प्रदूषण में टॉप पर दुर्गापुर, बर्नीहाट, छपरा, जाने क्या आपका शहर है सुरक्षित?

आज जहां देश के 49 फीसदी शहरों में हवा साफ है, वहीं 45 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ करीब छह फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं
हिमाचल प्रदेश के शहर बद्दी में सड़कों पर  उड़ती धूल आपकी सेहत बिगाड़ सकती हैं। फोटो: रोहित पराशर
हिमाचल प्रदेश के शहर बद्दी में सड़कों पर उड़ती धूल आपकी सेहत बिगाड़ सकती हैं। फोटो: रोहित पराशर spiu shimla
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देश में कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही प्रदूषण के समीकरण लगातार बदल रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक जहां देश में पहले प्रदूषण बड़े शहरों तक सीमित था, वहीं अब छोटे शहरों में स्थिति ज्यादा खराब है। कुछ ऐसी ही स्थिति आज दुर्गापुर, बर्नीहाट, छपरा जैसे शहरों में देखने को मिली जो प्रदूषित शहरों में आज टॉप पर है।

वहीं दूसरी तरफ आज एक बार फिर शिलांग की हवा सबसे साफ थी, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 13 रिकॉर्ड किया गया। दूसरी तरफ देश के सबसे प्रदूषित शहर दुर्गापुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 156 दर्ज किया गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 31 जुलाई यानी आज जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज जहां देश के 49 फीसदी शहरों में हवा साफ है, वहीं 45 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ करीब छह फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

राहत की बात यह रही कि आज देश के किसी भी शहर में वायु गुणवत्ता 'खराब' या 'बेहद खराब' दर्ज नहीं की गई। मतलब कि आज देश का कोई भी शहर ऐसा नहीं है जहां एक्यूआई 200 या उसके पार हो।

प्रदूषित शहरों की लिस्ट में आज मेघालय का बर्नीहाट (150) दूसरे जबकि बिहार का छपरा (145) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 120 अंकों के साथ विशाखापत्तनम चौथे जबकि नंदेसरी (119) पांचवें स्थान पर बना हुआ है।

जालौर में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो आज 118 अंकों के साथ देश का छठा सबसे प्रदूषित शहर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में श्री गंगानगर (117), वापी (111), बाड़मेर (107) और जैसलमेर (105) भी शामिल हैं।

ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर दुर्गापुर की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 11 गुणा खराब है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से तुलना करें तो दुर्गापुर में प्रदूषण 247 फीसदी अधिक है।

रुझानों में यह भी सामने आया है कि आज जहां बर्नीहाट, छपरा, श्री गंगानगर आदि शहरों में प्रदूषण के महीन कण यानी पीएम2.5 हावी है। वहीं दुर्गापुर, विशाखापत्तनम, नंदेसरी, जालौर, वापी, बाड़मेर, जैसलमेर, नागौर, पाली, बीकानेर आदि में पीएम10 से हालात चिंताजनक हैं।

दूसरी तरफ आज देश के जिन 49 फीसदी यानी 112 शहरों में हवा साफ है, उनमें औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बागपत, बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक आदि शामिल हैं।

राहत की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब दो फीसदी का इजाफा हुआ है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में सात अंकों की गिरावट आई है। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। दिल्ली की तरह ही आज देश के छोटे-बड़े 100 से अधिक शहरों में स्थिति संतोषजनक है। इन शहरों में हाजीपुर, हापुड, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जलगांव, जलना, झालावाड़, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करूर, क्योंझर, खुर्जा, कोहिमा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा आदि शामिल हैं।

अच्छी खबर यह है कि साफ हवा वाले शहरों की तरह ही देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी इजाफा हुआ है। आज इन शहरों में करीब 11 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

दूसरी तरफ आज देश के 13 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बाड़मेर, बीकानेर, बर्नीहाट, छपरा, दुर्गापुर, जैसलमेर, जालौर, नागौर, नंदेसरी, पाली, श्री गंगानगर, वापी, विशाखापत्तनम शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में भी 18 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 228 में से 112 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 103 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 30 जुलाई 2025 को यह आंकड़ा 93 दर्ज किया गया था।

13 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में दुर्गापुर (156) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 160 के करीब पहुंच गया। कल श्रीगंगानगर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 212 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 7 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक सुधारकर 59 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता सूचकांक संतोषजनक श्रेणी में बना हुआ है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।  

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज विशाखापत्तनम  चौथे स्थान पर है, वहीं बर्नीहाट (150) दूसरे, जबकि छपरा (145) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 42, गाजियाबाद में 47, गुवाहाटी में 41, हापुड में 51, नोएडा में 54, ग्रेटर नोएडा में 66 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 62 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 74, चेन्नई में 100, चंडीगढ़ में 48, हैदराबाद में 63, जयपुर में 73 और पटना में 64 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 112 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अरियालूर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बागपत, बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गडग, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हावेरी, होसुर, हावड़ा, हुबली, जबलपुर, जालंधर, झांसी, झुंझुनूं, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करौली, कटिहार, कटनी, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मंगुराहा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नमक्कल, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, सलेम, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सिवान, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, तुमिडीह, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।

वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, बद्दी, बदलापुर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बेगूसराय, बेंगलुरु, बेतिया, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बयासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, दिल्ली, देवास, धनबाद, धुले, डूंगरपुर, एलूर, गांधीनगर, ग्रेटर नोएडा, हाजीपुर, हापुड, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जलगांव, जलना, झालावाड़, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करूर, क्योंझर, खुर्जा, कोहिमा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सहरसा, सांगली, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, तालचेर, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वातवा, विजयवाड़ा आदि 103 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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