देश के सभी शहरों को पीछे छोड़ धौलपुर में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। वहां प्रदूषण किस कदर हावी हो चुका है इसका अंदाजा वायु गुणवत्ता सूचकांक से लगाया जा सकता है जो बढ़कर 400 के करीब पहुंच गया है। कुल मिलकर वहां हालात ऐसे हैं कि लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल हो चुका है।
इसी तरह अमृतसर में भी बढ़ते प्रदूषण से हालात दमघोंटू हैं, जहां एक्यूआई बढ़कर 220 पर पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ देश में कल्याण की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां एक्यूआई 19 रिकॉर्ड किया गया है। यदि धौलपुर की वायु गुणवत्ता की तुलना कल्याण से करें तो स्थिति 19 गुणा खराब है।
आंकड़ों के मुताबिक देश में कल्याण सहित 108 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। इन शहरों में बैरकपुर, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिहारशरीफ, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चिक्कबल्लापुर, चिक्कमगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, देहरादून, देवास, धारवाड़, गंगटोक, गुवाहाटी, हल्दिया, हावेरी, हावड़ा, हैदराबाद, आदि शहर शामिल थे। कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 14 फीसदी का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में पांच फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। इन शहरों का आंकड़ा 106 दर्ज किया गया है।
इन शहरों में बक्सर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, दिल्ली, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुर, हिसार, हुबली, इंफाल, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनू, जोधपुर, जोरापोखर, कन्नूर, कानपुर, कटनी, खन्ना, कोलार, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मानेसर, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नलबाड़ी, नासिक, नोएडा, पाली, पलवल, पानीपत, पटियाला, पटना, पीथमपुर, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, राउरकेला, रूपनगर, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरसा, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, आदि शहर शामिल हैं।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली की वायु गुणवत्ता में पांच अंको का इजाफा हुआ है। हालांकि दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। दूसरी तरफ फरीदाबाद में कल से प्रदूषण में 11 अंकों का सुधार आया है, जिसके बाद वहां भी वायु गुणवत्ता सूचकांक संतोषजनक श्रेणी में पहुंच गया है।
आंकड़ों के मुताबिक देश के 19 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। इन शहरों में अंगुल, बठिंडा, भिवाड़ी, भिवनी, बीकानेर, धनबाद, फतेहाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडीपूंडी, गुरुग्राम, हाजीपुर, जिंद, खुर्जा, नारनौल, रायचुर, सिंगरौली, श्री गंगानगर, विजयपुरा, वृन्दावन आदि शहर शामिल हैं। कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 14 फीसदी की गिरावट आई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 18 जुलाई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 235 में से 108 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 106 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 17 जुलाई 2024 यह आंकड़ा 112 दर्ज किया गया था। 19 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में धौलपुर (363) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है। यदि दिल्ली (95) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से पांच अंको का इजाफा हुआ है।
दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 97, गाजियाबाद में 88, गुरुग्राम में 102, नोएडा में 77, ग्रेटर नोएडा में 165 पर पहुंच गया है। देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 33 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 70, चेन्नई में 62, चंडीगढ़ में 59, हैदराबाद में 47, जयपुर में 62 और पटना में 84 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
देश के जिन 108 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा 48, आइजोल 23, अकोला 49, अमरावती 28, अंबाला 47, अमरावती 36, अरियालुर 39, आसनसोल 49, औरंगाबाद (महाराष्ट्र) 49, बदलापुर 46, बारां 40, बरेली 22, बारीपदा 38, बैरकपुर 43, बेलापुर 33, बेलगाम 39, बेंगलुरु 47, भिलाई 32, भीलवाड़ा 48, भिवंडी 43, भुवनेश्वर 45, बिहारशरीफ 32, बिलासपुर 45, बोईसर 25, ब्रजराजनगर 47, ब्यासनगर 25, चामराजनगर 41, चंद्रपुर 28, चिक्कबल्लापुर 22, चिक्कमगलुरु 42, कोयंबटूर 39, कुड्डालोर 24, कटक 22, दमोह 43, देहरादून 29, देवास 43, धारवाड़ 47, गंगटोक 26, गुवाहाटी 43, हल्दिया 36, हावेरी 42, हावड़ा 38, हैदराबाद 47, जबलपुर 37, जलगांव 40, कडपा 44, कैथल 46, कलबुर्गी 40, कल्याण 19, करौली 41, करनाल 40, काशीपुर 48, कटिहार 28, क्योंझर 37, कोहिमा 40, कोल्हापुर 29, कोलकाता 35, कोप्पल 48, कोरबा 28, कुंजेमुरा 35, कुरूक्षेत्र 48, लातूर 34, महाड 29, मंडीदीप 38, मैंगलोर 39, मेरठ 48, मीरा-भायंदर 31,मुरादाबाद 48, मुंबई 33, मैसूरु 31, नागांव 45, नागपुर 38, नाहरलागुन 34, नांदेड़ 36, नवी मुंबई 42, पालकालीपेरूर 30, पंचकुला 48, पिंपरी-चिंचवाड़ 36, प्रतापगढ़ 44, प्रयागराज 34, पुदुचेरी 42, पुणे 47, पूर्णिया 49, रायरंगपुर 46, राजमहेंद्रवरम 36, रामनगर 29, रामनाथपुरम 26, रतलाम 39, ऋषिकेश 37, सागर 44, सतना 43, शिवमोगा 40, सिलचर 46, सिलीगुड़ी 34, सिरोही 40, शिवसागर 44, सोनीपत 42, टेन्सा 49, ठाणे 30, तिरुवनंतपुरम 49, थूथुकुडी 46, त्रिशूर 46, तिरूपति 38, तिरुपुर 28, उल्हासनगर 48, वापी 50, वेल्लोर 22, यादगीर 26 शामिल रहे।
वहीं अगरतला, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बागलकोट, बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारबिल, बाड़मेर, भागलपुर, भरतपुर, भोपाल, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, छपरा, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, दिल्ली, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुर, हिसार, हुबली, इंफाल, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनू, जोधपुर, जोरापोखर, कन्नूर, कानपुर, कटनी, खन्ना, कोलार, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मानेसर, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नलबाड़ी, नासिक, नोएडा, पाली, पलवल, पानीपत, पटियाला, पटना, पीथमपुर, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, राउरकेला, रूपनगर, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरसा, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, तालचेर, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, यमुनानगर आदि 106 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।