फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
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रोहतक बना देश का सबसे प्रदूषित शहर, बल्लभगढ़, बर्नीहाट, सासाराम में भी जानलेवा हुआ हवा में घुला जहर

आंकड़ों के मुताबिक देश के 64 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। कल से इन शहरों की संख्या में दस फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में रोहतक की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना सकता है। वायु गुणवत्ता सूचकांक पर नजर डालें तो रोहतक में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 265 दर्ज किया गया है। इसी तरह बल्लभगढ़ (210), बर्नीहाट (255) और सासाराम (204) में भी स्थिति दमघोंटू बनी हुई है। दूसरी तरफ देश में यादगीर की हवा सबसे ज्यादा साफ रही। ऐसे में यदि रोहतक की तुलना यादगीर में मौजूद प्रदूषण से करें तो हवा 14 गुणा ज्यादा खराब है। कल से तुलना करें तो देश में 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक देश के 64 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। कल से इन शहरों की संख्या में भी दस फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। इन शहरों में बरेली, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, भिलाई, भोपाल, बिलासपुर, चामराजनगर, चिक्काबल्लापुर, चिक्कमगलुरु, कोयंबटूर, दमोह, दावनगेरे, गडग, गंगटोक, हल्दिया, हसन, हावेरी, हावड़ा, हुबली, कलबुर्गी, कल्याण, कारवार, कोहिमा, कोलकाता, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, महाद, मैंगलोर, मिलुपारा, मीरा-भयंदर, मुंबई, मैसूर, नागांव, नलबाड़ी, नांदेड़, नारनौल, नासिक, नयागढ़, पिंपरी-चिंचवाड़, पुणे, रायपुर, राजगीर, रामनगर, सांगली, सतना, सिलचर, सिलीगुड़ी शामिल रहे।

इसी तरह देश के छोटे बड़े 100 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में बूंदी, ब्यासनगर, चेन्नई, छपरा, कटक, दौसा, देहरादून, देवास, धारवाड़, धुले, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुम्मिडीपोंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हापुड़, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, कडप्पा, कन्नूर, करौली, करनाल, काशीपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, कोल्हापुर, कोल्लम, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, मैहर, मालेगांव, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नवी मुंबई आदि शहर शामिल रहे। हालांकि कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में 12 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो वहां कल से वायु गुणवत्ता में छह अंकों की गिरावट आई है। दूसरी तरफ फरीदाबाद की हवा पहले से कहीं ज्यादा बिगड़ी है, जहां वायु गुणवत्ता में 35 अंकों का इजाफा हुआ है। हालांकि इन दोनों शहरों में अभी भी वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है। इसी तरह देश के 54 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम दर्ज किया गया है। इन शहरों में अमृतसर, बद्दी, बागपत, बहादुरगढ़, बाड़मेर, बठिंडा, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बीकानेर, बुलंदशहर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चूरू, धारूहेड़ा, धौलपुर, डूंगरपुर, फतेहाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हिसार, इम्फाल, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालोर, झुंझुनू, जींद, जोधपुर, कानपुर, खन्ना, खुर्जा, कुरुक्षेत्र, लुधियाना, मंडीदीप, मानेसर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नागौर, नंदेसरी, एडा, पाली, पंचकुला, पानीपत, पटना आदि शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर की है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 24 जून 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 224 में से 64 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 100 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 23 जून 2024 यह आंकड़ा 114 दर्ज किया गया था।

56 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं चार शहरों बल्लभगढ़ (210), बर्नीहाट (255), रोहतक (265) और सासाराम (204) में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में रोहतक (265) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया है।   

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स छह अंक गिरकर 142 पर पहुंच गया। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 185, गाजियाबाद में 158, गुरुग्राम में 106, नोएडा में 126, ग्रेटर नोएडा में 144 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 44 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 83, चेन्नई में 59, चंडीगढ़ में 121, हैदराबाद में 52, जयपुर में 102 और पटना में 109 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

आइजोल (21) सहित देश के जिन 64 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल 21, अकोला 39, अमरावती 34, अंबाला 48, अमरावती 34, अरियालुर 34, बदलापुर 36, बागलकोट 42, बरेली 28, बैरकपुर 46, बेलापुर 47, बेंगलुरु 46, भिलाई 40, भोपाल 49, बिलासपुर 40, चामराजनगर 47, चिक्काबल्लापुर 33, चिक्कमगलुरु 40, कोयंबटूर 41, दमोह 49, दावनगेरे 23, गडग 47, गंगटोक 32, हल्दिया 38, हसन 31, हावेरी 40, हावड़ा 45, हुबली 40, कलबुर्गी 30, कल्याण 39, कारवार 26, कोहिमा 37, कोलकाता 38, कोरबा 31, लातूर 50, मदिकेरी 24, महाद 39, मैंगलोर 50, मिलुपारा 40, मीरा-भयंदर 47, मुंबई 44, मैसूर 37, नागांव 48, नलबाड़ी 44, नांदेड़ 39, नारनौल 47, नासिक 43, नयागढ़ 48, पिंपरी-चिंचवाड़ 50, पुणे 49, रायपुर 41, राजगीर 49, रामनगर 30, सांगली 44, सतना 44, सिलचर 50, सिलीगुड़ी 41, तिरुवनंतपुरम 36, थूथुकुडी 37, तिरुपति 39, वापी 48, वाराणसी 37, विजयपुरा 42 और यादगीर 19 शामिल रहे।

वहीं अगरतला, आगरा, अलवर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बेलगाम, भागलपुर, भरतपुर, भिवंडी, भिवानी, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, ब्यासनगर, चेन्नई, छपरा, कटक, दौसा, देहरादून, देवास, धारवाड़, धुले, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुम्मिडीपोंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हापुड़, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, कडप्पा, कन्नूर, करौली, करनाल, काशीपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, कोल्हापुर, कोल्लम, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, मैहर, मालेगांव, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नवी मुंबई, पलवल, पटियाला, प्रयागराज, पुडुचेरी, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, शिवमोगा, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सोनीपत, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, टोंक, तुमकुरु, तुमडीह, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 100 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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