प्रदूषण से सिंगरौली में बिगड़े हालात, साफ हवा वाले शहरों में आई करीब छह फीसदी की गिरावट

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो सिंगरौली में प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 1,260 फीसदी अधिक है
फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 02 सितम्बर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां करीब 53.4 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 42 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 4.1 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा साफ है।

देश के सभी शहरों में आज सिंगरौली की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 204 तक पहुंच गया। इस दौरान मध्य प्रदेश के इस शहर की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी रहे। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो वहां प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 1,260 फीसदी अधिक है।

मतलब की वहां की हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है। गौरतलब है कि कल श्रीगंगानगर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 93 रिकॉर्ड किया गया था, मतलब की कल से वहां प्रदूषण में 111 अंको का उछाल आया है।

दूसरी तरफ आज रूपनगर की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 11 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर सिंगरौली की तुलना रूपनगर से करें तो वहां स्थिति 17 गुणा खराब है।

गौरतलब है कि कल श्रीगंगानगर में प्रदूषण से स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 291 तक पहुंच गया। हालांकि कल से श्रीगंगानगर की वायु गुणवत्ता में 221 अंकों का भारी सुधार आया है। इसके साथ ही वहां एक्यूआई सुधरकर 70 पर पहुंच गया। वहां एक ही दिन में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ से ‘संतोषजनक’ श्रेणी में पहुंच गई है।

रुझानों के मुताबिक आज जिन शहरों में हवा सबसे प्रदूषित है उनमें गुम्मिडिपूंडी (169) दूसरे जबकि समस्तीपुर (146) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 137 अंकों के साथ गोरखपुर चौथे जबकि एलूर (114) पांचवें स्थान पर है।

राजस्थान के जैसलमेर में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो आज 113 अंकों के साथ छठे पायदान पर है। इसी तरह देश के सबसे प्रदूषित शहरों में सतना (108), बाड़मेर (105) और ठाणे (101) शामिल हैं।

आंकड़ों से पता चला है कि जहां सिंगरौली, गुम्मिडिपूंडी, समस्तीपुर आदि शहरों में प्रदूषण के महीन कण हावी हैं। वहीं जैसलमेर, बाड़मेर आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इसी तरह गोरखपुर में ओजोन जबकि एलूर, ठाणे में कार्बन से हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

इन शहरों के उलट आज देश में अगरतला सहित 117 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में कानपुर, करौली, करूर, कारवार, काशीपुर, खन्ना, खुर्जा, कोल्हापुर, कोप्पल, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पालकालाइपेरुर, पंचगांव आदि शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब छह फीसदी की गिरावट आई है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो आज भी प्रदूषण में गिरावट आई है। दिल्ली में आठ अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 52 पर पहुंच गया है।

दिल्ली की तरह ही देश के छोटे-बड़े 93 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में कटिहार, कटनी, क्योंझर, कोलकाता, कोटा, मालेगांव, मंगुराहा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, नमक्कल, नयागढ़, पाली, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रानीपेट, रतलाम, राउरकेला, सागर, सहरसा, सलेम, सासाराम, सवाई माधोपुर आदि शामिल हैं।

राहत की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 21 फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ आज देश के आठ शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बाड़मेर, एलूर, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, जैसलमेर, समस्तीपुर, सतना, ठाणे शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 33 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 219 में से 117 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 93 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 01 सितम्बर 2025 को यह आंकड़ा 77 दर्ज किया गया था।

8 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में सिंगरौली (204) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 210 के करीब पहुंच गया। कल श्रीगंगानगर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 291 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक सुधरकर 52 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता संतोषजनक श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज गोरखपुर चौथे स्थान पर है, वहीं गुम्मिडिपूंडी (169) दूसरे, जबकि समस्तीपुर (146) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 39, गाजियाबाद में 48, गुवाहाटी में 52, हापुड में 53, नोएडा में 40, ग्रेटर नोएडा में 54 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 45 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 49, चेन्नई में 83, चुरू में 29, हैदराबाद में 62, जयपुर में 64 और पटना में 85 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 117 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदनगर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बागलकोट, बालासोर, बारां, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेतिया, भरतपुर, भिलाई, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चामराजनगर, छाल, चिकबलपुर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गाजियाबाद, ग्वालियर, होसुर, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, झांसी, झुंझुनूं, कलबुर्गी, कानपुर, करौली, करूर, कारवार, काशीपुर, खन्ना, खुर्जा, कोल्हापुर, कोप्पल, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, परभनी, पटियाला, पेरुंदुरई, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, रायपुर, रामनाथपुरम, रूपनगर, सांगली, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, तुमिडीह, वाराणसी, विजयपुरा, विरार, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अरियालूर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बांसवाड़ा, बेगूसराय, बेंगलुरु, भागलपुर, भीलवाड़ा, बिहार शरीफ, बीकानेर, बोईसर, बक्सर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, दौसा, दिल्ली, देवास, धनबाद, धौलपुर, गांधीनगर, गया, ग्रेटर नोएडा, गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, जयपुर, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कांचीपुरम, कन्नूर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, कोलकाता, कोटा, मालेगांव, मंगुराहा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, नमक्कल, नयागढ़, पाली, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रानीपेट, रतलाम, राउरकेला, सागर, सहरसा, सलेम, सासाराम, सवाई माधोपुर, सिरोही, श्री गंगानगर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, आदि 93 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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