
भारत में वायु प्रदूषण एक ऐसी समस्या है जो करोड़ों लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही है। आज भी देश के 67 फीसदी शहर ऐसे हैं जहां वायु गुणवत्ता का स्तर चिंताजनक बना हुआ है। इन शहरों में कई छोटे तो कई दिल्ली जैसे बड़े शहर शामिल हैं।
ताजा रुझानों पर नजर डालें तो देश में हाजीपुर की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 299 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह हावड़ा, तालचेर, पटना, दुर्गापुर, आसनसोल सही कई शहरों में स्थिति दमघोंटू बनी हुई है। देश में आज 29 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' दर्ज की गई है।
हालांकि अच्छी खबर यह है कि देश में कल से 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 22 फीसदी की गिरावट आई है।
इसके बावजूद जिन शहरों में हवा खराब बनी हुई है। उनमें अगरतला, अंगुल, आसनसोल, बहादुरगढ़, बेगूसराय, भागलपुर, भुवनेश्वर, बर्नीहाट, कटक, दिल्ली, धौलपुर, दुर्गापुर, गुरूग्राम, हाजीपुर, हल्दिया, हिसार, हावड़ा, कटिहार, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, पटना, पीथमपुर, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, सहरसा, सासाराम, सीकर, तालचेर, टोंक शामिल हैं।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो कल से प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई है। दिल्ली में 26 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 262 पर पहुंच गया है। मतलब की दिल्ली में हवा अब भी खराब बनी हुई है।
वहीं दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद में कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां कल से पांच अंकों के इजाफे के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 111 पर पहुंच गया। मतलब की आज भी फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में बनी हुई है। इसी तरह देश के छोटे बड़े 138 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में दर्ज किया गया है।
इन शहरों में अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अमरावती, अम्बाला, अमरावती, अररिया, आरा, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बेलापुर, बेतिया, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, बीदर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, देवास, डूंगरपुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, जालौर, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कैथल, कल्याण, कानपुर, करौली, करनाल, काशीपुर, कटनी, खुर्जा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मानेसर, मंगुराहा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नागपुर, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पाली, पंचकुला, पानीपत, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रानीपेट, रतलाम, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सागर, समस्तीपुर, सांगली, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरसा, सिवान, सोनीपत, श्रीगंगानगर, सुआकाती, टेन्सा, तिरुपति, तुमकुरु, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वेल्लोर, विरार, वृंदावन, यादगीर, यमुनानगर शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में मामूली सुधार हुआ है।
दूसरी तरफ देश में थूथुकुडी की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 18 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश के छोटे बड़े 22 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता साफ बनी हुई है। इन शहरों में मैहर, मैसूर, पुदुकोट्टई, शिलांग, शिवमोगा, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, विजयपुरा आदि शामिल हैं।
कल के मुकाबले देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 21 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर हाजीपुर की तुलना थूथुकुडी से करें तो वहां स्थिति 16 गुणा ज्यादा खराब है।
आंकड़ों के मुताबिक देश में 59 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में धारवाड़, धुले, फिरोजाबाद, गडग, हापुड, हसन, हुबली, जालंधर, झालावाड़, झांसी, कलबुर्गी, कन्नूर, कारवार, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मंगलौर आदि शामिल हैं। हालांकि कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब पांच फीसदी की गिरावट आई है।
कुल मिलाकर देखें तो देश के नौ फीसदी से अधिक शहरों में हवा साफ है। दूसरी तरफ देश के 67 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसी तरह देश के करीब 24 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 13 दिसंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 249 में से महज 23 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 59 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 12 दिसंबर को यह आंकड़ा 62 दर्ज किया गया था।
138 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में हाजीपुर (299) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। वहीं कल हनुमानगढ़ में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 309 दर्ज किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 26 अंकों का गिरावट है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 262 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में अभी वायु गुणवत्ता का स्तर अभी भी खराब बना हुआ है।
इसी तरह पिछले महीने नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज पटना चौथे स्थान पर है, वहीं हावड़ा (294) दूसरे, जबकि तालचेर (293) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 111, गाजियाबाद में 137, गुरुग्राम में 237, नोएडा में 173, ग्रेटर नोएडा में 190 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 128 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 185, चेन्नई में 80, चंडीगढ़ में 200, हैदराबाद में 103, जयपुर में 156 और पटना में 277 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 23 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अरियालूर, बागलकोट, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, हावेरी, कांचीपुरम, करूर, कोलार, मदिकेरी, मैहर, मैसूर, पुदुकोट्टई, शिलांग, शिवमोगा, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अजमेर, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेलगाम, बेंगलुरु, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, कुड्डालोर, धनबाद, धारूहेड़ा, धारवाड़, धुले, फिरोजाबाद, गडग, हापुड, हसन, हुबली, जालंधर, झालावाड़, झांसी, कलबुर्गी, कन्नूर, कारवार, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मुरादाबाद, नाहरलगुन, पलवल, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, ऋषिकेश, सतना, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, ठाणे, उज्जैन, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा आदि 59 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
भारत में वायु प्रदूषण एक ऐसी समस्या है जो करोड़ों लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही है। आज भी देश के 67 फीसदी शहर ऐसे हैं जहां वायु गुणवत्ता का स्तर चिंताजनक बना हुआ है। इन शहरों में कई छोटे तो कई दिल्ली जैसे बड़े शहर शामिल हैं।
ताजा रुझानों पर नजर डालें तो देश में हाजीपुर की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 299 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह हावड़ा, तालचेर, पटना, दुर्गापुर, आसनसोल सही कई शहरों में स्थिति दमघोंटू बनी हुई है। देश में आज 29 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' दर्ज की गई है।
हालांकि अच्छी खबर यह है कि देश में कल से 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 22 फीसदी की गिरावट आई है।
इसके बावजूद जिन शहरों में हवा खराब बनी हुई है। उनमें अगरतला, अंगुल, आसनसोल, बहादुरगढ़, बेगूसराय, भागलपुर, भुवनेश्वर, बर्नीहाट, कटक, दिल्ली, धौलपुर, दुर्गापुर, गुरूग्राम, हाजीपुर, हल्दिया, हिसार, हावड़ा, कटिहार, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, पटना, पीथमपुर, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, सहरसा, सासाराम, सीकर, तालचेर, टोंक शामिल हैं।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो कल से प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई है। दिल्ली में 26 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 262 पर पहुंच गया है। मतलब की दिल्ली में हवा अब भी खराब बनी हुई है।
वहीं दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद में कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां कल से पांच अंकों के इजाफे के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 111 पर पहुंच गया। मतलब की आज भी फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में बनी हुई है। इसी तरह देश के छोटे बड़े 138 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में दर्ज किया गया है।
इन शहरों में अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अमरावती, अम्बाला, अमरावती, अररिया, आरा, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बागपत, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बेलापुर, बेतिया, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, बीदर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, देवास, डूंगरपुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, जालौर, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कैथल, कल्याण, कानपुर, करौली, करनाल, काशीपुर, कटनी, खुर्जा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मानेसर, मंगुराहा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नागपुर, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पाली, पंचकुला, पानीपत, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रानीपेट, रतलाम, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सागर, समस्तीपुर, सांगली, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरसा, सिवान, सोनीपत, श्रीगंगानगर, सुआकाती, टेन्सा, तिरुपति, तुमकुरु, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वेल्लोर, विरार, वृंदावन, यादगीर, यमुनानगर शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में मामूली सुधार हुआ है।
दूसरी तरफ देश में थूथुकुडी की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 18 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश के छोटे बड़े 22 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता साफ बनी हुई है। इन शहरों में मैहर, मैसूर, पुदुकोट्टई, शिलांग, शिवमोगा, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, विजयपुरा आदि शामिल हैं।
कल के मुकाबले देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 21 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर हाजीपुर की तुलना थूथुकुडी से करें तो वहां स्थिति 16 गुणा ज्यादा खराब है।
आंकड़ों के मुताबिक देश में 59 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में धारवाड़, धुले, फिरोजाबाद, गडग, हापुड, हसन, हुबली, जालंधर, झालावाड़, झांसी, कलबुर्गी, कन्नूर, कारवार, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मंगलौर आदि शामिल हैं। हालांकि कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब पांच फीसदी की गिरावट आई है।
कुल मिलाकर देखें तो देश के नौ फीसदी से अधिक शहरों में हवा साफ है। दूसरी तरफ देश के 67 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसी तरह देश के करीब 24 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 13 दिसंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 249 में से महज 23 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 59 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 12 दिसंबर को यह आंकड़ा 62 दर्ज किया गया था।
138 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में हाजीपुर (299) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। वहीं कल हनुमानगढ़ में हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 309 दर्ज किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 26 अंकों का गिरावट है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 262 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में अभी वायु गुणवत्ता का स्तर अभी भी खराब बना हुआ है।
इसी तरह पिछले महीने नवंबर में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। इसी तरह नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। बता दें कि प्रदूषण के मामले में आज पटना चौथे स्थान पर है, वहीं हावड़ा (294) दूसरे, जबकि तालचेर (293) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 111, गाजियाबाद में 137, गुरुग्राम में 237, नोएडा में 173, ग्रेटर नोएडा में 190 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 128 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 185, चेन्नई में 80, चंडीगढ़ में 200, हैदराबाद में 103, जयपुर में 156 और पटना में 277 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 23 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अरियालूर, बागलकोट, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, हावेरी, कांचीपुरम, करूर, कोलार, मदिकेरी, मैहर, मैसूर, पुदुकोट्टई, शिलांग, शिवमोगा, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अजमेर, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेलगाम, बेंगलुरु, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, कुड्डालोर, धनबाद, धारूहेड़ा, धारवाड़, धुले, फिरोजाबाद, गडग, हापुड, हसन, हुबली, जालंधर, झालावाड़, झांसी, कलबुर्गी, कन्नूर, कारवार, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मुरादाबाद, नाहरलगुन, पलवल, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, ऋषिकेश, सतना, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, ठाणे, उज्जैन, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा आदि 59 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।