
कंक्रीट और प्लास्टिक जैसी निर्माण सामग्री में अरबों टन कार्बन डाइऑक्साइड को रोकने की क्षमता है। अध्ययन से पता चलता है कि अर्थव्यवस्था को कार्बन मुक्त करने के कदमों के साथ-साथ इमारतों में सीओ2 का भंडारण करने से दुनिया को ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिल सकती है।
यह अध्ययन कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, डेविस और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के सिविल इंजीनियरों और पृथ्वी प्रणाली वैज्ञानिकों के द्वारा किया गया है।
कार्बन को अलग करने का लक्ष्य कार्बन डाइऑक्साइड को जमा करना है, चाहे वह जहां से उत्पादित हो रही हो या वायुमंडल में ही क्यों न हो, इसे एक स्थिर रूप में परिवर्तित करना और इसे वायुमंडल से दूर जमा करना है, जहां इसकी वजह से जलवायु में बदलाव नहीं हो सकता है। इन योजनाओं में, उदाहरण के लिए, कार्बन को जमीन के अंदर इंजेक्ट करना या इसे गहरे समुद्र में जमा करना शामिल है। ये नजरिए व्यावहारिक चुनौतियों और पर्यावरणीय खतरों दोनों को सामने लाते हैं।
शोध पत्र में शोधकर्ता के हवाले से कहा गया कि क्या होगा अगर, इसके बजाय, कार्बन को जमा करने के लिए उन सामग्रियों का फायदा उठा सकें, जिनका उत्पादन हम पहले से ही बड़ी मात्रा में करते हैं?
शोध में कहा गया है कि शोधकर्ताओं ने डामर, प्लास्टिक, लकड़ी और ईंट सहित कई सामान्य निर्माण सामग्रियों में कार्बन को जमा करने की क्षमता का पता लगाया। इन सामग्रियों के 30 अरब टन से अधिक पारंपरिक संस्करण हर साल दुनिया भर में उत्पादित किए जाते हैं।
कंक्रीट में कार्बन-भंडारण की संभावना
अध्ययन किए गए कार्बन-भंडारण नजरियों में कंक्रीट में बायोचार या अपशिष्ट बायोमास को गर्म करके बनाए गए को मिलाना, कृत्रिम चट्टानों का उपयोग करना जिन्हें कंक्रीट और डामर फुटपाथ के रूप में कार्बन से भरा जा सकता है। जीवाश्म पेट्रोलियम स्रोतों के बजाय बायोमास पर आधारित प्लास्टिक और डामर बाइंडर और ईंटों में बायोमास फाइबर शामिल करना है। ये तकनीकें तैयारी के विभिन्न चरणों में हैं, जिनमें से कुछ की अभी भी प्रयोगशाला या पायलट पैमाने पर जांच की जा रही है और अन्य पहले से ही अपनाने के लिए उपलब्ध हैं।
शोधकर्ताओं ने पाया कि जबकि जैव-आधारित प्लास्टिक वजन के हिसाब से सबसे अधिक मात्रा में कार्बन जमा कर सकते हैं, कार्बन भंडारण की अब तक की सबसे बड़ी संभावना कंक्रीट बनाने के लिए कार्बोनेटेड का उपयोग करने में है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कंक्रीट अब तक दुनिया की सबसे लोकप्रिय निर्माण सामग्री है, इसका हर साल 20 अरब टन से अधिक का उत्पादन किया जाता है।
शोध में पाया गया कि बुनियादी ढांचे में पारंपरिक निर्माण सामग्री को सीओ 2 जमा करने के विकल्पों से पूरी तरह से बदलने से हर साल 16.6 अरब टन सीओ2 जमा हो सकती है, जो 2021 में मानवजनित सीओ2 उत्सर्जन का लगभग 50 फीसदी के बराबर है।
शोध पत्र में शोधकर्ता के हवाले से कहा गया कि अगर संभव हो, तो कंक्रीट में थोड़ा सा भंडारण काफी मददगार हो सकता है। टीम ने पता लगाया कि अगर दुनिया के कंक्रीट उत्पादन का 10 फीसदी कार्बोनेटेबल हो, तो यह एक गीगाटन सीओ2 को अवशोषित कर सकता है।
शोध में कहा गया है कि निर्माण सामग्री बनाने की इन नई प्रक्रियाओं के लिए फीडस्टॉक अधिकतर बायोमास जैसे कम मूल्य वाले अपशिष्ट पदार्थ हैं। इन नई प्रक्रियाओं को लागू करने से उनका मूल्य बढ़ेगा, आर्थिक विकास होगा और एक सर्कुलर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
साइंस पत्रिका में प्रकाशित शोध पत्र में शोधकर्ता के हवाले से कहा गया कि कुछ तकनीकों के विकास की जरूरत है, विशेष रूप से ऐसे मामलों में जहां व्यक्तिगत निर्माण विधियों की सामग्री प्रदर्शन और कुल भंडारण क्षमता को मान्य किया जाना चाहिए। हालांकि इनमें से कई तकनीकें अभी अपनाए जाने के लिए इंतजार कर रही हैं।