सांसों की जंग: रोहतक में बढ़कर 176 पर पहुंचा एक्यूआई, शिलांग में सबसे साफ रही हवा

देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 11 फीसदी का इजाफा, लेकिन संतोषजनक हवा वाले शहरों में करीब 13 फीसदी की गिरावट आई है
चंडीगढ़ में सड़कों पर निजी वाहन, फोटो : हिमांशु नितनवरे
चंडीगढ़ में सड़कों पर निजी वाहन, फोटो : हिमांशु नितनवरे
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सारांश
  • साफ हवा में इजाफा – देश के 49 फीसदी (111) शहरों में हवा साफ रही। कल की तुलना में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 11 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।

  • संतोषजनक हवा में गिरावट – देश के 43 फीसदी (98) शहरों में हवा संतोषजनक रही, लेकिन यह संख्या कल से 13 फीसदी कम है।

  • सबसे प्रदूषित शहर – रोहतक – एक्यूआई 176 पर दर्ज, मानकों से 1,070 फीसदी अधिक प्रदूषण।

  • सबसे साफ हवा – शिलांग – एक्यूआई महज 7, रोहतक की हवा शिलांग से 24 गुना ज्यादा प्रदूषित।

  • दिल्ली में मामूली सुधार – वायु गुणवत्ता सूचकांक 123 पर पहुंचा, लेकिन अभी भी ‘मध्यम’ श्रेणी में। प्रदूषण डब्ल्यूएचओ सीमा से 173 फीसदी अधिक।

  • अन्य शीर्ष प्रदूषित शहर – मेरठ (159), गाजियाबाद (148), ग्रेटर नोएडा (139), मुजफ्फरनगर (136), पानीपत (132), बागपत (128), बहादुरगढ़ (128), मंडी गोबिंदगढ़ (127)।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 02 अक्टूबर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 49 फीसदी शहरों में हवा साफ है।

वहीं 43 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 8 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा साफ है। राहत की बात यह है कि देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में कल से 11 फीसदी का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज प्रदूषण के मामले में रोहतक की स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 176 दर्ज किया गया। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इस दौरान वहां की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी रहे। रुझानों के मुताबिक वहां फिजाओं में घुला जहर इतना है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

रोहतक में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी सुरक्षित सीमा से 1,070 फीसदी अधिक है। गौरतलब है कि कल रोहतक में वायु गुणवत्ता का स्तर 112 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में 64 अंकों का भारी उछाल आया है।

गौरतलब है कि कल देश में मैहर की हवा सबसे खराब थी। जब वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 232 तक पहुंच गया था, जो आज 168 अंकों के सुधार के साथ घटकर 64 रह गया है। मतलब कि मैहर में आज वायु गुणवत्ता खराब से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है।

दूसरी तरफ आज एक बार फिर देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज सात रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर रोहतक की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 24 गुणा खराब है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 123 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 173 फीसदी अधिक है।

आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में मेरठ (159) दूसरे, जबकि गाजियाबाद (148) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 139 अंकों के साथ ग्रेटर नोएडा चौथे स्थान पर है। मुजफ्फरनगर-नोएडा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 136 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं। देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज पानीपत (132), बागपत (128), बहादुरगढ़ (128) और मंडी गोबिंदगढ़ (127) भी शामिल हैं।

विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज जहां रोहतक, मेरठ, मुजफ्फरनगर, पानीपत, मंडी गोबिंदगढ़, नारनौल, हापुड, मुरादाबाद आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी है। वहीं गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, नोएडा, बागपत, बहादुरगढ़, दिल्ली, फरीदाबाद, भिवाड़ी, गुम्मिडिपूंडी, लुधियाना आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

इन शहरों के विपरीत आज देश के करीब 49 फीसदी यानी 111 शहरों में हवा साफ है। इन साफ हवा वाले शहरों में भिलाई, भिवानी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, बूंदी, ब्यासनगर, चामराजनगर, छपरा, चिक्कामगलुरु, कटक, दमोह, दावनगेरे, धारवाड़, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, होसुर, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर आदि शामिल हैं।

अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 11 फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं इसके उलट आज देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में गिरावट आई है। इन शहरों की संख्या करीब 13 फीसदी की गिरावट के साथ घटकर 98 पर पहुंच गई है।

आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें कोहिमा, कोटा, लखनऊ, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, पाली, पंचगांव, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, रायरंगपुर, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, रूपनगर, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलचर, सिंगरौली, सिरसा, श्री गंगानगर आदि शामिल हैं।

इन शहरों के उलट आज देश के 18 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बागपत, बहादुरगढ़, भिवाड़ी, दिल्ली, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, हापुड, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नारनौल, नोएडा, पानीपत, रोहतक शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 38.5 फीसदी का इजाफा हुआ है, जोकि चिंता का विषय है। 

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 227 में से 111 (+11 फीसदी) शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 98 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 01 अक्टूबर 2025 को यह आंकड़ा 112 दर्ज किया गया था।

18 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में रोहतक (176) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 180 के करीब पहुंच गया। कल मैहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 232 रिकॉर्ड किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। दिल्ली में सात अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 123 पर पहुंच गया है। हालांकि वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में है। वहीं फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता का स्तर 121 रिकॉर्ड किया गया है।

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज ग्रेटर नोएडा चौथे स्थान पर है, वहीं मेरठ (159) दूसरे, जबकि गाजियाबाद (148) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 50, गाजियाबाद में 148, गुवाहाटी में 49, गुरूग्राम में 94, नोएडा में 136, ग्रेटर नोएडा में 139 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 47 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 76, चेन्नई में 70, चंडीगढ़ में 97, हैदराबाद में 63, जयपुर में 90 और पटना में 53 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 111 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदनगर, अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती, अररिया, अरियालूर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बालासोर, बारबिल, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलापुर, भिलाई, भिवानी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, बूंदी, ब्यासनगर, चामराजनगर, छपरा, चिक्कामगलुरु, कटक, दमोह, दावनगेरे, धारवाड़, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, होसुर, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, करूर, कारवार, काशीपुर, खुर्जा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलगुन, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, परभनी, पेरुंदुरई, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनाथपुरम, सागर, सलेम, समस्तीपुर, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, तालचेर, ठाणे, तंजावुर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, वापी, वाराणसी, विजयपुरा, विरार, यादगीर शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अम्बाला, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, बदलापुर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, बिहार शरीफ, बुलन्दशहर, बक्सर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दौसा, देहरादून, देवास, धनबाद, धुले, एलूर, गुरूग्राम, हनुमानगढ़, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जींद, कांचीपुरम, कटनी, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोटा, लखनऊ, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, पाली, पंचगांव, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, रायरंगपुर, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, रूपनगर, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलचर, सिंगरौली, सिरसा, श्री गंगानगर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, टोंक, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 98 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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