जनवरी के बाद साल में पहली बार दिल्ली में सांसों पर लगा आपातकाल, 418 पर पहुंचा एक्यूआई

2024 में यह दूसरा मौका है जब दिल्ली में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा दर्ज किया गया है। इससे पहले 14 जनवरी 2024 को वायु गुणवत्ता सूचकांक 447 दर्ज किया गया था
जनवरी के बाद साल में पहली बार दिल्ली में सांसों पर लगा आपातकाल, 418 पर पहुंचा एक्यूआई
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दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से स्थिति आपात स्थिति में पहुंच गई है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 418 पर पहुंच गया है। गौरतलब है कि साल में यह चौथा मौका है जब प्रदूषण का स्तर आपात स्थिति में पहुंचा है। इससे पहले 26 जनवरी 2024 को दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 409 तक पहुंचा था।

बता दें कि इस साल दिल्ली में 14 जनवरी 2024 को वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब प्रदूषण का स्तर यानी एक्यूआई 447 तक पहुंच गया था। गौरतलब है कि कल दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरावट के बाद 334 तक पहुंच गया था। इसके बाद आज 84 अंकों के भारी उछाल के साथ यह सूचकांक आपात स्थिति में पहुंच गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी ताजा रुझानों के मुताबिक हाजीपुर में भी वायु गुणवत्ता गंभीर स्थिति में बनी हुई है, जहां आज भी वायु गुणवत्ता सूचकांक आपात स्थिति को दर्शाता है। बता दें कि कल देश में हाजीपुर की हवा सबसे प्रदूषित थी, जब एक्यूआई 427 तक पहुंच गया था।

आंकड़ों के मुताबिक देश के छोटे बड़े 26 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहद खराब है। इन शहरों में अमृतसर, बद्दी, बागपत, बल्लभगढ़, भिवाड़ी, भिवानी, बीकानेर, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, धारूहेड़ा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हापुड, जींद, खुर्जा, मंडी गोबिंदगढ़, नोएडा, पानीपत, पटना, पूर्णिया, रोहतक, सहरसा, सोनीपत, उज्जैन शामिल हैं। बता दें कि कल देश में 'बेहद खराब' हवा वाले शहरों की संख्या महज तीन दर्ज की गई थी जो आज 767 फीसदी बढ़कर 26 पर पहुंच गई है।

आंकड़ों में इस बात की भी पुष्टि हुई है कि देश में 50 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' बना हुआ है। इन शहरों में फरीदाबाद भी शामिल है, जहां कल से प्रदूषण के स्तर में 64 अंकों का इजाफा हुआ है।

बता दें कि फरीदाबाद की तरह ही देश के छोटे बड़े जिन शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है, उनमें अम्बाला, अररिया, आसनसोल, बदलापुर, बहादुरगढ़, बेगूसराय, बेतिया, भागलपुर, भोपाल, बर्नीहाट, चुरू, देहरादून, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गया, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हावेरी, हिसार, इंदौर, जालंधर, जलगांव, कैथल, करनाल, कटिहार, कटनी, किशनगंज, कोल्हापुर, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मेरठ, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, पंचकुला, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, राजगीर, रतलाम, सागर, सिंगरौली, सिरसा, सिवान, टोंक, यमुनानगर शामिल हैं।

हालांकि कल की तुलना में देखें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की संख्या में 12 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

दूसरी तरफ देश में अरियालूर की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 14 दर्ज किया गया है। ऐसे में दिल्ली की तुलना यदि देश के सबसे साफ हवा वाले शहर अरियालूर से करें तो वहां स्थिति 29 गुणा ज्यादा खराब है। बता दें कि अरियालूर की तरह ही 30 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है।

इन शहरों में चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, गडग, करूर, क्योंझर, कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, नगांव, नाहरलगुन, ऊटी आदि शहर शामिल हैं। राहत की बात यह रही की कल से देश में बेहतर हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 130 फीसदी का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक अजमेर की तरह ही देश में छोटे बड़े 55 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में हैदराबाद, कडपा, कलबुर्गी, कारवार, कोलार, कोल्लम, कोरबा, मदुरै, मंगलौर, मिलुपारा, मैसूर, नलबाड़ी, नयागढ़, पुदुकोट्टई, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनाथपुरम आदि शहर शामिल हैं। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 18 फीसदी की गिरावट आई है।

वहीं अगरतला की तरह ही देश के 105 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों की गिनती में कल से करीब 13 फीसदी की गिरावट आई है।

बता दें कि देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है उनमें अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अंगुल, औरंगाबाद (बिहार), बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिहारशरीफ, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, छपरा, चित्तौड़गढ़, कटक, दमोह, दौसा, देवास, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, गांधीनगर, गोरखपुर, हावड़ा, इंफाल, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, करौली, काशीपुर, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, मालेगांव, मंगुराहा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पलवल, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायचुर, रायपुर, ऋषिकेश, रूपनगर, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सोलापुर, श्रीगंगानगर, सुआकाती, सूरत, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तिरुपुर, तुमकुरु, उदयपुर, उडुपी, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।

कुल मिलकर देखें तो देश में ऐसे शहरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जहां वायु गुणवत्ता की स्थिति चिंतनीय है। आज जहां देश के 11 फीसदी शहरों में हवा साफ रही। वहीं करीब 21 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया। दूसरी तरफ देश के 85 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 13 नवंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 268 में से 30 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 55 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 12 नवंबर 2024 यह आंकड़ा 67 दर्ज किया गया था। 105 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में दिल्ली (418) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 420 के करीब पहुंच गया है। वहीं कल हाजीपुर में स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 427 तक पहुंच गया।

प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली पहले स्थान पर है, जहां कल से प्रदूषण के स्तर में 84 अंकों का इजाफा हुआ है। इसका मतलब दिल्ली में आज हवा ‘गंभीर’ बनी हुई है, जो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 262, गाजियाबाद में 350, गुरुग्राम में 321, नोएडा में 359, ग्रेटर नोएडा में 364 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 132 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 228, चेन्नई में 42, चंडीगढ़ में 372, हैदराबाद में 98, जयपुर में 158 और पटना में 305 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 30 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अनंतपुर, अरियालूर, बागलकोट, चामराजनगर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, गडग, करूर, क्योंझर, कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, नगांव, नाहरलगुन, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, रामनगर, शिलांग, सिलचर, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, तिरुपति, वेल्लोर, विजयपुरा शामिल रहे।

वहीं अजमेर, अलवर, अमरावती, अमरावती, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बेलगाम, बेंगलुरु, बीदर, ब्रजराजनगर, चेंगलपट्टू, छाल, चित्तूर, कोयंबटूर, दावनगेरे, धारवाड़, डिंडीगुल, एलूर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गंगटोक, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, हसन, हुबली, हैदराबाद, कडपा, कलबुर्गी, कारवार, कोलार, कोल्लम, कोरबा, मदुरै, मंगलौर, मिलुपारा, मैसूर, नलबाड़ी, नयागढ़, पुदुकोट्टई, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनाथपुरम, राउरकेला, सतना, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तुमिडीह, वाराणसी, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम आदि 55 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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