प्रदूषण के हर दिन बदलते समीकरण, साफ हवा वाले शहरों में करीब 12 फीसदी की आई गिरावट

कल की तरह आज भी धनबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर बना हुआ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 356 दर्ज किया गया है। दूसरी तरफ यादगीर में हवा सबसे ज्यादा साफ है
फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
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देश में प्रदूषण के समीकरण हर दिन बदल रहे हैं। हालांकि आज भी धनबाद में प्रदूषण का स्तर जस का तस बना हुआ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 356 दर्ज किया गया है। वहीं दूसरी तरफ यादगीर में हवा सबसे ज्यादा साफ रही, जहां एक्यूआई 22 दर्ज किया गया है। कुछ ऐसी ही स्थिति दावनगेरे में भी है।

यदि धनबाद के प्रदूषण की तुलना यादगीर से करें तो हवा 16 गुणा ज्यादा खराब है। वहीं देश के पांच शहरों में वायु गुणवत्ता खराब दर्ज की गई है। हालांकि कल से देखें तो इन शहरों की संख्या में 37 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। इन शहरों में ग्रेटर नोएडा (210), खुर्जा (202), मंडी गोविंदगढ़ (218), मुंगेर (201) और रोहतक (209) शामिल रहे।

आंकड़ों पर गौर करें तो देश के 45 शहरों में हवा बेहतर बनी हुई है। इन शहरों में बरेली, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, बीकानेर, बिलासपुर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चिक्काबल्लापुर, दावनगेरे, गडग, हैदराबाद, कलबुर्गी, कोलार, कोल्हापुर, लातूर, मदिकेरी, महाद, मैहर, मुजफ्फरपुर, मैसूरु, नागांव, नलबाड़ी, नारनौल, नासिक,

पिंपरी-चिंचवाड़, रामनगर, रामनाथपुरम आदि शामिल थे। कल के मुकाबले देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 12 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में 13 फीसदी का इजाफा हुआ है, जिनकी संख्या बढ़कर 115 पर पहुंच गई है।

इन शहरों में अंबाला, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, आरा, आसनसोल, बागपत, बांसवाड़ा, बारां, बारीपाड़ा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बोईसर, चरखी दादरी, चेन्नई, छपरा, चिक्कमगलुरु, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चूरू, कुड्डालोर, कटक, देवास, धारूहेड़ा, धुले, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुम्मिडीपोंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हावड़ा, हुबली, इम्फाल, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जलगांव, जालोर, झालावाड़, जोधपुर, कल्याण, कटिहार, कटनी, क्योंझर, किशनगंज, कोहिमा, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, मालेगांव, मंडीदीप, मंडीखेड़ा, मानेसर, मैंगलोर, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भयंदर, मुंबई, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पाली, पलवल, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुडुचेरी, पुणे, पूर्णिया आदि शामिल थे।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़े देखें तो वायु गुणवत्ता में 28 अंकों का सुधार आया है। इसी तरह फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता सूचकांक में भी दो अंकों की गिरावट आई है। हालांकि इन दोनों शहरों में अभी भी वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है। इसी तरह देश के 54 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता मध्यम बनी हुई है।

इन शहरों में बेतिया, भागलपुर, भिवाड़ी, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बुलंदशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, छाल, दौसा, देहरादून, दिल्ली, धौलपुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुरुग्राम, हिसार, जयपुर, जालंधर, झुंझुनू, जींद, कानपुर, करनाल, काशीपुर, खन्ना, कुरुक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नंदेसरी, नोएडा, पानीपत, पटियाला, पटना, पीथमपुर, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सवाई माधोपुर, सीकर, सोनीपत, श्री गंगानगर, तालचेर आदि शामिल थे। कल से तुलना करें तो इन शहरों की संख्या में 11 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 17 जून 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 222 में से 45 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 115 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 16 जून 2024 यह आंकड़ा 106 दर्ज किया गया था।

56 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं पांच शहरों ग्रेटर नोएडा, खुर्जा, मंडी गोविंदगढ़, मुंगेर, रोहतक में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में धनबाद (356) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है।   

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 28 अंक गिरकर 169 पर पहुंच गया। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 189, गाजियाबाद में 166, गुरुग्राम में 193, नोएडा में 184, ग्रेटर नोएडा में 210 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 64 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 162, चेन्नई में 62, चंडीगढ़ में 129, हैदराबाद में 46, जयपुर में 117 और पटना में 146 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

आगरा (49) सहित देश के जिन 45 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल 34, अमरावती 50, अरियालुर 38, औरंगाबाद (महाराष्ट्र) 44, बागलकोट 46, बरेली 50, बेलगाम 44, बेंगलुरु 46, भिलाई 49, बीकानेर 42, बिलासपुर 46, चामराजनगर 43, चंद्रपुर 34, चिक्काबल्लापुर 35, दावनगेरे 22, गडग 43, हैदराबाद 46, कलबुर्गी 34, कोलार 30, कोल्हापुर 44, लातूर 42, मदिकेरी 23, महाद 49, मैहर 39, मुजफ्फरपुर 45, मैसूरु 39, नागांव 39, नलबाड़ी 40, नारनौल 49, नासिक 49, पिंपरी-चिंचवाड़ 38, रामनगर 29, रामनाथपुरम 34, सांगली 30, सतना 46, शिवमोगा 43, सिलचर 43, सिलीगुड़ी 34, तिरुवनंतपुरम 48, तिरुपति 37, तिरुपुर 30, वाराणसी 48, विजयपुरा 42, और यादगीर 22 शामिल रहे।

वहीं अगरतला, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अंबाला, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, आरा, आसनसोल, बागपत, बांसवाड़ा, बारां, बारीपाड़ा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बोईसर, चरखी दादरी, चेन्नई, छपरा, चिक्कमगलुरु, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चूरू, कुड्डालोर, कटक, देवास, धारूहेड़ा, धुले, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुम्मिडीपोंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हावड़ा, हुबली, इम्फाल, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जलगांव, जालोर, झालावाड़, जोधपुर, कल्याण, कटिहार, कटनी, क्योंझर, किशनगंज, कोहिमा, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, मालेगांव, मंडीदीप, मंडीखेड़ा, मानेसर, मैंगलोर, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भयंदर, मुंबई, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पाली, पलवल, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुडुचेरी, पुणे, पूर्णिया, रायचूर, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, सागर, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, तुमकुरु, तुमडीह, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, वृंदावन आदि 115 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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