दिल्ली के एयर क्वालिटी इंडेक्स में 47 अंकों का उछाल, प्रदूषण में एक बार फिर नंबर वन पर मुंगेर

आंकड़ों पर नजर डालें तो देश में एक बार फिर मुंगेर की हवा सबसे ज्यादा दूषित रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक दूसरे शहरों को पीछे छोड़ 230 पर पहुंच गया है
देश की राजधानी दिल्ली में अपने बच्चे के साथ फुटपाथ पर आराम करती बेघर महिला; फोटो: आईस्टॉक
देश की राजधानी दिल्ली में अपने बच्चे के साथ फुटपाथ पर आराम करती बेघर महिला; फोटो: आईस्टॉक
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दिल्ली में एक बार फिर प्रदूषण में उछाल देखें को मिला है। बता दें कि पिछले कुछ दिनों में बारिश के चलते दिल्ली में वायु गुणवत्ता संतोषजनक स्तर पर पहुंच गई थी। हालांकि एक बार फिर प्रदूषण का स्तर बढ़ता दिख रहा है।

कल से तुलना करें तो दिल्ली की वायु गुणवत्ता में 47 अंकों का उछाल आया है, जिसके बाद दिल्ली की वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर पहुंच गई है। दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी वायु गुणवत्ता में 12 अंकों की गिरावट जरूर आई है। लेकिन वहां प्रदूषण का स्तर अभी भी सन्तोषजनक बना हुआ है।

आंकड़ों पर नजर डालें तो देश में एक बार फिर मुंगेर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक दूसरे शहरों को पीछे छोड़ 230 पर पहुंच गया है। मतलब की वहां हवा में घुला जहर लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है। दूसरी तरफ देश में आइजोल की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 18 दर्ज किया गया है। यदि मुंगेर में प्रदूषण की तुलना आइजोल से करें तो वहां हवा करीब 13 गुणा ज्यादा खराब है।

देश में साफ यानी बेहतर हवा वाले शहरों को देखें तो कल से इन शहरों की संख्या में भी करीब चार फीसदी की गिरावट आई है, जिसके बाद इन शहरों का आंकड़ा घटकर 102 पर पहुंच गया है।

बता दें कि देश में ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, छल, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावणगेरे, देहरादून, फिरोजाबाद, गडग, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हल्दिया, हापुड, हसन, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, जबलपुर, झांसी, कलबुर्गी, कल्याण, करौली, काशीपुर, कटनी, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, महाड, मैंगलोर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मैसूर, नागांव, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नयागढ़, पालकलीपेरुर, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड़, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सांगली, सासाराम, सतना, शिलांग, शिवमोग्गा, सिलीगुड़ी, सुआकाती, थूथुकुडी, तिरुपुर, टोंक, वेल्लोर, विजयपुरा, विजयवाड़ा, वृन्दावन आदि शहर शामिल रहे।

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कुछ ऐसी ही स्थिति देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की बनी हुई है, जिनकी संख्या में कल से करीब छह फीसदी की गिरावट आई है। इसके बाद इन शहरों की संख्या घटकर 109 पर पहुंच गई है।

देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों में जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनू, जोधपुर, कैथल, कानपुर, करनाल, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोटा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मानेसर, मंगुराहा, मुजफ्फरनगर, नागौर, नलबाड़ी, नारनौल, नवी मुंबई, नोएडा, पलवल, पंचकुला, पानीपत, पटना, पीथमपुर, पूर्णिया, राजसमंद, रामानगर, रतलाम, रूपनगर, सीकर, सिलचर, सिंगरौली, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, तालचेर, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरूपति, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, विरार, विशाखापत्तनम आदि शहर शमिल थे।

वहीं देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों में कल से करीब 27 फीसदी का इजाफा हुआ है, जिसके बाद इन शहरों की संख्या बढ़कर 19 पर पहुंच गई है। देश में औरंगाबाद(बिहार), बद्दी, बालासोर, भिवाड़ी, दौसा, दिल्ली, धनबाद, डूंगरपुर, फतेहाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, इंफाल, मंडी गोबिंदगढ़, मुजफ्फरपुर, पाली, रोहतक, समस्तीपुर, श्री गंगानगर में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। कुल मिलाकर देखें तो कल से देश में वायु गुणवत्ता में गिरावट आई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 27 जुलाई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 231 में से 102 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 109 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 26 जुलाई 2024 यह आंकड़ा 116 दर्ज किया गया था। 19 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में मुंगेर (230) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (131) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 47 अंकों का उछाल आया है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 94, गाजियाबाद में 103, गुरुग्राम में 173, नोएडा में 88, ग्रेटर नोएडा में 182 पर पहुंच गया है। देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 47 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 58, चेन्नई में 77, चंडीगढ़ में 68, हैदराबाद में 46, जयपुर में 77 और पटना में 72 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 102 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला 48, आगरा 27, आइजोल 18, अकोला 45, अमरावती 28, अमरावती 34, अंगुल 37, अंकलेश्वर 50, आसनसोल 41, औरंगाबाद(महाराष्ट्र) 50, बदलापुर 44, बारां 48, बरेली 22, बैरकपुर 49, बेलापुर 45, बेंगलुरु 50, भरतपुर 40, भिलाई 36, भिवंडी 49, भुवनेश्वर 43, बिहार शरीफ 34, बिलीपाड़ा 39, ब्रजराजनगर 47, ब्यासनगर 29, चामराजनगर 35, चंद्रपुर 29, छाल 42, चित्तूर 45, कोयंबटूर 32, कुड्डालोर 19, कटक 28, दमोह 41, दावनगेरे 24, देहरादून 35, फिरोजाबाद 30, गडग 48, गंगटोक 20, गया 49, गोरखपुर 46, गुवाहाटी 42, हल्दिया 30, हापुड 47, हासन 39, हावड़ा 36, हुबली 39, हैदराबाद 46, जबलपुर 41, झांसी 39, कलबुर्गी 40, कल्याण 49, करौली 19, काशीपुर 50, कटनी 41, कोहिमा 42, कोल्हापुर 37, कोलकाता 42, कोप्पल 30, कोरबा 34, कुंजेमुरा 28, लातूर 48, मदिकेरी 20, महाड 34, मैंगलोर 46, मेरठ 44, मीरा-भायंदर 41, मुरादाबाद 39, मोतिहारी 38, मुंबई 47, मैसूर 31, नागांव 28, नागपुर 35, नांदेड़ 36, नासिक 37, नयागढ़ 30, पालकलीपेरुर 26, पटियाला 50, पिंपरी-चिंचवाड़ 27, प्रतापगढ़ 48, प्रयागराज 35, पुदुचेरी 47, पुणे 49, रायपुर 29, राजमहेंद्रवरम 47, ऋषिकेश 35, राउरकेला 48, सागर 43, सांगली 30, सासाराम 30, सतना 34, शिलांग 38, शिवमोगा 45, सिलीगुड़ी 44, सुआकाती 29, थूथुकुडी 38, तिरुपुर 43, टोंक 43, वेल्लोर 35, विजयपुरा 39, विजयवाड़ा 44, वृन्दावन 38, यादगीर 34, यमुनानगर 50 शामिल रहे।

वहीं अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अंबाला, अमृतसर, अनंतपुर, अरियालुर, बागलकोट, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बठिंडा, बेलगाम, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवानी, भोपाल, बीदर, बीकानेर, बोइसर, बुलंदशहर, बूंदी, बक्सर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चेन्नई, छपरा, चित्तौड़गढ़, चुरू, देवास, धारूहेड़ा, धुले, दुर्गापुर, एलूर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गुम्मिडीपूंडी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हावेरी, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनू, जींद, जोधपुर, कैथल, कानपुर, करनाल, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोटा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मानेसर, मंगुराहा, मुजफ्फरनगर, नागौर, नलबाड़ी, नारनौल, नवी मुंबई, नोएडा, पलवल, पंचकुला, पानीपत, पटना, पीथमपुर, पूर्णिया, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, रतलाम, रूपनगर, सीकर, सिलचर, सिंगरौली, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, तालचेर, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरूपति, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, विरार, विशाखापत्तनम आदि 109 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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