
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 23 जुलाई 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 12 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
वहीं संतोषजनक हवा वाले शहरों में करीब पांच फीसदी की गिरावट आई है। राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। दिल्ली में 21 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 67 पर पहुंच गया है। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।
दूसरी तरफ आज देश में अगरतला की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 185 दर्ज किया गया। इस दौरान अगरतला की हवा में पीएम10 हावी था। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो अगरतला में प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 311 फीसदी अधिक है। गौरतलब है कि कल देश में धौलपुर की हवा सबसे प्रदूषित थी, जब एक्यूआई 217 रिकॉर्ड किया गया था। हालांकि कल से धौलपुर की वायु गुणवत्ता में 52 अंकों का सुधार आया है।
दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 11 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर अगरतला की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 16 गुणा खराब है।
प्रदूषण के मामले में आज सहरसा (181) दूसरे जबकि बर्नीहाट (175) तीसरे स्थान पर है। कमोबेश धौलपुर में भी ऐसी ही स्थिति है जो 165 अंकों के साथ चौथे पायदान पर है। इसी तरह समस्तीपुर (148) पांचवें जबकि बिलीपाड़ा (142) छठे स्थान पर है। सूरत और नंदेसरी में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है, जो आज प्रदूषित शहरों की लिस्ट में सातवें और आठवें पायदान पर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज गुम्मिडिपूंडी (127) और श्री गंगानगर (125) भी शामिल हैं।
रुझानों से पता चला है कि आज जहां देश में अगरतला, सहरसा, धौलपुर, सूरत, धनबाद, पाली, सुआकाती, बीकानेर आदि की हवा में पीएम10 हावी है। वहीं बर्नीहाट, समस्तीपुर, बिलीपाड़ा, नंदेसरी, गुम्मिडिपूंडी, श्री गंगानगर आदि शहरों में प्रदूषण के महीन कणों से स्थिति चिंताजनक है।
सरकारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज जहां देश के करीब 48 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 45 फीसदी से अधिक शहरों में हवा संतोषजनक है। दूसरी तरफ देश के करीब सात फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
रुझानों से पता चला है कि आज देश में आगरा सहित 109 शहरों की हवा साफ है। इन शहरों में कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, देवास, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गडग, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, करौली, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मैहर, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी आदि शामिल हैं।
अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 12 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। इसी तरह देश के छोटे बड़े 104 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।
इन शहरों में नागौर, नोएडा, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सिरोही, तालचेर, तिरुचिरापल्ली, टोंक, उदयपुर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा आदि शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब पांच फीसदी की गिरावट आई है।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 16 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में अगरतला, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बर्नीहाट, धनबाद, धौलपुर, गुम्मिडिपूंडी, कोरबा, मंडी गोबिंदगढ़, नंदेसरी, पाली, सहरसा, समस्तीपुर, श्री गंगानगर, सुआकाती, सूरत शामिल हैं।
कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 23 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 229 में से 109 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 104 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 22 जुलाई 2025 को यह आंकड़ा 109 दर्ज किया गया था।
16 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में अगरतला (185) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के करीब पहुंच गया। कल धौलपुर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 217 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 21 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 67 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज धौलपुर चौथे स्थान पर है, वहीं सहरसा (181) दूसरे, जबकि बर्नीहाट (175) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 54, गाजियाबाद में 64, गुवाहाटी में 86, हापुड में 66, नोएडा में 70, ग्रेटर नोएडा में 65 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 39 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 79, चेन्नई में 61, चंडीगढ़ में 65, हैदराबाद में 58, जयपुर में 88 और पटना में 85 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 109 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अरियालूर, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागलकोट, बालासोर, बारीपदा, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, बिलासपुर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, छाल, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, देवास, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गडग, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, करौली, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मैहर, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, सलेम, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुपुर, तुमिडीह, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।
वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आरा, आसनसोल, बद्दी, बागपत, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बाड़मेर, भागलपुर, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, दौसा, दिल्ली, धारवाड़, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हसन, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जलना, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नोएडा, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सिरोही, तालचेर, तिरुचिरापल्ली, टोंक, उदयपुर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा आदि 104 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।