श्री गंगानगर में प्रदूषण से घुटने लगी सांसे, बद्दी, बर्नीहाट, रोहतक और सासाराम में भी 'खराब' हुए हालात

दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों को पीछे छोड़ श्री गंगानगर में प्रदूषण से हालात सबसे ज्यादा खराब हैं, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 334 पर पहुंच गया है
फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
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दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों को पीछे छोड़ श्री गंगानगर में प्रदूषण से हालात सबसे ज्यादा खराब हैं, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 334 पर पहुंच गया है। मतलब की हवा में घुला जहर वहां लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है। इसी तरह बद्दी (230), बर्नीहाट (237), रोहतक (268) और सासाराम (211) में भी प्रदूषण से सांसे उखड़ने लगी हैं, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 'खराब' दर्ज किया गया है। कुल मिलाकर देखें तो देश में बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों में प्रदूषण की स्थिति कहीं ज्यादा खराब है। कल से देखें तो देश में 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में कोई बदलाव नहीं आया है।

वहीं दूसरी तरफ देश में आइजोल की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 20 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि श्री गंगानगर की तुलना आइजोल से करने तो हवा करीब 17 गुणा ज्यादा खराब है। आइजोल की तरह ही देश के 66 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर दर्ज किया गया है। इनमे बदलापुर, बागलकोट, बारां, बरेली, बेलापुर, बेंगलुरु, भिलाई, चामराजनगर, छाल, चिक्कबल्लापुर, चिक्कमगलुरु, कुड्डालोर, दमोह, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गंगटोक, हापुड़, हसन, हावेरी, हुबली, इंदौर, जलगांव, जलना, कलबुर्गी, कल्याण, कारवार, कोहिमा, कोलार, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मदिकेरी आदि शहर शामिल रहे।

कल से देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब पांच फीसदी का इजाफा हुआ है। इसी तरह देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में भी छह फीसदी का इजाफा हुआ है, जिसके बाद इन शहरों की संख्या बढ़कर 106 पर पहुंच गई है। इन शहरों में भोपाल, ब्रजराजनगर, बुलंदशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तूर, कटक, देहरादून, धारवाड़, धुले, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडीपोंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जालोर, झालावाड़, झांसी, जींद, कन्नूर, कानपुर, करनाल, काशीपुर, कटिहार, कटनी आदि शहर शामिल थे।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक में तीन अंकों का सुधार आया है, जिसके बाद वहां एक्यूआई 139 पर पहुंच गया। इसी तरह फरीदाबाद में भी प्रदूषण के स्तर में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जहां 61 अंकों की गिरावट के बाद सूचकांक 124 पर पहुंच गया है। हालांकि इसके बावजूद इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है। इन दोनों शहरों की तरह ही देश के 43 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम दर्ज किया गया। हालांकि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 23 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। बता दें कि इन शहरों में बाड़मेर, बठिंडा, भागलपुर, भरतपुर, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बीकानेर, चरखी दादरी, चुरू, दिल्ली, धनबाद, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हिसार, इम्फाल, जैसलमेर, जालंधर, झुंझुनू, जोधपुर, कैथल, खन्ना, कुंजेमुरा, लुधियाना, मुजफ्फरनगर, नंदेसरी, नोएडा, पाली, पथरडीह, पटना, रायचुर, राजसमंद, रूपनगर, त्रिशूर आदि शहर शामिल थे।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 25 जून 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 221 में से 67 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 106 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 24 जून 2024 यह आंकड़ा 100 दर्ज किया गया था।

43 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं चार शहरों चार शहरों बद्दी, बर्नीहाट, रोहतक, और सासाराम में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में श्री गंगानगर (334) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है।   

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स तीन अंक गिरकर 139 पर पहुंच गया। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 124, गाजियाबाद में 146, गुरुग्राम में 113, नोएडा में 142, ग्रेटर नोएडा में 171 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 45 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 89, चेन्नई में 65, चंडीगढ़ में 94, हैदराबाद में 52, जयपुर में 88 और पटना में 129 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

पिंपरी-चिंचवाड़ (44) सहित देश के जिन 67 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल 20, अकोला 44, अमरावती 40, अंबाला 49, अमरावती 34, अरियालुर 34, बदलापुर 50, बागलकोट 42, बारां 46, बरेली 27, बेलापुर 47, बेंगलुरु 50, भिलाई 41, चामराजनगर 45, छाल 37, चिक्कबल्लापुर 32, चिक्कमगलुरु 42, कुड्डालोर 23, दमोह 49, एलूर 47, फिरोजाबाद 45, गडग 48, गंगटोक 24, हापुड़ 49, हसन 46, हावेरी 37, हुबली 42, इंदौर 46, जलगांव 44, जलना 47, कलबुर्गी 28, कल्याण 47, कारवार 31, कोहिमा 42, कोलार 33, कोलकाता 46, कोल्लम 48, कोप्पल 46, कोरबा 37, लातूर 38, मदिकेरी 24, महाद 45, मोतिहारी 46, मुंबई 45, मैसूरु 29, नागपुर 50, नांदेड़ 35, नासिक 40, नवी मुंबई 49, रायपुर 46, रामनगर 29, ऋषिकेश 50, सांगली 37, शिवमोगा 47, सिलीगुड़ी 41, सोलापुर 48, ठाणे 47, तिरुवनंतपुरम 40, थूथुकुडी 45, तिरुपुर 42, टोंक 46, वापी 50, वाराणसी 38, वेल्लोर 34, विजयपुरा 42, और यादगीर 31 शामिल रहे।

वहीं अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अंगुल, अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागपत, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बैरकपुर, बेलगाम, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, ब्रजराजनगर, बुलंदशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तूर, कटक, देहरादून, धारवाड़, धुले, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडीपोंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जालोर, झालावाड़, झांसी, जींद, कन्नूर, कानपुर, करनाल, काशीपुर, कटिहार, कटनी, किशनगंज, कोल्हापुर, कोटा, कुरुक्षेत्र, लखनऊ, मालेगांव, मंडी गोविंदगढ़, मंडीदीप, मानेसर, मैंगलोर, मेरठ, मीरा-भयंदर, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागांव, नारनौल, पलवल, पंचकुला, पटियाला, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रतलाम, राउरकेला, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सतना, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलचर, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सोनीपत, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, तिरुपति, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यमुना नगर आदि 106 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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