ताजा रुझानों के मुताबिक देश में कल से प्रदूषित हवा वाले शहरों में भारी इजाफा हुआ है। इसके साथ ही राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू हो गया है। हालात यह हैं की दिल्ली में 69 अंकों के भारी उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 224 पर पहुंच गया है। इसी तरह पड़ोसी शहर फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में भी भारी इजाफा दर्ज किया गया है। जहां 68 अंक बढ़कर एक्यूआई 177 पर पहुंच गया है।
मौजूदा आंकड़ों पर नजर डालें तो देश में एक बार फिर मुजफ्फरनगर की स्थिति सबसे खराब है, जहां एक्यूआई 267 तक पहुंच गया है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में गाजियाबाद, हापुड, नोएडा, दुर्गापुर, ग्रेटर नोएडा, मेरठ, दिल्ली, भिवाड़ी, बठिंडा शामिल हैं। इन सभी शहरों में वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है।
वहीं दूसरी तरफ एक बार फिर पालकालाइपेरुर की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 11 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि मुजफ्फरनगर की तुलना पालकालाइपेरुर से करें तो वहां वायु गुणवत्ता की स्थिति 24 गुणा ज्यादा खराब है।
देश में पालकालाइपेरुर की तरह ही 63 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता की स्थिति बेहतर बनी हुई है। इन शहरों में ऊटी, पालकालाइपेरुर, पीथमपुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, सलेम, शिवमोगा, सिरोही, शिवसागर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर आदि शहर शामिल हैं। वहीं को की तुलना में देखें तो देश में करीब 14 फीसदी की गिरावट आई है।
भारत के 99 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर अभी भी संतोषजनक बना हुआ है। कल से तुलना करें तो देश में इन शहरों की गिनती में करीब चार फीसदी की गिरावट आई है। इन शहरों में लखनऊ, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, नागपुर, नलबाड़ी, नारनौल, नवी मुंबई, पाली, पलवल, पंचकुला, पानीपत, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज आदि शहर शामिल थे।
रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि देश में फरीदाबाद सहित 70 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।
इन शहरों में अम्बाला, अमृतसर, अररिया, आरा, आसनसोल, बद्दी, बागपत, बल्लभगढ़, बारबिल, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिवानी, भोपाल, बिहारशरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, चरखी दादरी, छाल, चुरू, दौसा, फरीदाबाद, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हिसार, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, झुंझुनूं, जींद, कैथल, कानपुर, करनाल, काशीपुर, कटिहार, खुर्जा, किशनगंज, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मंडीदीप, मंगुराहा, मुजफ्फरपुर, नागौर, पटियाला, पटना, रायचुर, राजगीर, रतलाम, राउरकेला, सागर, समस्तीपुर, सीकर, सिंगरौली, सिवान, टोंक, उज्जैन, उल्हासनगर, विजयपुरा, वृंदावन, यमुनानगर शामिल थे।
हालांकि कल की तुलना में देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में भी एक फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। वहीं दूसरी तरफ देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 175 फीसदी का इजाफा हुआ है।
कुल मिलाकर देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या घटकर 26 फीसदी रह गई है। वहीं करीब 41 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है, जबकि 33 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 13 अक्टूबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 244 में से 64 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 99 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 12 अक्टूबर 2024 यह आंकड़ा 103 दर्ज किया गया था। 70 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में मुजफ्फरनगर (267) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 270 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (224) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 69 अंकों का इजाफा हुआ है।
दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 177, गाजियाबाद में 265, गुरुग्राम में 169, नोएडा में 243, ग्रेटर नोएडा में 228 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 56 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 99, चेन्नई में 30, चंडीगढ़ में 98, हैदराबाद में 62, जयपुर में 111 और पटना में 145 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
देश के जिन 64 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अकोला, अमरावती, अमरावती, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बेगूसराय, बेलगाम, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, बीदर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, धौलपुर, डिंडीगुल, एलूर, गंगटोक, गुवाहाटी, हल्दिया, हुबली, कलबुर्गी, कोलार, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मालेगांव, मंगलौर, नगांव, नांदेड़, नासिक, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पीथमपुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, सलेम, शिवमोगा, सिरोही, शिवसागर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, उडुपी, वापी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, यादगीर शामिल रहे।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, आइजोल, अजमेर, अलवर, अंगुल, औरंगाबाद (बिहार), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेलापुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, छपरा, चित्तौड़गढ़, दमोह, देहरादून, देवास, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, ग्वालियर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कल्याण, करौली, करूर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, लखनऊ, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, नागपुर, नलबाड़ी, नारनौल, नवी मुंबई, पाली, पलवल, पंचकुला, पानीपत, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायरंगपुर, राजसमंद, ऋषिकेश, रोहतक, रूपनगर, सहरसा, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, सोलापुर, सोनीपत, श्रीगंगानगर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तुमकुरु, उदयपुर, वाराणसी, विरार, विशाखापत्तनम आदि 99 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।