प्रदूषित शहरों में पहले स्थान पर हनुमानगढ़, दूसरे पर श्री गंगानगर, छह अन्य शहरों में दमघोंटू हैं हालात

देश के सबसे साफ शहर रहे आइजोल से तुलना करें तो हनुमानगढ़ में प्रदूषण का स्तर करीब 21 गुणा ज्यादा है। इसी तरह देश के छोटे बड़े छह अन्य शहरों में भी हालात दमघोंटू हैं
फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
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देश के सभी शहरों को पीछे छोड़ वायु प्रदूषण के मामले में हनुमानगढ़ पहले स्थान पर पहुंच गया है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 334 दर्ज किया गया है। वहीं दूसरे स्थान पर श्री गंगानगर है, जहां एक्यूआई 322 पर बना हुआ है। इन दोनों शहरों में हवा इस कदर जहरीली है कि वो लोगों को बेहद बीमार करने के लिए काफी है। देश के सबसे साफ शहर रहे आइजोल से तुलना करें तो हनुमानगढ़ में प्रदूषण का स्तर करीब 21 गुणा ज्यादा है। इसी तरह देश के छोटे बड़े छह अन्य शहरों में भी हालात दमघोंटू हैं।

इन शहरों में बद्दी (213), चरखी दादरी (250), ग्रेटर नोएडा (202), जैसलमेर (259), लुधियाना (211), रोहतक (250), शामिल हैं। हालांकि कल से देखें तो देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 60 फीसदी की गिरावट आई है। इसी तरह जहां कल बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों का आंकड़ा छह दर्ज किया गया था, वो आज घटकर दो पर पहुंच गया है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो वहां भी कल से प्रदूषण में भारी गिरावट दर्ज की गई, जहां एक्यूआई 130 अंक घटकर 176 पर पहुंच गया है। इसी तरह फरीदाबाद में भी प्रदूषण के स्तर में 82 अंकों का सुधार आया है। वहीं दूसरी तरफ देश के 64 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। इन शहरों में भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, बिलासपुर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चिक्काबल्लापुर, चिक्कमगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देवास, एलूर, गडग, हल्दिया, हावेरी, इंदौर, कलबुर्गी, कल्याण, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, मदिकेरी, महाद, मैहर, मीरा-भयंदर, मोतिहारी, मुंबई, आदि शहर शामिल रहे। कल से देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में भी साढ़े चार फीसदी की गिरावट आई है। हालांकि दूसरी तरफ देश के संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 21 फीसदी का इजाफा हुआ है। बता दें कि इन शहरों की संख्या 99 बनी हुई है।

इनमें अजमेर, अकोला, अलवर, अंगुल, अंकलेश्वर, औरंगाबाद बिहार), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारीपदा, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भोपाल, बीदर, बोईसर, बूंदी, ब्यासनगर, चेन्नई, छाल, चित्तौड़गढ़, कटक, दमोह, धारूहेड़ा, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडीपोंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हसन, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इम्फाल, जबलपुर, जयपुर, जलगांव, जलना, झालावाड़, जोधपुर, कैथल, कानपुर, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, कोहिमा, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, मालेगांव, मंडीदीप, मैंगलोर, मुजफ्फरपुर, नवी मुंबई, नयागढ़, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायचूर आदि शहर शामिल हैं।

आंकड़ों के मुताबिक देश में 54 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम रहा। कल से देखें तो इन शहरों की संख्या में भी दस फीसदी की गिरावट आई है। इन शहरों में चंडीगढ़, दौसा, दिल्ली, धनबाद, दुर्गापुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गाजियाबाद, गुरुग्राम, हाजीपुर, हापुड़, हिसार, जालौर , झुंझुनू, जींद, करौली, करनाल, खन्ना, खुर्जा, कुरुक्षेत्र, लखनऊ, मंडीखेड़ा, मानेसर, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नागौर, नंदेसरी, नोएडा, पाली, पलवल, पटियाला, पटना, समस्तीपुर, सासाराम, सोनीपत, तुमकुरु, विशाखापत्तनम, यमुना नगर आदि शामिल थे।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 20 जून 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 225 में से 64 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 99 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 19 जून 2024 यह आंकड़ा 82 दर्ज किया गया था।

54 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं छह शहरों बद्दी, चरखी दादरी, ग्रेटर नोएडा, जैसलमेर, लुधियाना, और रोहतक में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में हनुमानगढ़ (334) और श्री गंगानगर (322) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है।   

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 130 अंक गिरकर 176 पर पहुंच गया। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 144, गाजियाबाद में 148, गुरुग्राम में 172, नोएडा में 174, ग्रेटर नोएडा में 202 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 104, चेन्नई में 54, चंडीगढ़ में 128, हैदराबाद में 51, जयपुर में 92 और पटना में 110 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

अगरतला (50) सहित देश के जिन 64 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल 16, अमरावती 48, अंबाला 49, अमरावती 44, अरियालुर 34, औरंगाबाद (महाराष्ट्र) 48, बागलकोट 39, बरेली 23, भिलाई 35, भीलवाड़ा 48, भिवंडी 48, बिलासपुर 39, चामराजनगर 46, चंद्रपुर 34, चिक्काबल्लापुर 33, चिक्कमगलुरु 39, कोयंबटूर 40, कुड्डालोर 32, दावनगेरे 33, देवास 42, एलूर 39, गडग 47, हल्दिया 50, हावेरी 38, इंदौर 43, कलबुर्गी 28, कल्याण 33, कोल्हापुर 47, कोलकाता 47, कोप्पल 47, मदिकेरी 27, महाद 32, मैहर 37, मीरा-भयंदर 42, मोतिहारी 34, मुंबई 50, मैसूर 32, नागांव 41, नागपुर 45, नाहरलागुन 18, नांदेड़ 47, नारनौल 48, नासिक 39, ऊटी 46, पिंपरी-चिंचवाड़ 37, पुदुचेरी 50, रायपुर 30, रामनगर 29, रामनाथपुरम 18, सांगली 39, सतना 46, सिलचर 47, सिलीगुड़ी 28, शिवसागर 48, ठाणे 33, तिरुवनंतपुरम 36, तिरुपति 36, तिरुपुर 30, वापी 47, वाराणसी 30, विजयपुरा 42, विरार 49, यादगीर 48 शामिल रहे।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अंगुल, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (बिहार), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारीपदा, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भोपाल, बीदर, बोईसर, बूंदी, ब्यासनगर, चेन्नई, छाल, चित्तौड़गढ़, कटक, दमोह, धारूहेड़ा, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडीपोंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हसन, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इम्फाल, जबलपुर, जयपुर, जलगांव, जलना, झालावाड़, जोधपुर, कैथल, कानपुर, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, कोहिमा, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, मालेगांव, मंडीदीप, मैंगलोर, मुजफ्फरपुर, नवी मुंबई, नयागढ़, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायचूर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सहरसा, शिवमोगा, सीकर, सिंगरौली, सिरोही, सिरसा, सोलापुर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, थूथुकुडी, त्रिशूर, टोंक, उदयपुर, उडुपी, उज्जैन, उल्हासनगर, वातवा, विजयवाड़ा, विरुधुनगर और वृंदावन आदि 99 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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