चरखी दादरी में 322 पर पहुंचा एक्यूआई, रोहतक-सीकर सहित आठ शहरों में प्रदूषण से खराब रहे हालात

देश में बठिंडा (241), बीकानेर (269), चूरू (283), ग्रेटर नोएडा (252), झुंझुनू (245), मुजफ्फरनगर (216), रोहतक (249), और सीकर (248) में हवा अभी भी दमघोंटू है।
फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
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देश के बाकी सभी शहरों को पीछे छोड़ चरखी दादरी में प्रदूषण से हालात सबसे ज्यादा खराब हैं, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 322 पर पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ एक बार फिर चित्तूर में हवा सबसे ज्यादा साफ रही, जहां एक्यूआई 18 रिकॉर्ड किया गया है। यदि चरखी दादरी की हवा में घुले जहर की तुलना चित्तूर से करें तो प्रदूषण करीब 18 गुणा ज्यादा है।

हालांकि कल की तुलना में देश में बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 75 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं देश के आठ शहरों में वायु गुणवत्ता दमघोंटू बनी हुई है। इन शहरों में बठिंडा (241), बीकानेर (269), चूरू (283), ग्रेटर नोएडा (252), झुंझुनू (245), मुजफ्फरनगर (216), रोहतक (249), और सीकर (248) शामिल रहे। कल से तुलना करें तो देश में इन खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में भी 70 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

दूसरी तरफ देश के 36 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। इन शहरों में बरेली, बेंगलुरु, चामराजनगर, चिक्कबल्लापुर, चिक्कमगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, दावनगेरे, देवास, धारवाड़, गडग, गंगटोक, हावेरी, जलना, करवार, कटिहार, कोप्पल , मदिकेरी , मैसूर , नाहरलागुन , नासिक , पिंपरी-चिंचवाड़, रामनाथपुरम, सांगली, आदि शहर शामिल रहे। हालंकि कल से देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में भी 14 फीसदी की गिरावट आई है। इसी तरह देश के छोटे बड़े 103 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। कल से देखें तो इन शहरों में भी करीब तीन फीसदी की गिरावट देखी गई है।

बता दें कि इन शहरों में अलवर, अमरावती, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, बेलगाम, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिहार शरीफ, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, चेन्नई, देहरादून, धुले, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, गुम्मिडीपोंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, कल्याण, कन्नूर, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोटा, कुंजमुरा, लातूर आदि शामिल थे।

वहीं राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण में 67 अंकों की गिरावट आई है, जिसके बाद वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 181 पर पहुंच गया है। इसी तरह फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में भी 94 अंकों का सुधार आया है। बता दें कि इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। आंकड़ों के मुताबिक देश के 78 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बाड़मेर, भागलपुर, भिवाड़ी, बिलीपाड़ा, बुलंदशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, छाल, चित्तौड़गढ़, कटक, दौसा, दिल्ली, धनबाद, धारूहेड़ा, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गया, गाजियाबाद, गुरुग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड़, इम्फाल, जयपुर, जैसलमेर, जालौर , झालावाड़, जोधपुर, कडपा, कैथल, कानपुर, करौली, करनाल, काशीपुर, कटनी, खन्ना, कुरुक्षेत्र, लखनऊ आदि शामिल थे। कुल मिलकर कहें तो देश में कल से वायु गुणवत्ता में सुधार आया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 06 जून 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 226 में से 36 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 103 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 05 जून 2024 यह आंकड़ा 106 दर्ज किया गया था।

78 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं आठ शहरों बठिंडा, बीकानेर, चूरू, ग्रेटर नोएडा, झुंझुनू, मुजफ्फरनगर, रोहतक, और सीकर में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में चरखी दादरी (322) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है।    

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 67 अंक गिरकर 181 पर पहुंच गया। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 174, गाजियाबाद में 148, गुरुग्राम में 172, नोएडा में 180, ग्रेटर नोएडा में 252 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 59 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 120, चेन्नई में 59, चंडीगढ़ में 132, हैदराबाद में 63, जयपुर में 143 और पटना में 154 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

अमरावती (29) सहित देश के जिन 36 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अनंतपुर 47, अंकलेश्वर 49, अरियालुर 31, बागलकोट 42, बरेली 32, बेंगलुरु 50, चामराजनगर 47, चिक्कबल्लापुर 26, चिक्कमगलुरु 44, चित्तूर 18, कोयंबटूर 39, दावनगेरे 24, देवास 42, धारवाड़ 42, गडग 43, गंगटोक 39, हावेरी 38, जलना 39, करवार 23, कटिहार 49, कोप्पल 48, मदिकेरी 32, मैसूर 36, नाहरलागुन 42, नासिक 50, पिंपरी-चिंचवाड़ 48, रामनाथपुरम 24, सांगली 31, सतना 44, तिरुवनंतपुरम 41, तिरुपति 43, तिरुपुर 43, वाराणसी 45, विजयपुरा 42, यादगीर 35 शामिल रहे।

वहीं अगरतला, आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अलवर, अमरावती, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, बेलगाम, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिहार शरीफ, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, चेन्नई, देहरादून, धुले, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गोरखपुर, गुम्मिडीपोंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, कल्याण, कन्नूर, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोटा, कुंजमुरा, लातूर, लुधियाना, महाद, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मानेसर, मैंगलोर, मीरा-भयंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नलबाड़ी, नारनौल, नवी मुंबई, पलवल, परभनी , पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायचुर, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, सहरसा, समस्तीपुर, सासाराम, शिवमोगा , सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, तालचेर, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, तुमकुरु, उडुपी, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम आदि 103 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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