फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट
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बारिश के बाद भी दिल्ली-एनसीआर में एक्यूआई 100 से पार, प्रदूषण में मुंगेर सबसे अव्वल

देश में आइजोल, लातूर, मदिकेरी, और तुमिडीह की हवा सबसे ज्यादा साफ है
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देश में आज भी मुंगेर की हवा सबसे ज्यादा दूषित रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 243 दर्ज किया गया है। हालांकि इस मामले में मेघालय का बर्नीहाट भी ज्यादा पीछे नहीं है, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 232 बना हुआ है। दूसरी तरफ देश में आइजोल, लातूर, मदिकेरी, और तुमिडीह की हवा सबसे ज्यादा साफ है। इन चारों शहरों में एक्यूआई का स्तर 19 पर बना हुआ है। यदि मुंगेर की तुलना लातूर से करें तो वहां हवा करीब 12 गुणा खराब है।

राजधानी दिल्ली में भी कल से प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 12 अंक बढ़कर 109 पर पहुंच गया है। इसी तरह फरीदाबाद के एक्यूआई में भी 28 अंकों का उछाल आया है। इसके बाद दिल्ली, फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में पहुंच गया है। इन दोनों शहरों की तरह ही देश के 21 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है।

इन शहरों में अररिया, औरंगाबाद (बिहार), बालासोर, बल्लबगढ़, भिवाड़ी, बीकानेर, दिल्ली, धनबाद, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, इम्फाल, जलना, जींद, मंडी गोबिंदगढ़, पाली, समस्तीपुर, श्रीगंगानगर और विजयपुरा शामिल हैं। कल की तुलना में देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 92 फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं देश के 124 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। कल से तुलना करें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है। बता दें कि देश में भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहारशरीफ, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चिक्कबल्लापुर, चिक्कमगलुरु, चित्तौड़गढ़, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गंगटोक, गोरखपुर, गुवाहाटी, हल्दिया, हापुड, हसन, हावेरी, हिसार, हैदराबाद, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, झांसी आदि में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है।

वहीं दूसरी तरफ देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 12 फीसदी की गिरावट आई है। इसके बाद देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या घटकर 85 पर पहुंच गई। बता दें कि देश में ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, जोधपुर, कैथल, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोलार, कोलकाता, लुधियाना, मांडीखेरा, मानेसर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नोएडा, पानीपत, पटियाला, पटना, पुणे, रायचुर, राजगीर, राजसमंद, रोहतक, सहरसा, सिलचर, सिंगरौली आदि शहरों वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 25 जुलाई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 234 में से 124 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 85 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 24 जुलाई 2024 यह आंकड़ा 96 दर्ज किया गया था। 23 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (232) और मुंगेर (243) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (109) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 12 अंकों का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 146, गाजियाबाद में 99, गुरुग्राम में 148, नोएडा में 86, ग्रेटर नोएडा में 106 पर पहुंच गया है। देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 34 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 48, चेन्नई में 68, चंडीगढ़ में 59, हैदराबाद में 46, जयपुर में 86 और पटना में 63 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 124 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला 45, आगरा 32, आइजोल 19, अकोला 28, अलवर 50, अमरावती 34, अमरावती 20, अंगुल 33, अरियालुर 40, बदलापुर 31, बांसवाड़ा 35, बारां 48, बारबिल 44, बरेली 21, बेलापुर 45, बेंगलुरु 47, भरतपुर 47, भिलाई 23, भीलवाड़ा 37, भिवंडी 33, भोपाल 32, भुवनेश्वर 31, बिहारशरीफ 29, ब्रजराजनगर 47, बुलन्दशहर 43, बूंदी 40, ब्यासनगर 36, चामराजनगर 41, चंद्रपुर 28, चिक्कबल्लापुर 25, चिक्कमगलुरु 32, चित्तौड़गढ़ 47, कुड्डालोर 22, कटक 34, दावनगेरे 20, देहरादून 29, एलूर 50, फिरोजाबाद 42, गडग 49, गंगटोक 23, गोरखपुर 49, गुवाहाटी 29, हल्दिया 33, हापुड 47, हसन 45, हावेरी 38, हिसार 40, हैदराबाद 46, जबलपुर 42, जलगांव 33, झालावाड़ 41, झांसी 28, झुंझुनू 45, कडप्पा 45, कलबुर्गी 44, कानपुर 48, करनाल 45, कारवार 21, कटिहार 31, कटनी 20, कोहिमा 41, कोल्हापुर 26, कोप्पल 45, कोरबा 24, कोटा 38, कुंजेमुरा 23, कुरूक्षेत्र 50, लातूर 19, लखनऊ 48, मदिकेरी 19, महाड 30, मालेगांव 43, मंडीदीप 34, मैंगलोर 43, मंगुराहा 40, मेरठ 36, मीरा-भायंदर 34, मुरादाबाद 39, मोतिहारी 47, मुंबई 34, मैसूर 31, नागांव 45, नागपुर 34, नाहरलागुन 30, नासिक 29, नवी मुंबई 39, नयागढ़ 49, पालकालीपेरूर 25, पलवल 30, पंचकुला 42, पिंपरी-चिंचवाड़ 28, पीथमपुर 50, प्रतापगढ़ 34, प्रयागराज 34, पुदुचेरी 46, रायपुर 20, रायरंगपुर 44, राजमहेंद्रवरम 34, रामनगर 28, रामनाथपुरम 32, रतलाम 34, ऋषिकेष 30, राउरकेला 32, सागर 35, सांगली 35, सासाराम 45, शिलांग 37, शिवमोगा 46, सीकर 36, सिलीगुड़ी 37, शिवसागर 49, सोनीपत 40, सुआकाती 20, टेन्सा 35, ठाणे 30, तिरुवनंतपुरम 50, थूथुकुडी 47, तिरूपति 26, तिरुपुर 36, तुमिडीह 19, उल्हासनगर 49, वेल्लोर 27, विजयवाड़ा 40 और वृन्दावन 44 शामिल रहे।

वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अंबाला, अमृतसर, अनंतपुर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बागलकोट, बागपत, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेलगाम, भागलपुर, भिवानी, बोईसर, बक्सर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, चित्तूर, चूरू, दौसा, देवास, धारवाड़, ​​गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गुम्मिडीपूंडी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, जोधपुर, कैथल, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोलार, कोलकाता, लुधियाना, मांडीखेरा, मानेसर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नोएडा, पानीपत, पटियाला, पटना, पुणे, रायचुर, राजगीर, राजसमंद, रोहतक, सहरसा, सिलचर, सिंगरौली, सिरोही, सिरसा, सीवान, सोलापुर, सूरत, तालचेर, तुमकुरु, उदयपुर, उडुपी, उज्जैन, वापी, वाराणसी, वातवा, विरार, विशाखापत्तनम, यमुनानगर आदि 85 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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