जलवायु संकट: लगातार 528वें महीने औसत से ज्यादा रहा तापमान, दर्ज की गई 0.97 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि

एक तरफ जहां यूरोप ने अब तक की अपनी दूसरी सबसे गर्म सर्दियों का सामना किया। वहीं वैश्विक स्तर पर समुद्री बर्फ में आई कमी ने एक नया कीर्तिमान बनाया है।
फोटो: आईस्टॉक
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पिछले 174 वर्षों में अब तक की चौथी सबसे गर्म फरवरी रिकॉर्ड की गई है। जब तापमान 20वीं सदी के औसत तापमान से 0.97 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया है। देखा जाए तो यह लगातार 528वां महीना है जब तापमान सामान्य से ज्यादा दर्ज किया गया है। यह स्पष्ट तौर पर दर्शाता है कि हमारी धरती बड़ी तेजी से गर्म हो रही है।

इस बारे में ताजा जानकारी नेशनल ओसेनिक एंड एटमोस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल इंफॉर्मेशन (एनसीईआई) द्वारा जारी नई रिपोर्ट में सामने आई है। देखा जाए तो पिछले 44 वर्षों में कोई भी फरवरी का महीना ऐसा नहीं रहा जब तापमान औसत से नीचे गया हो।

गौरतलब है कि 2016 में अब तक का सबसे गर्म फरवरी का महीना दर्ज किया गया था, जब तापमान सामान्य से 1.33 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो गया था। इसी तरह वर्ष 2020 में तापमान 1.2 डिग्री सेल्सियस, 2017 में  1.11 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं यदि फरवरी 2022 की बात करें तो उस माह में तापमान सामान्य से 0.91 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया।

ऐसा नहीं है कि पिछले जनवरी का महीने में जलवायु रिकॉर्ड नहीं बने। पिछले महीना जलवायु रिकॉर्ड का सातवां सबसे गर्म जनवरी का महीना था। जब तापमान बीसवीं सदी के औसत तापमान से 0.87 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया था।

यदि क्षेत्रीय आधार पर देखें तो जहां एशिया ने अपनी सातवीं सबसे गर्म फरवरी दर्ज की थी। वहीं दक्षिण अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका सब के लिए इस साल फरवरी का महीना, इतिहास के 20 सबसे गर्म फरवरी के महीनों में शामिल था। इसी तरह उत्तरी अमेरिका और ओशिनिया में भी फरवरी का महीना औसत से अधिक गर्म था, हालांकि तापमान इतना भी नहीं था कि वो इस महीने को 20 सबसे गर्म फरवरी के महीनों में शामिल कर पाता।

समुद्री बर्फ में आई कमी ने बनाया नया कीर्तिमान  

वहीं यदि पिछले तीन महीनों दिसंबर 2022 से फरवरी 2023 का तापमान देखें तो वो औसत से 0.90 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था। देखा जाए तो यह उसे जलवायु रिकॉर्ड में पांचवा सबसे गर्म दिसंबर से फरवरी का मौसम बनाता है।

इसी तरह दिसंबर से फरवरी की पिछली नौ अवधियों को भी 10 सबसे गर्म अवधियों में शुमार किया गया है। जहां उत्तरी गोलार्ध के लिए यह अवधि पांचवीं सबसे गर्म सर्दी थी। जब तापमान सामान्य से 1.25 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया। वहीं इस बीच दक्षिणी गोलार्ध के लिए 2003 और 2006 के साथ यह 10वां  सबसे गर्म मौसम था। जब तापमान सामान्य से 0.54 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रिकॉर्ड किया गया है।

एक तरफ जहां यूरोप ने अब तक की अपनी दूसरी सबसे गर्म सर्दियों का सामना किया। वहीं अफ्रीका के लिए यह चौथा सबसे गर्म दिसंबर से फरवरी का मौसम था। वैश्विक स्तर पर देखें तो फरवरी 2023 में समुद्रों में जमा बर्फ ने एक नया रिकॉर्ड कायम किया था।

अफ्रीका में फ्रेडी ने मचाया मौत का कहर

जब अंटार्कटिक में जमा समुद्री बर्फ 1991 से 2020 के औसत से  460,000 वर्ग मील कम दर्ज की गई थी। जो उसे रिकॉर्ड की सबसे छोटी समुद्री बर्फ की सीमा बनाती है। इसी तरह आर्कटिक में जमा समुद्री बर्फ की सीमा औसत से करीब 260,000 वर्ग मील कम दर्ज की गई थी। जो पिछले 45 वर्षों के इतिहास में आर्कटिक में फरवरी के दौरान जमा तीसरी सबसे छोटी समुद्री बर्फ की सीमा है। 

इसी तरह इस फरवरी में औसत से कही ज्यादा तूफान आए थे। इस दौरान पांच तूफान दर्ज किए गए, जिनमें से चार उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की शक्ति 74 मील प्रति घंटा या उससे ज्यादा थी। वहीं एक चक्रवात में हवा की रफ्तार 111 मील प्रति घंटे या उससे ऊपर पहुंच गई थी।

गौरतलब है कि असाधारण रूप से लंबे समय तक रहने वाला उष्णकटिबंधीय चक्रवात फ्रेडी कई अफ्रीकी देशों के लिए बड़ी समस्या बन चुका है। इस तूफान से अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है।

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