देश के बाकी शहरों को पीछे छोड़ प्रदूषण के मामले में ग्रेटर नोएडा पहले स्थान पर पहुंच गया है, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 254 दर्ज किया गया है। वहीं दूसरी तरफ शिलांग में हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 18 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि ग्रेटर नोएडा की हवा में घुले जहर की तुलना शिलांग से करें तो स्थिति 14 गुणा ज्यादा खराब है।
आंकड़ों के मुताबिक देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में ग्रेटर नोएडा के साथ-साथ औरंगाबाद (महाराष्ट्र), नोएडा, गाजियाबाद, दिल्ली, चरखी दादरी, पाली, बांसवाड़ा, खुर्जा और हनुमानगढ़ शामिल थे। वहीं जिन दस शहरों में हवा सबसे ज्यादा साफ रही, उनमें शिलांग के साथ-साथ कारवार, दावनगेरे, विरुधुनगर, पालकालाइपेरुर, तिरुनेलवेली, कुंजेमुरा, नयागढ़, वापी और गडग शामिल थे।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण के स्तर में 32 अंकों का इजाफा हुआ है, जिसके बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 139 पर पहुंच गया। कुछ ऐसी ही स्थिति फरीदाबाद की भी रही, जहां 39 अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई बढ़कर 111 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली-फरीदाबाद दोनो ही शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम हो गया है।
इन दोनों शहरों की तरह ही देश के 24 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम दर्ज किया गया है। इन शहरों में अमृतसर, अंगुल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बांसवाड़ा, बुलन्दशहर, चरखी दादरी, चुरू, दौसा, दिल्ली, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गुरूग्राम, हनुमानगढ़, इंफाल, जयपुर, जालंधर, जलना, खन्ना, खुर्जा, मेरठ, नोएडा, पाली, पीथमपुर, रायचुर, समस्तीपुर, टोंक शामिल थे। वहीं कल के मुकाबले देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 18 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ देश में 91 शहरों की वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुआ है, हालांकि कल से इन शहरों की संख्या में छह फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। गौरतबल है कि देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों में पलवल, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सहरसा, सलेम, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, शिवसागर, टेन्सा , ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, उडुपी आदि शहर शामिल थे।
इसी तरह आंकड़ों के मुताबिक देश के 122 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में सोनीपत, श्रीगंगानगर, तालचेर, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयपुरा, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम आदि शहर शामिल थे। वहीं कल के मुकाबले देखें तो देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों में करीब एक फीसदी का मामूली इजाफा हुआ है।
कुल मिलकर देखें तो देश के करीब 38 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है, वहीं आधे से ज्यादा शहरों में प्रदूषण का स्तर संतोषजनक है। दूसरी तरफ 11 फीसदी से ज्यादा शहरों में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 16 सितम्बर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 240 में से 91 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 122 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 15 सितम्बर 2024 यह आंकड़ा 121 दर्ज किया गया था। 26 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में ग्रेटर नोएडा (254) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (139) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 32 अंकों का इजाफा हुआ है।
दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 111, गाजियाबाद में 156, गुरुग्राम में 115, नोएडा में 168, ग्रेटर नोएडा में 254 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 65 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 93, चेन्नई में 47, चंडीगढ़ में 52, हैदराबाद में 58, जयपुर में 115 और पटना में 72 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
देश के जिन 91 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, आइजोल, अकोला, अमरावती, अरियालूर, आसनसोल, बागलकोट, बारीपदा, बेगूसराय, बेलगाम, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बक्सर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, डिंडीगुल, दुर्गापुर, गडग, हल्दिया, हसन, हावड़ा, हुबली, झांसी, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कारवार, कटिहार, क्योंझर, किशनगंज, कोहिमा, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, महाड, मालेगांव, मंगुराहा, मिलुपारा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पलवल, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सहरसा, सलेम, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, शिवसागर, टेन्सा , ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, उडुपी, वापी, वेल्लोर, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर, यमुनानगर शामिल रहे।
वहीं अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अमरावती, अम्बाला, अमरावती, अंगुल, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बीकानेर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, कोयंबटूर, कटक, दमोह, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, फरीदाबाद, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, हिसार, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालौर, झालावाड़, जींद, जोधपुर, कडपा, कैथल, कानपुर, करनाल, कटनी, कोल्लम, कोटा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नागपुर, नांदेड़, ऊटी, परभनी, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सलेम, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिंगरौली, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, सोनीपत, तालचेर, टोंक, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, यादगीर, यमुनानगर आदि 122 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।