फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
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धनबाद में प्रदूषण से बिगड़े हालात, दावनगेरे से 17 गुणा ज्यादा रहा प्रदूषण, जानिए आपके शहर में कैसे हैं हालात

दूसरी तरफ दावनगेरे में हवा सबसे ज्यादा साफ रही, जहां एक्यूआई 21 दर्ज किया गया है। यदि धनबाद में वायु गुणवत्ता की तुलना दावनगेरे से करें तो हवा करीब 17 गुणा खराब है
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देश के दूसरे सभी शहरों को पीछे छोड़ धनबाद लगातार तीसरे दिन प्रदूषण के मामले में अव्वल बना हुआ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 356 रिकॉर्ड किया गया है। कल से देखें तो धनबाद में प्रदूषण के स्तर में मामूली वृद्धि हुई है। दूसरी तरफ दावनगेरे में हवा सबसे ज्यादा साफ रही, जहां एक्यूआई 21 दर्ज किया गया है। यदि धनबाद में वायु गुणवत्ता की तुलना दावनगेरे से करें तो हवा करीब 17 गुणा खराब है।

इसी तरह देश के छोटे-बड़े 17 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। इन शहरों में बद्दी (261), बागपत (217), बहादुरगढ़ (288), बल्लभगढ़ (235), बारबिल (254), ब्यासनगर (204), चरखी दादरी (275), छाल (209), देहरादून (297), ग्रेटर नोएडा (247), गुरुग्राम (213), नोएडा (207), रोहतक (217), सिंगरौली (295), और श्री गंगानगर (219) शामिल रहे। हालांकि कल से देखें तो देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या जस की तस बनी हुई है।

आंकड़ों के मुताबिक देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में कल से करीब छह फीसदी का इजाफा हुआ है। बता दें कि देश के 38 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। इन शहरों में बरेली, बेलगाम, बेंगलुरु, भीलवाड़ा, चिक्काबल्लापुर, चिक्कमगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, धारवाड़, गंगटोक, हल्दिया, जलना, कलबुर्गी, कोलार, कोलकाता, कोप्पल, मदिकेरी, मीरा-भयंदर, मैसूरु, नासिक, पिंपरी-चिंचवाड़, पुदुचेरी, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, आदि शहर शामिल रहे। इसी तरह देश के 99 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है।

कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब सात फीसदी की गिरावट आई है। इन शहरों में चंद्रपुर, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, देवास, धारूहेड़ा, धुले, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गुम्मिडीपोंडी, गुवाहाटी, हसन, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इम्फाल, इंदौर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कल्याण, कटिहार, क्योंझर, कोल्हापुर, कोरबा, कोटा, लातूर, महाद, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर, मुंबई, नागांव, नागपुर, नाहरलागुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नारनौल, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पलवल, पीथमपुर, प्रतापगढ़ आदि शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण के स्तर में दस अंकों की गिरावट आई है। हालांकि इसके बावजूद दिल्ली की हवा दमघोंटू बनी हुई है। वहीं दूसरी तरफ फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में सात अंकों का उछाल आया है। बता दें कि फरीदाबाद में भी वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। देश के 73 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। हालांकि कल से देखें तो मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में पांच फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

बता दें कि देश के भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भुवनेश्वर, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बुलंदशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चूरू, कटक, दौसा, धौलपुर, दुर्गापुर, फतेहाबाद,
गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड़, हिसार, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, झुंझुनू, जींद, कानपुर, करौली, करनाल, काशीपुर, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कुंजेमुरा, कुरुक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोविंदगढ़, मंडीखेड़ा, मानेसर, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नांदेसरी, पंचकुला, पानीपत, पटियाला, पटना, ऋषिकेश, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सवाई माधोपुर, सिरसा, सोनीपत, सुआकाती, टेन्सा, थूथुकुडी, विशाखापत्तनम, वृंदावन, आदि शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 12 जून 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 228 में से 38 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 99 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 12 जून 2024 यह आंकड़ा 106 दर्ज किया गया था।

73 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 17 शहरों बद्दी, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बारबिल, ब्यासनगर, चरखी दादरी, छाल, देहरादून, दिल्ली, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, नोएडा, रोहतक, सिंगरौली, श्री गंगानगर में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में धनबाद (356) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है।   

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स दस अंक गिरकर 211 पर पहुंच गया। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 212, गाजियाबाद में 181, गुरुग्राम में 213, नोएडा में 207, ग्रेटर नोएडा में 247 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 52 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 148, चेन्नई में 64, चंडीगढ़ में 144, हैदराबाद में 58, जयपुर में 123 और पटना में 154 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

पिंपरी-चिंचवाड़ (37) सहित देश के जिन 38 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अकोला 49, अमरावती 32, बिहार शरीफ 48, अरियालुर 32, बरेली 48, बेलगाम 34, बेंगलुरु 45, भीलवाड़ा 33, चिक्काबल्लापुर 26, चिक्कमगलुरु 27, कुड्डालोर 30, दावनगेरे 21, धारवाड़ 43, गंगटोक 37, हल्दिया 45, जलना 49, कलबुर्गी 36, कोलार 31, कोलकाता 50, कोप्पल 47, मदिकेरी 34, मीरा-भयंदर 40, मैसूरु 31, नासिक 46, पुदुचेरी 49, राजसमंद 47, रामनगर 29, रामनाथपुरम 27, शिवमोगा 45, सिलचर 44, सोलापुर 46, तिरुवनंतपुरम 40, तिरुपति 39, तिरुपुर 28, उडुपी 46, विजयपुरा 42, और यादगीर 29 शामिल रहे।

वहीं अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, आइजोल, अजमेर, अलवर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बैरकपुर, बेलापुर, बेतिया, भरतपुर, भिलाई, भोपाल, बीदर, बिहार शरीफ, बिलासपुर, बर्नीहाट, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, देवास, धारूहेड़ा, धुले, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गुम्मिडीपोंडी, गुवाहाटी, हसन, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इम्फाल, इंदौर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कल्याण, कटिहार, क्योंझर, कोल्हापुर, कोरबा, कोटा, लातूर, महाद, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर, मुंबई, नागांव, नागपुर, नाहरलागुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नारनौल, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पलवल, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रतलाम, सहरसा, सलेम, सासाराम, सतना, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सूरत, तालचेर, ठाणे, त्रिशूर, टोंक, तुमकुरु, तुमडीह, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार आदि 99 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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