मॉनसून के साथ देश के 61 फीसदी शहरों में बेहतर हुई वायु गुणवत्ता, 36 फीसदी में संतोषजनक है स्थिति

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से वहां भी वायु गुणवत्ता में सुधार आया है। वहां पांच अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 62 पर पहुंच गया है
फोटो: आईस्टॉक
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देश में मॉनसून पूरे जोश में है उसके साथ ही ज्यादातर शहरों के प्रदूषण में गिरावट देखने को मिल रही है, जिसकी आंकड़े भी इसकी पुष्टि करते हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने रविवार को जो आंकड़े साझा किए हैं उनके मुताबिक देश के 61 फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 50 या उससे नीचे बना हुआ है।

मतलब कि इन शहरों में वायु गुणवत्ता स्वास्थ्य के लिहाज से बेहतर बनी हुई है। इस बीच देश में रायपुर की वायु गुणवत्ता सबसे बेहतर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 15 दर्ज किया गया है।

इसी तरह देश के छोटे बड़े 140 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। हालांकि कल की तुलना में इन शहरों की संख्या में चार फीसदी की गिरावट जरूर आई है। गौरतलब है कि देश में कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, मदिकेरी, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला, सागर, सहरसा, सांगली, सासाराम आदि शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है।

वहीं इसके विपरीत श्रीगंगानगर में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। हालांकि वहां भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 119 पर बना हुआ है। मतलब की श्रीगंगानगर में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है। हालांकि यदि श्रीगंगानगर की तुलना रायपुर से करें तो अभी भी वायु गुणवत्ता करीब नौ गुणा खराब है।

इसी तरह देश के पांच अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता मध्यम दर्जे की है। इन शहरों में बीकानेर, फतेहाबाद, खुर्जा, रायचुर, और विशाखापत्तनम शामिल हैं। कल की तुलना में देखें तो इन शहरों की संख्या में 25 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों की बात करें तो उनमें फतेहाबाद, खुर्जा, विशाखापत्तनम, बीकानेर, रायचुर, भिवाड़ी, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और मंडी गोबिंदगढ़ शामिल रहे।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से वहां भी वायु गुणवत्ता में सुधार आया है। वहां पांच अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 62 पर पहुंच गया है। दूसरी तरफ दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में पांच अंकों का उछाल देखने को मिला है। हालांकि इन दोनों ही शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है।

देश में दिल्ली, फरीदाबाद की तरह ही 81 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हावेरी, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, झुंझुनूं, जींद, कैथल, कानपुर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, कोलार, कोटा, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मानेसर, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नारनौल, नोएडा, पलवल, पंचकुला, पानीपत, पुदुचेरी, पुणे, रूपनगर, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरसा, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, सूरत, तालचेर, तिरुवनंतपुरम आदि शहर शामिल हैं।

गौरतलब है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में 15 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 04 अगस्त 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 230 में से 141 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 83 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 03 अगस्त 2024 यह आंकड़ा 72 दर्ज किया गया था। छह शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में फतेहाबाद (119) और श्रीगंगानगर (119) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 150 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (62) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से पांच अंकों की गिरावट आई है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 66, गाजियाबाद में 53, गुरुग्राम में 84, नोएडा में 97, ग्रेटर नोएडा में 94 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 36 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 49, चेन्नई में 60, चंडीगढ़ में 50, हैदराबाद में 55, जयपुर में 67 और पटना में 48 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 141 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, आइजोल, अजमेर, अकोला, अमरावती, अंबाला, अमरावती, अंकलेश्वर, अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागपत, बहादुरगढ़, बारां, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, बीदर, बिहार शरीफ, बिलासपुर, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, छपरा, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, धारूहेड़ा, धुले, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड़, हिसार, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, करनाल, कटिहार, कटनी, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, मदिकेरी, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला, सागर, सहरसा, सांगली, सासाराम, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सोनीपत, सुआकाती, टेंसा, ठाणे, त्रिशूर, तिरुपति, तिरुपुर, तुमकुरु, उडुपी, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयपुरा, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, वृंदावन, यमुनानगर शामिल रहे।

वहीं अलवर, अमृतसर, अंगुल, बद्दी, बागलकोट, बालासोर, बल्लभगढ़, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भिवाड़ी, भिवानी, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, ब्यासानगर, बर्नीहाट, चामराजनगर, चेन्नई, चुरू, कटक, दौसा, दिल्ली, धारवाड़, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हावेरी, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, झुंझुनूं, जींद, कैथल, कानपुर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, कोलार, कोटा, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मानेसर, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नारनौल, नोएडा, पलवल, पंचकुला, पानीपत, पुदुचेरी, पुणे, रूपनगर, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरसा, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, सूरत, तालचेर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, टोंक, तुमिडीह, उदयपुर, उज्जैन, वापी, विरार आदि 83 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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