मौसम में बदलाव के साथ दिल्ली-फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में जो सुधार आया था, वो ज्यादा समय तक कायम न रह सका। इन दोनों शहरों में एक बार फिर प्रदूषण में इजाफा दर्ज किया गया है। एक तरफ दिल्ली में जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक में 54 अंकों का उछाल आया है। वहीं फरीदाबाद के एक्यूआई में भी भी 103 अंकों की वृद्धि हुई है। नतीजन इन दोनों ही शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर पहुंच गई।
इसी तरह देश के 16 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। इन शहरों में अमृतसर, बद्दी, बागपत, भरतपुर, बक्सर, चरखी दादरी, धनबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, कुरुक्षेत्र, मंडी गोविंदगढ़, पाथरडीह, रायचुर, तुमकुरु, विशाखापत्तनम शामिल रहे। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 20 फीसदी का इजाफा हुआ है।
केंद्रीय प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों से पता चला है कि देश के महज दो शहरों में वायु गुणवत्ता दमघोंटू बनी हुई है। यह दो शहर बल्लभगढ़ (233) और रोहतक (260) हैं, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' बना हुआ है। कल से देखें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की संख्या में इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ एक बार फिर देश में आइजोल की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक नौ दर्ज किया गया है। यदि रोहतक के प्रदूषण की तुलना आइजोल से करें तो हवा करीब 29 गुणा खराब है। इसी तरह देश के 104 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। हालांकि कल से देखें तो इन शहरों की संख्या में मामूली गिरावट आई है।
बता दें कि इनमें गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हल्दिया, हापुड़, हसन, हावेरी, हावड़ा, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, जालोर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, करनाल, कारवार, कटिहार, कटनी, कोहिमा, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मंडीखेड़ा, मानेसर, मीरा-भयंदर, मैसूर, नागांव, नागपुर, नाहरलागुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, पाली, पिंपरी-चिंचवाड़, प्रतापगढ़, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रामनगर, रतलाम, ऋषिकेश, सांगली, सवाई माधोपुर, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर आदि शहर शामिल रहे।
आंकड़ों के मुताबिक देश के 106 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। हालांकि कल से इन शहरों की संख्या में भी करीब दो फीसदी की गिरावट आई है।
इनमें बेंगलुरु, बेतिया, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बुलंदशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चेन्नई, चिक्कमगलुरु, चित्तौड़गढ़, दमोह, दौसा, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फतेहाबाद, गांधीनगर, गुम्मिडीपोंडी, ग्वालियर, हाजीपुर, हिसार, हुबली, हैदराबाद, इम्फाल, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, झुंझुनू, जींद, कैथल, कन्नूर, करौली, खन्ना, कोल्हापुर, कोल्लम, लखनऊ, लुधियाना, महाद, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नलबाड़ी, नारनौल, नोएडा, पलवल, पंचकुला जैसे शहर शामिल रहे।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 29 जून 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 230 में से 104 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 106 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 28 जून 2024 यह आंकड़ा 108 दर्ज किया गया था।
18 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं बल्लभगढ़ (233) और रोहतक (260) में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में रोहतक (260) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के पार पहुंच गया है।
यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 54 अंक बढ़कर 118 पर पहुंच गया। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 171, गाजियाबाद में 123, गुरुग्राम में 133, नोएडा में 88, ग्रेटर नोएडा में 110 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 58 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 61, चेन्नई में 68, चंडीगढ़ में 70, हैदराबाद में 57, जयपुर में 58 और पटना में 88 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
देश के जिन 104 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला 44, आगरा 33, आइजोल 9, अकोला 37, अलवर 48, अमरावती 35, अमरावती 28, अंगुल 38, अरियालुर 35, बरेली 22, बाड़मेर 26, बैरकपुर 35, भागलपुर 50, भिलाई 32, भीलवाड़ा 31, भोपाल 35, बीकानेर 50, बिलासपुर 39, ब्यासनगर 39, बर्नीहाट 38, चामराजनगर 46, चंद्रपुर 33, छाल 36, छपरा 47, चिक्कबल्लापुर 47, चूरू 31, कोयंबटूर 39, कुड्डालोर 32, कटक 32, देहरादून 43, देवास 35, एलूर 50, फिरोजाबाद 34, गडग 47, गंगटोक 21, गया 48, गोरखपुर 43, गुवाहाटी 22, हल्दिया 27, हापुड़ 40, हसन 32, हावेरी 41, हावड़ा 33, इंदौर 45, जबलपुर 48, जलगांव 34, जलना 48, जालोर 44, झालावाड़ 43, झांसी 38, जोधपुर 43, कलबुर्गी 44, कल्याण 30, कानपुर 50, करनाल 44, कारवार 32, कटिहार 41, कटनी 49, कोहिमा 39, कोलकाता 35, कोप्पल 49, कोरबा 38, कोटा 50, कुंजेमुरा 30, लातूर 35, मदिकेरी 23, मंडीखेड़ा 34, मानेसर 47, मीरा-भयंदर 44, मैसूर 32, नागांव 45, नागपुर 31, नाहरलागुन 13, नांदेड़ 31, नासिक 39, नवी मुंबई 48, ऊटी 28, पाली 43, पिंपरी-चिंचवाड़ 37, प्रतापगढ़ 37, पूर्णिया 44, रायपुर 44, रायरंगपुर 39, राजसमंद 44, रामनगर 29, रतलाम 42, ऋषिकेश 46, सांगली 29, सवाई माधोपुर 48, सिलचर 46, सिलीगुड़ी 30, शिवसागर 50, सुआकाती 43, ठाणे 35, तिरुवनंतपुरम 40, थूथुकुडी 44, त्रिशूर 46, तिरुपति 40, टोंक 41, तुमडीह 24, वापी 46, वाराणसी 35, वेल्लोर 31, यादगीर 36, शामिल रहे।
वहीं अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अंबाला, अनंतपुर, अंकलेश्वर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागलकोट, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपाड़ा, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बुलंदशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चेन्नई, चिक्कमगलुरु, चित्तौड़गढ़, दमोह, दौसा, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फतेहाबाद, गांधीनगर, गुम्मिडीपोंडी, ग्वालियर, हाजीपुर, हिसार, हुबली, हैदराबाद, इम्फाल, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, झुंझुनू, जींद, कैथल, कन्नूर, करौली, खन्ना, कोल्हापुर, कोल्लम, लखनऊ, लुधियाना, महाद, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नलबाड़ी, नारनौल, नोएडा, पलवल, पंचकुला, पानीपत, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, राजमहेंद्रवरम, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, सासाराम, सतना, शिवमोगा, सीकर, सिंगरौली, सिरसा, सीवान, सोलापुर, सोनीपत, तालचेर, टेन्सा, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, वृंदावन, यमुना नगर आदि 106 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।
वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।
इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।