
देश में आज सबसे प्रदूषित शहर विशाखापत्तनम रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 311 पहुंच गया, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है।
विशाखापत्तनम की हवा में पीएम10 कण हावी रहे और प्रदूषण का स्तर डब्ल्यूएचओ की सुरक्षित सीमा से 590 फीसदी अधिक पाया गया।
कल की तुलना में विशाखापत्तनम के एक्यूआई में 93 अंकों की भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
ग्रेटर नोएडा (216) और औरंगाबाद, बिहार (211) भी देश के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल रहे।
इसके विपरीत, 87 शहरों में हवा साफ रही और 123 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई।
सबसे साफ हवा नाहरलगुन में रही, जहां एक्यूआई केवल 11 रहा; यह विशाखापत्तनम से 27 गुना बेहतर है।
आंकड़ों के अनुसार, देश के लगभग 39 फीसदी शहरों में हवा साफ, 55 फीसदी में संतोषजनक और केवल 6 फीसदी शहरों में प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक रही।
दिल्ली में मामूली सुधार दर्ज हुआ और एक्यूआई 108 रहा, जो मध्यम श्रेणी में है।
आज एक बार फिर देश में बढ़ते प्रदूषण से विशाखापत्तनम की स्थिति सबसे खराब है। वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 311 पर पहुंच गया है। मतलब कि वायु गुणवत्ता ‘खराब’ से 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंच गया है। इस दौरान वहां हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम10) पूरी तरह हावी रहे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो विशाखापत्तनम में प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 590 फीसदी अधिक है। बता दें कि कल विशाखापत्तनम में एक्यूआई 218 रिकॉर्ड किया गया था। तबसे वहां प्रदूषण के स्तर में 93 अंकों का भारी इजाफा हुआ है। इसके साथ ही वहां हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
वहीं आंकड़ों के मुताबिक कल भी देश में विशाखापत्तनम की स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 218 तक पहुंच गया था।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 14 सितम्बर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 39 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 55 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ करीब 6 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा संतोषजनक है।
हालांकि कल से साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 13 फीसदी का इजाफा हुआ है, जबकि मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में भी 31 फीसदी से ज्यादा की कमी आई है। दूसरी तरफ देश में नाहरलगुन की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 11 रिकॉर्ड किया गया।
ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर विशाखापत्तनम की तुलना नाहरलगुन से करें तो वहां स्थिति 27 गुणा खराब है।
रुझानों से पता चला है कि प्रदूषित शहरों के मामले में आज ग्रेटर नोएडा दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 216 दर्ज किया गया। वहीं 211 अंकों के साथ बिहार का औरंगाबाद तीसरे स्थान पर है। इन दोनों शहरों में आज वायु गुणवत्ता खराब दर्ज की गई है।
इसी तरह प्रदूषित शहरों में आज गुम्मिडिपूंडी (154) चौथे जबकि चित्तूर (146) पांचवें स्थान पर है। बद्दी में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो आज 143 अंकों के साथ छठे स्थान पर है।
इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज नोएडा (141), गाजियाबाद (134), मंडीदीप (132), और नंदेसरी (125) शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज जहां गुम्मिडिपूंडी, चित्तूर, नंदेसरी, दिल्ली, बिहार शरीफ आदि में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी थे। वहीं विशाखापत्तनम, ग्रेटर नोएडा, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, नोएडा, गाजियाबाद, मंडीदीप, बुलन्दशहर आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति खराब बनी हुई है।
इन शहरों के विपरीत आज अगरतला सहित देश के 87 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में कटक, दमोह, दावनगेरे, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गंगटोक, हल्दिया, हुबली, जैसलमेर, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करूर, कारवार, काशीपुर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर शामिल हैं।
अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 13 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसी तरह अमृतसर सहित देश के 123 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बनी हुआ है।
इन शहरों में जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, कटिहार, कटनी, क्योंझर, किशनगंज, कोहिमा, कोल्लम, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नांदेड़, नासिक, ऊटी, पाली, पंचगांव, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, राजसमंद, रामनाथपुरम, रतलाम, राउरकेला, सागर, सलेम, सतना, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
वहीं दूसरी तरफ आज देश के 11 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बद्दी, बिहार शरीफ, बुलन्दशहर, चित्तूर, दिल्ली, धनबाद, गाजियाबाद, गुम्मिडिपूंडी, मंडीदीप, नंदेसरी, नोएडा शामिल हैं। राहत की खबर यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 31 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 224 में से 87 (+13 फीसदी) शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 123 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 13 सितम्बर 2025 को यह आंकड़ा 137 दर्ज किया गया था।
11 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में विशाखापत्तनम (311) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 320 के करीब पहुंच गया। कल विशाखापत्तनम में वायु गुणवत्ता सूचकांक 218 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक एक अंक के सुधार के साथ 108 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज गुम्मिडिपूंडी चौथे स्थान पर है, वहीं ग्रेटर नोएडा (216) दूसरे, जबकि औरंगाबाद (बिहार) (211) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 73, गाजियाबाद में 134, गुवाहाटी में 53, गुरूग्राम में 83, नोएडा में 141, ग्रेटर नोएडा में 216 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 56 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 76, चेन्नई में 75, चंडीगढ़ में 48, हैदराबाद में 68, जयपुर में 94 और पटना में 99 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 87 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), आसनसोल, बदलापुर, बागलकोट, बालासोर, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, भिलाई, भिवंडी, भुवनेश्वर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कटक, दमोह, दावनगेरे, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गंगटोक, हल्दिया, हुबली, जैसलमेर, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करूर, कारवार, काशीपुर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, ऋषिकेश, रूपनगर, समस्तीपुर, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, विजयपुरा, विरार, यादगीर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बेगूसराय, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भोपाल, बीकानेर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बूंदी, बक्सर, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तौड़गढ़, चुरू, कुड्डालोर, दौसा, देवास, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, कटिहार, कटनी, क्योंझर, किशनगंज, कोहिमा, कोल्लम, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नांदेड़, नासिक, ऊटी, पाली, पंचगांव, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, राजसमंद, रामनाथपुरम, रतलाम, राउरकेला, सागर, सलेम, सतना, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सिरोही, सिवान, श्रीगंगानगर, सूरत, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, टोंक, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, वृंदावन आदि 123 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।