बद्दी, जैसलमेर, सासाराम में प्रदूषण से दमघोंटू हैं हवा, जानिए किन शहरों में सुधरे कहां बिगड़े हालात

वहीं आइजोल-रामनाथपुरम में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 17 दर्ज किया गया
फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
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देश के बाकी शहरों को पीछे छोड़ बद्दी में प्रदूषण सबसे ज्यादा रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 274 पर पहुंच गया है। इसी तरह जैसलमेर और सासाराम में भी हवा दमघोंटू बनी हुई है। इन सभी शहरों में वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। दूसरी तरफ आइजोल-रामनाथपुरम में हवा सबसे ज्यादा साफ है। जहां प्रदूषण का स्तर 17 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि बद्दी में मौजूद प्रदूषण की तुलना आइजोल से करें तो हवा 16 गुणा ज्यादा खराब है। हालांकि कल की तुलना में देखें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की संख्या में 57 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

राजधानी दिल्ली में भी प्रदूषण के स्तर में 14 अंकों का उछाल आया है। इसी तरह फरीदाबाद में भी कल से वायु गुणवत्ता सूचकांक में 63 अंकों की वृद्धि हुई है। हालांकि अभी भी इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।

आंकड़ों पर गौर करें तो दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश में 54 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। इन शहरों में बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारबिल, भागलपुर, भिवाड़ी, बीकानेर, बिलीपदा, बोईसर, बुलंदशहर, बक्सर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चित्तौड़गढ़, धारूहेड़ा, दुर्गापुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, हाजीपुर, हनुमानगढ़, जयपुर, जालोर, जोधपुर, कैथल, खन्ना, खुर्जा, कुरुक्षेत्र, लुधियाना, मानेसर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नंदेसरी, नोएडा, पाली, पलवल, पंचकुला, पानीपत, पटियाला, पटना, पीथमपुर, रतलाम, रोहतक, रूपनगर, समस्तीपुर, सीकर, सिंगरौली, तुमकुरु, उदयपुर आदि शहर शामिल थे। कल की तुलना में देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब आठ फीसदी का इजाफा हुआ है।

दूसरी तरफ देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में कल से आठ फीसदी की गिरावट आई है, जिसके बाद इन शहरों की संख्या घटकर 57 पर पहुंच गई। बता दें कि देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों में बरेली, बैरकपुर, भिलाई, भोपाल, बिलासपुर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चिक्काबल्लापुर, चिक्कमगलुरु, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, एलूर, गडग, गंगटोक, हल्दिया, हसन, कलबुर्गी, कल्याण, कारवार, कोलकाता आदि शहर शामिल थे।

आंकड़ों के मुताबिक देश के 109 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में अंकलेश्वर, आरा, बालासोर, बारीपदा, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बूंदी, ब्यासनगर, चेन्नई, छपरा, चूरू, दौसा, देहरादून, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडीपोंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हापुड़, हिसार, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इम्फाल, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी, झुंझुनू, जींद, कन्नूर, कानपुर, करौली, करनाल, काशीपुर, कटिहार, कटनी, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोटा, लातूर, लखनऊ, मालेगांव, मंडीखेड़ा, मैंगलोर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, नागांव, नासिक, पिंपरी-चिंचवाड़, प्रतापगढ़ आदि शहर शामिल थे। कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब तीन फीसदी की गिरावट आई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 22 जून 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 225 में से 57 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 109 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 21 जून 2024 यह आंकड़ा 112 दर्ज किया गया था।

56 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं तीन शहरों बद्दी, जैसलमेर और सासाराम में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में बद्दी (274) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के पार पहुंच गया है।   

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 14 अंक बढ़कर 189 पर पहुंच गया। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 170, गाजियाबाद में 180, गुरुग्राम में 122, नोएडा में 184, ग्रेटर नोएडा में 199 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 48 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 79, चेन्नई में 60, चंडीगढ़ में 160, हैदराबाद में 63, जयपुर में 132 और पटना में 104 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

नवी मुंबई (48) सहित देश के जिन 57 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल 17, अमरावती 37, अमरावती 48, अरियालुर 34, औरंगाबाद (महाराष्ट्र) 40, बागलकोट 42, बारां 46, बरेली 40, बैरकपुर 50, भिलाई 41, भोपाल 48, बिलासपुर 38, चामराजनगर 46, चंद्रपुर 38, चिक्काबल्लापुर 33, चिक्कमगलुरु 46, कुड्डालोर 32, कटक 39, दमोह 33, दावनगेरे 24, एलूर 40, गडग 47, गंगटोक 42, हल्दिया 36, हसन 42, कलबुर्गी 32, कल्याण 41, कारवार 24, कोलकाता 40, कुंजेमुरा 34, मदिकेरी 21, महाद 42, मैहर 39, मंगुराहा 37, मिलुपारा 34, मीरा-भयंदर 46, मुंबई 48, मैसूर 36, नागपुर 42, नांदेड़ 50, नारनौल 48, रायपुर 23, रायरंगपुर 47, राजमहेंद्रवरम 37, रामनगर 30, रामनाथपुरम 17, ऋषिकेश 50, सांगली 33, सतना 46, सिलचर 50, ठाणे 44, तिरुवनंतपुरम 40, थूथुकुडी 48, वापी 47, वाराणसी 32, और यादगीर 42, शामिल रहे।

वहीं अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अकोला, अंबाला, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, आरा, बालासोर, बारीपदा, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बूंदी, ब्यासनगर, चेन्नई, छपरा, चूरू, दौसा, देहरादून, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडीपोंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हापुड़, हिसार, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इम्फाल, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी, झुंझुनू, जींद, कन्नूर, कानपुर, करौली, करनाल, काशीपुर, कटिहार, कटनी, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोटा, लातूर, लखनऊ, मालेगांव, मंडीखेड़ा, मैंगलोर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, नागांव, नासिक, पिंपरी-चिंचवाड़, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, पूर्णिया, रायचुर, राजगीर, राजसमंद, राउरकेला, सागर, सहरसा, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सोनीपत, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, त्रिशूर, तिरुपति, टोंक, तुमडीह, उज्जैन, उल्हासनगर, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 109 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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