
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 24 जुलाई 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश में श्रीगंगानगर की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 186 दर्ज किया गया है। रुझानों से पता चला है कि इस दौरान श्रीगंगानगर की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी थे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो श्रीगंगानगर प्रदूषण का स्तर 1,140 फीसदी अधिक है।
वहीं दूसरी तरफ आज देश में एक बार फिर शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई महज 12 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर श्रीगंगानगर की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 15 गुणा खराब है।
रुझानों के विश्लेषण से पता चला है कि आज जहां देश के 44 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं सात फीसदी से अधिक में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इसी तरह देश के करीब 49 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक दर्ज की गई।
प्रदूषण के मामले में आज मंडी गोबिंदगढ़ (172) दूसरे जबकि बारां (159) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 159 अंकों के साथ समस्तीपुर चौथे जबकि धौलपुर (154) पांचवें पायदान पर है। नंदेसरी में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 154 रिकॉर्ड किया गया है। देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों की बात करें तो आज उनमें सहरसा (146), गुम्मिडिपूंडी (145), चुरू (134) और छपरा (114) भी शामिल हैं।
विश्लेषण से पता चला है कि आज जहां बारां, सहरसा, चुरू, दुर्गापुर, कोटा, बद्दी, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, जयपुर आदि शहरों की हवा में पीएम10 हावी है। वहीं श्रीगंगानगर, मंडी गोबिंदगढ़, समस्तीपुर, धौलपुर, नंदेसरी, गुम्मिडिपूंडी आदि में पीएम2.5 से स्थिति चिंताजनक है।
इन शहरों के उलट देश में आगरा सहित 99 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में हल्दिया, हसन, हावेरी, होसुर, हुबली, जबलपुर, जलगांव, झांसी, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नागपुर, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला आदि शामिल हैं।
चिंता की बात है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में नौ फीसदी से अधिक की गिरावट आई है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो वहां भी प्रदूषण में इजाफा हुआ है। दिल्ली में 24 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 91 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।
दिल्ली की तरह ही आज देश के 109 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है।
इन शहरों में धनबाद, धारवाड़, डूंगरपुर, एलूर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोरबा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नांदेड़, नोएडा, पाली, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज आदि शहर शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब पांच फीसदी का इजाफा हुआ है।
देश में आज बारां सहित 16 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बद्दी, बारां, छपरा, चुरू, धौलपुर, दुर्गापुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, जयपुर, कोटा, मंडी गोबिंदगढ़, नंदेसरी, सहरसा, समस्तीपुर, श्रीगंगानगर शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 224 में से 99 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 109 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 23 जुलाई 2025 को यह आंकड़ा 104 दर्ज किया गया था।
16 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में श्रीगंगानगर (186) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के करीब पहुंच गया। कल अगरतला में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 185 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 24 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 91 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज समस्तीपुर चौथे स्थान पर है, वहीं मंडी गोबिंदगढ़ (172) दूसरे, जबकि बारां (159) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 37, गाजियाबाद में 102, गुवाहाटी में 76, हापुड में 71, नोएडा में 82, ग्रेटर नोएडा में 106 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 70, चेन्नई में 66, चंडीगढ़ में 98, हैदराबाद में 57, जयपुर में 102 और पटना में 82 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 99 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अरियालूर, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बालासोर, बारबिल, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, बिलासपुर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, देवास, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गडग, गंगटोक, ग्वालियर, हल्दिया, हसन, हावेरी, होसुर, हुबली, जबलपुर, जलगांव, झांसी, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नागपुर, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, राउरकेला, सलेम, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, टेन्सा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, तिरुपुर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।
वहीं अगरतला, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, आसनसोल, बदलापुर, बागपत, बांसवाड़ा, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तूर, कटक, दौसा, दिल्ली, धनबाद, धारवाड़, डूंगरपुर, एलूर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोरबा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नांदेड़, नोएडा, पाली, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रूपनगर, सागर, सांगली, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सिरोही, तालचेर, ठाणे, थूथुकुडी, तिरुमाला, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 109 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।