मंडी गोबिंदगढ़ में बढ़कर 314 पर पहुंचा एक्यूआई, पंचकुला-बर्नीहाट सहित सात शहरों में दमघोंटू हैं हालात

कल से तुलना करें तो देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 50 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं 43 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है
फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
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देश के दूसरे सभी शहरों को पीछे छोड़ मंडी गोबिंदगढ़ में प्रदूषण का स्तर 314 पर पहुंच गया है। इसी तरह छोटे बड़े सात शहरों में स्थिति दमघोंटू है। इन शहरों में बद्दी (213), बारबिल (268), बर्नीहाट (221), ग्रेटर नोएडा (239), गुरूग्राम (255), मुजफ्फरनगर (209), और पंचकुला (214) शामिल रहे। हालांकि कल से तुलना करें तो देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले इन शहरों की संख्या में 50 फीसदी की गिरावट आई है। बता दें कि कल देश के 14 शहरों में स्थिति दमघोंटू थी। वहीं दूसरी तरफ देश में गंगटोक में हवा सबसे ज्यादा साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 28 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि मंडी गोबिंदगढ़ के प्रदूषण की तुलना गंगटोक से करें तो स्थिति 11 गुणा ज्यादा खराब है।

कुल मिलाकर देखें तो देश के 43 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर दर्ज किया गया है। हालांकि कल से इन शहरों की संख्या में भी 12 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। बता दें कि देश में आगरा, अकोला, अमरावती, अरियालूर, बागलकोट, बेलगाम, भीलवाड़ा, बिलासपुर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चिकबलपुर, दावनगेरे, गडग, गंगटोक, गुवाहाटी, हावेरी, हैदराबाद, कलबुर्गी, किशनगंज, कोल्हापुर, लातूर, मदिकेरी, महाड, मैहर, मुंबई, मैसूर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नासिक, आदि शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है।

इसी तरह देश के 106 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है। इन शहरों की संख्या में कल से दस फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। इन शहरों में बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बोईसर, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, कुड्डालोर, कटक, देवास, धारूहेड़ा, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, ग्वालियर, हल्दिया, हावड़ा, हुबली, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कानपुर, करौली, कटिहार, कटनी, क्योंझर, कोलकाता, कोरबा, कोटा, मालेगांव, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगलौर, मिलुपारा आदि शामिल थे।

दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो एक बार फिर कल से प्रदूषण के स्तर में मामूली गिरावट आई है, जिसके बाद वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) गिरकर 186 पर पहुंच गया है। कुछ ऐसा ही हाल फरीदाबाद का भी रहा, जहां एक्यूआई में दो अंकों का सुधार आया है। आंकड़ों पर नजर डालें तो देश के 80 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम दर्ज किया गया।

इन शहरों में बठिंडा, भागलपुर, भिवाड़ी, भिवानी, बिहारशरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, छाल, चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, देहरादून, दिल्ली, धौलपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड़, हसन, हिसार, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, झुंझुनूं, जींद, कैथल, करनाल, काशीपुर, खन्ना, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मेरठ, मुरादाबाद, मुंगेर, नागौर, नंदेसरी, नोएडा, पाली, पानीपत, पटियाला, पटना, रायरंगपुर, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सिरसा, सोनीपत, तालचेर, टेंसा, टोंक आदि शहर शामिल थे। कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 11 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। मतलब साफ है कि देश के कुछ शहरों में वायु गुणवत्ता में गिरावट आई है। तो दूसरी तरफ कुछ में मामूली सुधार देखा गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 15 जून 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 237 में से 43 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 106 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 14 जून 2024 यह आंकड़ा 96 दर्ज किया गया था।

80 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं सात शहरों बद्दी, बारबिल, बर्नीहाट, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, मुजफ्फरनगर, और पंचकुला में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में मंडी गोबिंदगढ़ (314) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है।   

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स तीन अंक गिरकर 186 पर पहुंच गया। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 163, गाजियाबाद में 180, गुरुग्राम में 255, नोएडा में 188, ग्रेटर नोएडा में 239 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 48 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 166, चेन्नई में 76, चंडीगढ़ में 156, हैदराबाद में 48, जयपुर में 117 और पटना में 131 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

आगरा (45) सहित देश के जिन 43 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अकोला 39, अमरावती 28, अमरावती 38, अरियालूर 43, बागलकोट 46, बेलगाम 41, बिलासपुर 49, चामराजनगर 43, चंद्रपुर 46, चिकबलपुर 38, दावनगेरे 32, गडग 42, गंगटोक 28, गुवाहाटी 38, हावेरी 38, हैदराबाद 48, कलबुर्गी 34, किशनगंज 37, कोल्हापुर 45, लातूर 43, मदिकेरी 29, महाड 38, मैहर 32, मुंबई 48, मैसूर 37, नगांव 40, नागपुर 50, नलबाड़ी 46, नासिक 39, पिंपरी-चिंचवाड 33, पुदुचेरी 50, पुणे 48, राजमहेंद्रवरम 50, रामनगर 49, रामनाथपुरम 35, सांगली 29, सिलचर 43, सिलीगुड़ी 37, तिरुवनंतपुरम 46, तिरुपुर 34, यादगीर 32 शामिल रहे।

वहीं अगरतला, अहमदाबाद, अहमदनगर, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बोईसर, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, कुड्डालोर, कटक, देवास, धारूहेड़ा, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, ग्वालियर, हल्दिया, हावड़ा, हुबली, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कानपुर, करौली, कटिहार, कटनी, क्योंझर, कोलकाता, कोरबा, कोटा, मालेगांव, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगलौर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुजफ्फरपुर, नांदेड़, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पलवल, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पूर्णिया, रायचुर, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सासाराम, सतना, शिवमोगा, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, ठाणे , थूथुकुडी, तिरुपति, उडुपी, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, वृंदावन, आदि 106 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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