देश में बसंत का मौसम जैसे गायब सा हो गया है। सर्दियों के बाद सीधे गर्मियां, मौसम में बड़े बदलाव की ओर इशारा करती हैं। तापमान में बहुत तेजी से उतार-चढ़ाव आ रहा है। इसके चलते मौसम बहुत जल्द सर्दियों से गर्मियों में बदल रहा है। यह जलवायु में आते बदलाव नहीं तो और क्या हैं, जिसके चलते देश में मौसमी बदलाव आ रहे हैं।
वैश्विक जलवायु में आते बदलाव भारत में साफ तौर पर दिख रहे हैं। बढ़ते तापमान की गवाही आंकड़े भी देते हैं। आज बदलते मौसम का असर देश में हर आमोखास द्वारा महसूस किया जा रहा है। एक तरफ जलवायु परिवर्तन न केवल देश में बाढ़, सूखा, तूफान जैसी आपदाओं के कहर को बढ़ा रहा है, साथ ही सदियों से चले आ रहे ऋतुओं के चक्र में भी बदलाव की वजह बन रहा है।
इन बदलावों को क्लाइमेट सेंट्रल ने भी अपनी रिपोर्ट में उजागर किया है। क्लाइमेट सेंट्रल ने आंकड़ों और विशेषज्ञों के हवाले से जानकारी दी है कि जलवायु में आते बदलावों के चलते भारतीय ऋतुओं में बदलाव आ रहा है। यह प्रभाव सर्दी के मौसम पर विशेष रूप से दिख रहा है। देश में कहीं सर्दी के दौरान तापमान बढ़ रहा है, तो कहीं कम हो रहा है।
बता दें कि क्लाइमेट सेंट्रल ने अपनी इस नई रिपोर्ट में सर्दियों के मौसम (दिसंबर से फरवरी) पर ध्यान केंद्रित किया है। इसके साथ ही भारत के 33 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए औसत मासिक तापमान की भी गणना की गई है।
रिपोर्ट में देश के प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में महीने दर महीने तापमान में होती वृद्धि का अध्ययन किया गया है। इसके साथ ही तीन महीने की मौसमी अवधि के दौरान वैश्विक तापमान में होती वृद्धि के प्रभावों का भी विश्लेषण किया गया है।
गर्म होती सर्दियां
रिपोर्ट के मुताबिक अध्ययन में शामिल देश के प्रत्येक क्षेत्र में सर्दी के दौरान तापमान में वृद्धि दर्ज की गई है। 1970 के बाद से मणिपुर के तापमान में सबसे अधिक 2.3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि दूसरी ओर देश की राजधानी दिल्ली के तापमान में सबसे कम यानी 0.2 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई है।
क्लाइमेट सेंट्रल ने देश के जिन 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अध्ययन में शामिल किया है, उनमें से 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सर्दियों का सीजन सबसे तेजी से गर्म होने वाला मौसम रहा। वहीं पतझड़ के दौरान 13 क्षेत्रों में मौसम सबसे तेजी से गर्म हुआ था। इस लिहाज से देखें तो तापमान बढ़ने के मामले में पतझड़ के बाद सर्दियों का मौसम दूसरे स्थान पर रहा।
देश में सर्दियों के दौरान भी तापमान में उल्लेखनीय बदलाव दर्ज किए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक देश के दक्षिणी भाग में दिसंबर और जनवरी के दौरान तापमान में अधिक वृद्धि दर्ज की गई है। आंकड़े यह भी दर्शाते हैं कि दिसंबर और जनवरी में जहां सिक्किम के तापमान में 2.4 डिग्री सेल्सियस वहीं मणिपुर 2.1 डिग्री सेल्सियस का सबसे अधिक बदलाव दर्ज किया गया।
हालांकि देश के उत्तरी भाग में दिसंबर और जनवरी के दौरान तापमान में गिरावट दर्ज की गई। यह कह सकते हैं कि इन क्षेत्रों में सर्दियां और ठंडी हो रही हैं। इस दौरान दिल्ली जहां दिल्ली के तापमान में -0.2 डिग्री सेल्सियस की कमी देखी गई जो जनवरी में बढ़कर -0.8 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गई।
अन्य राज्यों को देखें तो जहां लद्दाख में दिसंबर के दौरान तापमान में वृद्धि की दर 0.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज की गई, वहीं उत्तर प्रदेश में जनवरी के दौरान यह दर -0.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज की गई।
कुल मिलाकर देखें तो देश में जनवरी और फरवरी के बीच सर्दियों के तापमान में नाटकीय रूप से बदलाव आ रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी के दौरान सभी क्षेत्रों के तापमान में इजाफा देखा गया। इससे पहले के महीनों में भी कई क्षेत्रों में जहां तापमान कम या ठंडा रहता है वहां भी विशेष रूप से तापमान में वृद्धि दर्ज की गई।
फरवरी के तापमान में तेजी से हो रही वृद्धि
गौरतलब है कि जहां जम्मू कश्मीर के तापमान में 3.1 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि दूसरी तरफ तेलंगाना में 0.4 डिग्री सेल्सियस के साथ तापमान में सबसे कम वृद्धि रिकॉर्ड की गई।
उत्तरी भारत में जहां जनवरी के दौरान तापमान में कम या हल्की वृद्धि दर्ज की गई। वहीं फरवरी के तापमान में तेजी से वृद्धि रिकॉर्ड की गई। इसका मतलब है कि सर्दियों से गर्मियों के बीच तापमान में फरवरी के दौरान ही अचानक से बदलाव की आशंका प्रबल हो गई है। आमतौर पर ऐसा मार्च के महीने में देखा जाता है।
देश में यह इस तरह का अचानक बदलाव सबसे ज्यादा राजस्थान में रिकॉर्ड किया गया। जहां जनवरी की तुलना में फरवरी का तापमान 2.6 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। इसी तरह कुल नौ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में जनवरी और फरवरी के बीच तापमान में दो डिग्री सेल्सियस से अधिक का अंतर देखा गया।
इन राज्यों में राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, पंजाब, जम्मू और कश्मीर और उत्तराखंड शामिल थे। यह आंकड़े इस बात को पुख्ता करते हैं कि देश में सर्दियों का मौसम तेजी से गर्मियों में बदल रहा है, जिसकी वजह से बसंत 'गायब' सा हो गया है।