
दिल्ली में कल से प्रदूषण में गिरावट जरूर आई लेकिन वायु गुणवत्ता अभी भी बेहद खराब बनी हुई है। हालात यह हैं कि लगातार ग्यारहवें दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के ऊपर दर्ज किया गया है। देखा जाए तो दीवाली के बाद से एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब वायु गुणवत्ता को स्वास्थ्य के लिहाज से सुरक्षित कहा जा सके। ताजा रुझानों के मुताबिक 28 अंकों की गिरावट के बावजूद दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 352 पर बना हुआ है।
इसी तरह देश में बद्दी (344), मंडीदीप (343), चंडीगढ़ (332), और बहादुरगढ़ (305) में हालात 'बेहद खराब' बना हुआ है। बता दें कि कल देश में बहादुरगढ़ की स्थिति सबसे खराब थी, जहां एक्यूआई 392 रिकॉर्ड किया गया था। हालांकि राहत की बात यह रही की कल से देश में 'बेहद खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में 58 फीसदी की गिरावट आई है। कल इन शहरों की संख्या 12 दर्ज की गई थी।
कुछ ऐसी ही स्थिति देश के छोटे बड़े 50 अन्य शहरों में भी दर्ज की गई है। इन शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। बता दें कि देश में 'खराब' हवा वाले शहरों में दिल्ली का पड़ोसी शहर फरीदाबाद भी है, जहां एक्यूआई 31अंकों की भारी गिरावट के बावजूद 203 पर बना हुआ है।
बता दें कि देश में 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों में अमृतसर, अंगुल, बागपत, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, बीकानेर, बर्नीहाट, चरखी दादरी, देहरादून, धारूहेड़ा, धुले, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, हिसार, जयपुर, जालंधर, जींद, करौली, कुरूक्षेत्र, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मानेसर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नांदेड़, नोएडा, पंचकुला, परभनी, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सवाई माधोपुर, सिंगरौली, सिवान, सोनीपत, श्रीगंगानगर, टोंक, यमुनानगर आदि शामिल रहे।
हालांकि कल की तुलना में देखें तो देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 14 फीसदी का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ देश में पालकालाइपेरुर की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 22 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में देश के सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली की तुलना पालकालाइपेरुर से करें तो वहां हवा की गुणवत्ता 15 गुणा बेहतर है।
पालकालाइपेरुर की तरह देश के 35 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर दर्ज किया गया है। इन शहरों में रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, शिवमोगा, सिलचर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, तिरुपति, वेल्लोर आदि शामिल थे।
अच्छी खबर यह है कि देश में कल से बेहतर हवा वाले शहरों की संख्या में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी ताजा रुझानों के मुताबिक देश के छोटे बड़े 55 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में मैसूर, नयागढ़, ऊटी, प्रयागराज, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, सतना, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, उडुपी, वाराणसी आदि शहर शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब छह फीसदी का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों के मुताबिक देश के छोटे बड़े 118 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। हालांकि कल से मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में कल से 0.8 फीसदी की मामूली गिरावट आई है।
देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों में अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अम्बाला, अमरावती, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भुवनेश्वर, बीदर, बिहारशरीफ, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंद्रपुर, छपरा, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दौसा, देवास, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, ग्वालियर, हावड़ा, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, करनाल, काशीपुर, कटनी, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोल्हापुर, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मांडीखेड़ा, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, नागौर, नागपुर, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पलवल, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, पूर्णिया, रायचुर, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, रतलाम, ऋषिकेश, सहरसा, सांगली, सासाराम, सीकर, सिरसा, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तिरुपुर, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि शहर शामिल हैं।
कुल मिलाकर देखें तो देश के करीब 14 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। वहीं 21 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है। दूसरी तरफ बढ़ते प्रदूषण के चलते देश के करीब 66 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 09 नवंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 264 में से 36 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 55 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 08 नवंबर 2024 यह आंकड़ा 52 दर्ज किया गया था। 118 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में दिल्ली (352) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 360 के करीब पहुंच गया है। वहीं कल बहादुरगढ़ में स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 392 तक पहुंच गया। वहीं प्रदूषण के मामले में कल दिल्ली दूसरे स्थान पर थी, तब से आज दिल्ली की वायु गुणवत्ता में 28 अंकों की गिरावट आई है।
हालांकि इसके बावजूद दिल्ली में आज भी हवा 'बेहद खराब' बनी हुई है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 204, गाजियाबाद में 269, गुरुग्राम में 252, नोएडा में 235, ग्रेटर नोएडा में 281 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 144 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 184, चेन्नई में 57, चंडीगढ़ में 332, हैदराबाद में 102, जयपुर में 218 और पटना में 176 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 36 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अनंतपुर, बागलकोट, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, डिंडीगुल, गंगटोक, कलबुर्गी, करूर, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नलबाड़ी, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, शिवमोगा, सिलचर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, तिरुपति, वेल्लोर, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल रहे।
वहीं अगरतला, आगरा, अमरावती, आरा, बारीपदा, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलगाम, बेंगलुरु, भीलवाड़ा, बिलासपुर, बक्सर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, दमोह, धारवाड़, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, हसन, हावेरी, हुबली, जैसलमेर, झालावाड़, कडपा, कारवार, क्योंझर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, मैहर, मुंगेर, मैसूर, नयागढ़, ऊटी, प्रयागराज, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, सतना, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, उडुपी, वाराणसी, विजयवाड़ा, यादगीर आदि 55 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
दिल्ली में कल से प्रदूषण में गिरावट जरूर आई लेकिन वायु गुणवत्ता अभी भी बेहद खराब बनी हुई है। हालात यह हैं कि लगातार ग्यारहवें दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के ऊपर दर्ज किया गया है। देखा जाए तो दीवाली के बाद से एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब वायु गुणवत्ता को स्वास्थ्य के लिहाज से सुरक्षित कहा जा सके। ताजा रुझानों के मुताबिक 28 अंकों की गिरावट के बावजूद दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 352 पर बना हुआ है।
इसी तरह देश में बद्दी (344), मंडीदीप (343), चंडीगढ़ (332), और बहादुरगढ़ (305) में हालात 'बेहद खराब' बना हुआ है। बता दें कि कल देश में बहादुरगढ़ की स्थिति सबसे खराब थी, जहां एक्यूआई 392 रिकॉर्ड किया गया था। हालांकि राहत की बात यह रही की कल से देश में 'बेहद खराब' हवा वाले शहरों की संख्या में 58 फीसदी की गिरावट आई है। कल इन शहरों की संख्या 12 दर्ज की गई थी।
कुछ ऐसी ही स्थिति देश के छोटे बड़े 50 अन्य शहरों में भी दर्ज की गई है। इन शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। बता दें कि देश में 'खराब' हवा वाले शहरों में दिल्ली का पड़ोसी शहर फरीदाबाद भी है, जहां एक्यूआई 31अंकों की भारी गिरावट के बावजूद 203 पर बना हुआ है।
बता दें कि देश में 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों में अमृतसर, अंगुल, बागपत, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, बीकानेर, बर्नीहाट, चरखी दादरी, देहरादून, धारूहेड़ा, धुले, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, हिसार, जयपुर, जालंधर, जींद, करौली, कुरूक्षेत्र, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मानेसर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नांदेड़, नोएडा, पंचकुला, परभनी, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सवाई माधोपुर, सिंगरौली, सिवान, सोनीपत, श्रीगंगानगर, टोंक, यमुनानगर आदि शामिल रहे।
हालांकि कल की तुलना में देखें तो देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 14 फीसदी का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ देश में पालकालाइपेरुर की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 22 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में देश के सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली की तुलना पालकालाइपेरुर से करें तो वहां हवा की गुणवत्ता 15 गुणा बेहतर है।
पालकालाइपेरुर की तरह देश के 35 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर दर्ज किया गया है। इन शहरों में रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, शिवमोगा, सिलचर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, तिरुपति, वेल्लोर आदि शामिल थे।
अच्छी खबर यह है कि देश में कल से बेहतर हवा वाले शहरों की संख्या में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी ताजा रुझानों के मुताबिक देश के छोटे बड़े 55 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में मैसूर, नयागढ़, ऊटी, प्रयागराज, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, सतना, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, उडुपी, वाराणसी आदि शहर शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब छह फीसदी का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों के मुताबिक देश के छोटे बड़े 118 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। हालांकि कल से मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में कल से 0.8 फीसदी की मामूली गिरावट आई है।
देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों में अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अम्बाला, अमरावती, अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भुवनेश्वर, बीदर, बिहारशरीफ, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंद्रपुर, छपरा, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दौसा, देवास, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, ग्वालियर, हावड़ा, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, करनाल, काशीपुर, कटनी, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोल्हापुर, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मांडीखेड़ा, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, नागौर, नागपुर, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पलवल, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, पूर्णिया, रायचुर, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, रतलाम, ऋषिकेश, सहरसा, सांगली, सासाराम, सीकर, सिरसा, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तिरुपुर, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि शहर शामिल हैं।
कुल मिलाकर देखें तो देश के करीब 14 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। वहीं 21 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है। दूसरी तरफ बढ़ते प्रदूषण के चलते देश के करीब 66 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 09 नवंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 264 में से 36 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 55 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 08 नवंबर 2024 यह आंकड़ा 52 दर्ज किया गया था। 118 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में दिल्ली (352) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 360 के करीब पहुंच गया है। वहीं कल बहादुरगढ़ में स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 392 तक पहुंच गया। वहीं प्रदूषण के मामले में कल दिल्ली दूसरे स्थान पर थी, तब से आज दिल्ली की वायु गुणवत्ता में 28 अंकों की गिरावट आई है।
हालांकि इसके बावजूद दिल्ली में आज भी हवा 'बेहद खराब' बनी हुई है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 204, गाजियाबाद में 269, गुरुग्राम में 252, नोएडा में 235, ग्रेटर नोएडा में 281 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 144 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 184, चेन्नई में 57, चंडीगढ़ में 332, हैदराबाद में 102, जयपुर में 218 और पटना में 176 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 36 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अनंतपुर, बागलकोट, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, डिंडीगुल, गंगटोक, कलबुर्गी, करूर, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नलबाड़ी, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, शिवमोगा, सिलचर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, तिरुपति, वेल्लोर, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल रहे।
वहीं अगरतला, आगरा, अमरावती, आरा, बारीपदा, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलगाम, बेंगलुरु, भीलवाड़ा, बिलासपुर, बक्सर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, दमोह, धारवाड़, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, हसन, हावेरी, हुबली, जैसलमेर, झालावाड़, कडपा, कारवार, क्योंझर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, मैहर, मुंगेर, मैसूर, नयागढ़, ऊटी, प्रयागराज, पुदुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, सतना, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, उडुपी, वाराणसी, विजयवाड़ा, यादगीर आदि 55 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।