दिल्ली में अभी प्रदूषण से राहत नहीं, लगातार सातवें दिन 'बेहद खराब' रही वायु गुणवत्ता

ताजा रुझानों पर नजर डालें तो देश में झुंझुनूं की स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 376 तक पहुंच गया है
देश के कई शहरों  में वायु गुणवत्ता न केवल इंसानों बल्कि दूसरे जीवों के लिए भी सुरक्षित नहीं है; फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
देश के कई शहरों में वायु गुणवत्ता न केवल इंसानों बल्कि दूसरे जीवों के लिए भी सुरक्षित नहीं है; फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
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दिल्ली को प्रदूषण से जल्द राहत मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे। आंकड़ों पर नजर डालें तो लगातार सातवें दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' रही। देखा जाए तो नवंबर के महीने में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 से नीचे आया हो।

ताजा रुझानों पर नजर डालें तो दिल्ली में पिछले 24 घंटों के दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक 373 रिकॉर्ड किया गया। मतलब की यहां हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

सीपीसीबी द्वारा जारी ताजा रुझानों को देखें तो देश में झुंझुनूं की स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 376 दर्ज किया गया है। हालांकि दिल्ली भी उससे ज्यादा पीछे नहीं है। इसी तरह हनुमानगढ़ (344), चुरू (335), श्रीगंगानगर (327), भिवाड़ी (326), धारूहेड़ा (321) और करौली (303) में भी स्थिति बेहद खराब बनी हुई है। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में बेहद खराब हवा वाले शहरों की गिनती में कल से करीब 43 फीसदी की गिरावट आई है।

वहीं दूसरी तरफ देश में पालकलाईपेरुर की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 25 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर झुंझुनूं की तुलना पालकलाईपेरुर से करें तो वहां स्थिति 14 गुणा ज्यादा खराब है।

देश में पालकलाईपेरुर की तरह ही 34 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इन शहरों में चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, गंगटोक, हसन, करूर, कारवार, कोलार, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर आदि शामिल हैं। हालांकि चिंता की बात यह यह कि कल से देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 13 फीसदी की गिरावट आई है।

देश में वाराणसी की तरह ही 50 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में देहरादून, धारवाड़, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, गडग, गोरखपुर, गुवाहाटी, हुबली, कडपा, कलबुर्गी, क्योंझर, कोहिमा, कोल्लम, कोरबा आदि शामिल हैं। वहीं कल के मुकाबले देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में चार फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक देश के छोटे बड़े 122 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम दर्ज किया गया। कल से इन शहरों की संख्या में भी करीब 13 फीसदी का इजाफा हुआ है। 

इनमें अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अम्बाला, अमरावती, अररिया, आरा, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिहारशरीफ, बीकानेर, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, छाल, छपरा, चित्तौड़गढ़, कटक, देवास, धुले, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हावेरी, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पंचकुला, पानीपत, पटियाला, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायचुर, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रतलाम, रोहतक, रूपनगर, सागर, सहरसा, सासाराम, सिवान, सोलापुर, सुआकाती, तालचेर, ठाणे, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यमुनानगर आदि शहर शामिल हैं। 

दिल्ली से सटे शहर फरीदाबाद की बात करें तो कल से प्रदूषण में मामूली उछाल आया है, जिसके बाद वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 261 पर पहुंच गया। मतलब की फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता अभी भी 'खराब' बनी हुई है। बता दें कि फरीदाबाद की तरह ही देश के छोटे-बड़े 47 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' दर्ज किया गया है।

इन शहरों में अमृतसर, अंगुल, आसनसोल, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, भरतपुर, भिवानी, बिलीपाड़ा, बर्नीहाट, धौलपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड, हिसार, हावड़ा, जयपुर, जलगांव, जींद, कैथल, करनाल, कोटा, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नांदेड़, नारनौल, नोएडा, पलवल, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, राउरकेला, सीकर, सिंगरौली, सिरसा, सूरत आदि शामिल हैं।

वहीं कल से तुलना करें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की संख्या में करीब छह फीसदी की गिरावट आई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 05 नवंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 262 में से 34 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 50 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 04 नवंबर 2024 यह आंकड़ा 48 दर्ज किया गया था। 122 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में झुंझुनूं (376) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 400 के करीब पहुंच गया है। वहीं कल श्रीगंगानगर में स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 417 तक पहुंच गया था। आज दिल्ली प्रदूषण के मामले में दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 373 दर्ज किया गया।

गौरतलब है कि कल से दिल्ली के प्रदूषण में आठ अंकों की गिरावट आई है। इसके बाद वहां एक्यूआई 373 रिकॉर्ड किया गया। मतलब की हवा 'बेहद खराब' बनी हुई है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 261, गाजियाबाद में 268, गुरुग्राम में 298, नोएडा में 265, ग्रेटर नोएडा में 291 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 150 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 187, चेन्नई में 90, चंडीगढ़ में 192, हैदराबाद में 103, जयपुर में 260 और पटना में 126 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 34 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अनंतपुर, अरियालूर, बागलकोट, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, गंगटोक, हसन, करूर, कारवार, कोलार, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मैसूर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, पालकलाईपेरुर, रामनगर, रामनाथपुरम, सलेम, शिलांग, सिलचर, सिलीगुड़ी, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, उडुपी, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल रहे।

वहीं अंकलेश्वर, बरेली, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, बिलासपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चिकबलपुर, कोयंबटूर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, गडग, गोरखपुर, गुवाहाटी, हुबली, कडपा, कलबुर्गी, क्योंझर, कोहिमा, कोल्लम, कोरबा, मैहर, मंगुराहा, मिलुपारा, मोतिहारी, नगांव, ऊटी, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, राजसमंद, रानीपेट, ऋषिकेश, सांगली, सतना, सिरोही, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, तिरुपति, तिरुपुर, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, यादगीर आदि 50 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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