बढ़ते तापमान से बेकाबू हालात, लगातार 530वें महीने सामान्य से ज्यादा रहा अप्रैल 2023 में तापमान

174 वर्षों के जलवायु रिकॉर्ड को देखें तो अप्रैल 2023 अब तक का चौथा सबसे गर्म अप्रैल है, जब तापमान बीसवीं सदी के औसत से एक डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया है
मथुरा में चिलचिलाती गर्मी में ट्रेन से धूल भरी सीमेंट की बोरियां उतारते मजदूर; फोटो: आईस्टॉक
मथुरा में चिलचिलाती गर्मी में ट्रेन से धूल भरी सीमेंट की बोरियां उतारते मजदूर; फोटो: आईस्टॉक
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जलवायु परिवर्तन और बढ़ते तापमान के साथ, देश-दुनिया में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। बढ़ते तापमान का ही नतीजा है कि अप्रैल 2023 में लगातार 530वें महीने तापमान बीसवीं सदी के औसत तापमान से ज्यादा दर्ज किया गया। इसी तरह यह लगातार 49वां अप्रैल है जब तापमान औसत से ऊपर रिकॉर्ड किया गया है।  

यदि 174 वर्षों के जलवायु रिकॉर्ड को देखें तो अप्रैल 2023 अब तक का चौथा सबसे गर्म अप्रैल का महीना है जब तापमान बीसवीं सदी के औसत से एक डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया है। यह जानकारी नेशनल ओसेनिक एंड एटमोस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल इंफॉर्मेशन (एनसीईआई) द्वारा जारी नई रिपोर्ट में सामने आई है।

गौरतलब है कि कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस ने भी इस बात की पुष्टि की है कि अप्रैल अब तक का चौथा सबसे गर्म अप्रैल का महीना है। जब तापमान 1991 से 2020 के औसत से 0.32 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रिकॉर्ड किया गया। वहीं दूसरी तरफ यदि भारत में तापमान को देखें तो वो औसत से कम रहा।

दक्षिण गोलार्ध ने अनुभव किया अब तक का सबसे गर्म महीना

इससे पहले मार्च 2023 का महीना भी जलवायु रिकॉर्ड का अब तक का दूसरा सबसे गर्म मार्च था। जब तापमान सामान्य से 1.24 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रिकॉर्ड किया गया था। वहीं अप्रैल 2023 में दक्षिणी गोलार्ध ने अपने सबसे गर्म अप्रैल को अनुभव किया। देखा जाए तो दक्षिणी गोलार्ध में यह पहला मौका है जब किसी महीने में औसत तापमान इतना ज्यादा दर्ज किया गया है।

इससे पहले दक्षिणी गोलार्ध में मार्च 2016 के दौरान तापमान सबसे ज्यादा था लेकिन इस माह अप्रैल 2023 में दक्षिण गोलार्ध का औसत तापमान मार्च 2016 की तुलना में 0.06 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था। वहीं दूसरी तरफ उत्तरी गोलार्ध ने अपने नौवें सबसे गर्म अप्रैल को अनुभव किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जहां अफ्रीका ने अपने चौथे सबसे गर्म अप्रैल को अनुभव किया, वहीं दक्षिण अमेरिका में यह नौवां सबसे गर्म अप्रैल था जब तापमान 2007 जितना गर्म था। इसी तरह उत्तरी अमेरिका, एशिया, यूरोप और ओशिनिया में भी अप्रैल का तापमान औसत से ऊपर रहा, हालांकि इसके बावजूद वो 20 सबसे गर्म अप्रैल के महीनों में शामिल नहीं था। स्पेन ने जहां अब तक के अपने सबसे गर्म और सूखे अप्रैल का सामना किया। इसी तरह न्यूजीलैंड में भी 11 वां सबसे गर्म अप्रैल दर्ज किया गया। 

अप्रैल में महासागरों का तापमान भी नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया। जब तापमान औसत से करीब 0.86 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया। इससे पहले कभी भी अप्रैल में इतना तापमान दर्ज नहीं किया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जनवरी 2016 में समुद्रों का तापमान सबसे ज्यादा गर्म दर्ज किया गया था। हालांकि अप्रैल 2023 में समुद्रों का तापमान उससे केवल 0.01 डिग्री सेल्सियस कम है।

इसी तरह यदि जनवरी से अप्रैल 2023 की अवधि को देखें तो वैश्विक तापमान इसी अवधि के लिए दर्ज औसत तापमान 12.6 डिग्री सेल्सियस से 1.03 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया है जो उसे रिकॉर्ड की चौथी सबसे गर्म अवधि बनाता है। वहीं एनसीईआई द्वारा जारी रिपोर्ट की मानें तो इस बात की 99 फीसदी से ज्यादा सम्भावना है कि 2023 इतिहास के दस सबसे गर्म वर्षों में शुमार होगा। वहीं इसके शीर्ष पांच सबसे गर्म वर्षों में शामिल होने की 93 फीसदी सम्भावना है।

इसी तरह यदि ध्रुवों पर जमा बर्फ को देखें तो यह तीसरा मौका है जब अप्रैल के महीने में बर्फ का विस्तार इतना कम दर्ज किया गया है। अप्रैल 2023 में आर्कटिक समुद्री बर्फ का विस्तार 1991 से 2020 के औसत से करीब 130,000 वर्ग मील कम था। जो 54 लाख वर्ग मील दर्ज किया गया।

45 वर्षों के इतिहास में यह 11वां मौका है जब आर्कटिक में जमा बर्फ की सीमा इतनी कम दर्ज की गई है। इसी तरह अप्रैल 2023 में अंटार्कटिक में जमा समुद्री बर्फ का विस्तार औसत से करीब 560,000 वर्ग मील कम दर्ज किया गया है जो उसे रिकॉर्ड में तीसरी सबसे छोटी सीमा बनाता है।

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