कठोर निर्णय लिए जाएं।

2- सभी तरह के जीवाश्म ईंधन पर निवेश, सब्सिडी और नई परियोजनाओं को तुरंत समाप्त किया जाए और नए अन्वेषण और निष्कर्षण को रोका जाए।

3- सभी खपत सूचकांकों, आपूर्ति श्रृंखलाओं, अंतर्राष्ट्रीय विमानन और शिपिंग, और बायोमास के जलने से होने वाले कुल उत्सर्जन को प्रकाशित करने वाले 'क्रिएटिव' कार्बन लेखांकन समाप्त किया जाए।

4- गरीब व विकासशील देशों को जलवायु आपदाओं के लिए न केवल अतिरिक्त धन दिया जाए, बल्कि इन देशों को 100 अरब डॉलर देने का वादा भी किया जाए।

5- श्रमिकों और सबसे कमजोर लोगों की रक्षा और सभी प्रकार की असमानता को दूर करने वाली जलवायु नीतियां बनाई जाएं।

थनबर्ग ने कहा कि दुनिया के पास अभी भी मौका है और वह बदल सकती है। अगर हम बदलने के लिए तैयार हैं तो सबसे बुरे परिणामों से बचने के लिए अभी भी समय है। इसके लिए दृढ़ व दूरदर्शी नेतृत्व की आवश्यकता है। साथ ही, इसके लिए अत्याधिक साहस की आवश्यकता भी होगी - लेकिन यह जान लीजिए कि अगर आप इसके लिए उठेंगे तो अरबों लोग आपके ठीक पीछे होंगे।

थनबर्ग ने कहा, “हम जैसे लाखों लोग भविष्य को बचाने के लिए उठ खड़े हुए हैं। हम अपने-अपने मोर्चों पर लड़ रहे हैं और सत्ता के समक्ष सच बोलने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि मानवता और हमारी सबसे खूबसूरत पृथ्वी के प्रति प्यार की वजह से हम इस मोर्चे पर जीत हासिल करेंगे।”

थनबर्ग ने कहा कि वह और उनके साथी कार्यकर्ता व्यक्तिगत रूप से दर्जनों सरकारों से मिलेंगे, क्योंकि यह तत्काल कार्रवाई का सही वक्त है। हस्ताक्षर के तौर पर ग्रेटा थनबर्ग ने लिखा है, "फिएर्स होप" यानी " भारी उम्मीद"।

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