तिरुपति-वाराणसी सहित 92 शहरों में साफ रही हवा, बेलापुर में है सबसे ज्यादा प्रदूषण

आंकड़ों पर गौर करें तो देश में आइजोल सहित 91 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है, वहीं 111 शहरों में स्थिति संतोषजनक है
तिरुपति-वाराणसी सहित 92 शहरों में साफ रही हवा, बेलापुर में है सबसे ज्यादा प्रदूषण

प्रदूषण के मामले में बेलापुर की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां प्रदूषण का स्तर 275 पर पहुंच गया है। हालांकि इसके अलावा देश के किसी भी शहर में वायु गुणवत्ता 'खराब' नहीं है। दूसरी तरफ आइजोल में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 14 दर्ज किया गया है। यदि बेलापुर की तुलना आइजोल से करें तो हवा करीब 20 गुणा ज्यादा खराब है।

आंकड़ों पर गौर करें तो देश में आइजोल सहित 91 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इनमें फिरोजाबाद, गडग, गया, गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, हावेरी, हावड़ा, हैदराबाद, झांसी, कलबुर्गी, कानपुर, कारवार, काशीपुर, कटिहार, कटनी, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुंजमुरा, लातूर, मदिकेरी, महाद, मैहर, मंडीखेड़ा, मेरठ, मीरा-भयंदर, मुरादाबाद, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागांव, नागपुर, नाहरलागुन, नासिक, नयागढ़, ऊटी, पलकलाईपेरुर, पंचकुला, पिंपरी-चिंचवाड़, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, सांगली, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सोलापुर आदि शहर शामिल हैं।

यदि कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 16 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

वहीं दूसरी तरफ देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 15 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। इसके बाद इन शहरों की संख्या बढ़कर 111 पर पहुंच गई है।

बता दें कि देश में अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, आसनसोल, बदलापुर, बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, बारीपदा, बेंगलुरु, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपदा, बोईसर, बूंदी, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तौड़गढ़, चूरू, कटक, देवास, धारूहेड़ा, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फतेहाबाद, गांधीनगर, गाजियाबाद आदि में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है।

राजधानी दिल्ली में भी मौसम ने जिस तरह करवट ली है उसके बाद वायु गुणवत्ता में 13 अंकों की गिरावट आई है। इसी तरह फरीदाबाद में भी प्रदूषण के स्तर में 80 अंकों की कमी दर्ज की गई है। हालांकि इन दोनों शहरों में अभी भी वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है।

दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 19 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। इन शहरों में अमृतसर, बद्दी, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, भरतपुर, भिवानी, ब्रजराजनगर, बक्सर, चरखी दादरी, दौसा, दिल्ली, धनबाद, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, खुर्जा, राजसमंद, रूपनगर, श्री गंगानगर, तुमकुरु, विशाखापत्तनम शामिल हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 03 जुलाई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 225 में से 92 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 111 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 02 जुलाई 2024 यह आंकड़ा 96 दर्ज किया गया था। 21 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में बेलापुर (275) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 10 अंक गिरकर 108 पर पहुंच गया।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 111, गाजियाबाद में 89, गुरुग्राम में 88, नोएडा में 70, ग्रेटर नोएडा में 86 पर पहुंच गया है। देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 61 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 54, चेन्नई में 72, चंडीगढ़ में 68, हैदराबाद में 37, जयपुर में 70 और पटना में 54 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ देश के जिन 92 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, आइजोल, अकोला, अमरावती, अरियालुर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बांसवाड़ा, बारबिल, बरेली, बैरकपुर, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, बिलासपुर, बुलंदशहर, चामराजनगर, चंद्रपुर, छाल, चिक्कबल्लापुर, चिक्कमगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, धौलपुर, फिरोजाबाद, गडग, गया, गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, हावेरी, हावड़ा, हैदराबाद, झांसी, कलबुर्गी, कानपुर, कारवार, काशीपुर, कटिहार, कटनी, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुंजमुरा, लातूर, मदिकेरी, महाद, मैहर, मंडीखेड़ा, मेरठ, मीरा-भयंदर, मुरादाबाद, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागांव, नागपुर, नाहरलागुन, नासिक, नयागढ़, ऊटी, पलकलाईपेरुर, पंचकुला, पिंपरी-चिंचवाड़, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, सांगली, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सोलापुर, सुआकाती, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, उडुपी, वापी, वाराणसी, विजयपुरा, विरुधुनगर, यादगीर, शामिल रहे।

वहीं अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अंबाला, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, आसनसोल, बदलापुर, बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, बारीपदा, बेंगलुरु, भिवाड़ी, भिवंडी,

भिवानी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपदा, बोईसर, बूंदी, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तौड़गढ़, चूरू, कटक, देवास, धारूहेड़ा, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फतेहाबाद, गांधीनगर, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडीपोंडी, गुरुग्राम, ग्वालियर, हापुड़, हसन, हुबली, इम्फाल, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालोर, झालावाड़, झुंझुनू, जींद, जोधपुर, कैथल, कल्याण, कन्नूर, करौली, खन्ना, खुर्जा, कोल्लम, कोटा, कुरुक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मानेसर, मंगलौर, मुंबई, मुंगेर, नागौर, नलबाड़ी, नवी मुंबई, नोएडा, पाली, पलवल, पानीपत, पटियाला, पटना, पीथमपुर, पुदुचेरी, पुणे, रायरंगपुर, राजसमंद, रतलाम, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सोनीपत, तालचेर, ठाणे, टोंक, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वातवा, विजयवाड़ा, विरार आदि 111 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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