इससे पहले, विश्व बैंक ने अनुमान लगाया था कि उप-सहारा अफ्रीका, दक्षिण एशिया और लैटिन अमेरिका में जलवायु परिवर्तन संबंधी घटनाओं के कारण 2050 तक 14.3 करोड़ लोग अपने देश के अंदर ही विस्थापित होने के लिए मजबूर होंगेे। संयुक्त राष्ट्र की ही दूसरी एजेंसी, यूनाईटेड नेशंस कंवेंशन टू कॉम्बैट डि-सर्टिफिकेशन (यूएनसीसीडी) का आकलन था कि साल 2000 से 2015 की तुलना में 2059 तक सूखे के चलते अफ्रीका में 2.2 करोड़ और लोग, दक्षिण अमेरिका में 1.2 करोड़ लोग और एशिया में एक करोड़ लोगों को विस्थापन करना पड़ेगा।