अगरतला में बढ़कर 238 पर पहुंचा एक्यूआई, साफ हवा वाले शहरों की गिनती घटी

आज देश के करीब 57 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं कल से इनकी गिनती में करीब आठ फीसदी की गिरावट आई है
फोटो: आईस्टॉक
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प्रदूषण के मामले में आज देश में अगरतला अव्वल है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 238 तक पहुंच गया। रुझानों के मुताबिक आज अगरतला देश का इकलौता ऐसा शहर है जहां वायु गुणवत्ता 'खराब' दर्ज की गई।

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो त्रिपुरा के इस शहर में प्रदूषण का स्तर 429 फीसदी अधिक है। सरकारी आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि वहां हवा में पीएम10 हावी था। वहीं कल देश में रूपनगर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जहां आज 41 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 99 पर पहुंच गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 28 जुलाई 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण में यह भी सामने आया है कि आज जहां देश के करीब 57 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं छह फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं, जबकि 38 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है।

दूसरी तरफ आज देश में मदिकेरी की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 20 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर अगरतला की तुलना मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति 11 गुणा खराब है।

ऐसा नहीं है कि देश में आज बस अगरतला में स्थिति चिंताजनक है। श्रीगंगानगर में भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है, जो 163 अंकों के साथ आज दूसरा सबसे प्रदूषित शहर है। इसी तरह मेघालय के बर्नीहाट में भी सूचकांक 147 दर्ज किया गया। वहीं 119 अंकों के साथ सवाई माधोपुर चौथे जबकि समस्तीपुर (118) पांचवें पायदान पर है।

जयपुर में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 117 अंकों के साथ छठे स्थान पर है। इसी तरह छपरा (114) सातवें जबकि बद्दी (111) आठवें स्थान पर है। इनके साथ ही देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज इंफाल (110) और बारां (108) भी शामिल हैं।

आंकड़ों के मुताबिक आज जहां देश में अगरतला, सवाई माधोपुर, बद्दी, बारां, ग्रेटर नोएडा आदि शहरों की हवा में पीएम10 हावी है। वहीं श्रीगंगानगर, बर्नीहाट, समस्तीपुर आदि शहरों में पीएम2.5 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

वहीं दूसरी तरफ आज देश में आगरा सहित 117 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में गोरखपुर, गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, होसुर, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी, जोरापोखर, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कानपुर, कटिहार, किशनगंज, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई आदि शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब आठ फीसदी की गिरावट आई है। 

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में मामूली उछाल आया है, हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

दिल्ली की तरह ही देश के छोटे बड़े 78 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई। इन शहरों में चेन्नई, चित्तूर, चुरू, दौसा, दिल्ली, धनबाद, दुर्गापुर, गांधीनगर, गाजियाबाद, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, करौली, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोलकाता आदि शामिल हैं। राहत की खबर यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 13 फीसदी का उछाल आया है।

दूसरी तरफ देश के 11 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बद्दी, बारां, बर्नीहाट, छपरा, ग्रेटर नोएडा, इंफाल, जयपुर, मंडी गोबिंदगढ़, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, श्रीगंगानगर आदि शामिल हैं। वहीं कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 22 फीसदी से अधिक का उछाल आया है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 207 में से 117 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 78 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 27 जुलाई 2025 को यह आंकड़ा 69 दर्ज किया गया था।

11 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में अगरतला (238) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया। कल रूपनगर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 140 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में एक अंक का मामूली इजाफा हुआ है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 86 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता सूचकांक संतोषजनक श्रेणी में बना हुआ है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।  

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज सवाई माधोपुर चौथे स्थान पर है, वहीं श्रीगंगानगर (163) दूसरे, जबकि बर्नीहाट (147) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 72, गाजियाबाद में 78, गुवाहाटी में 31, हापुड में 56, नोएडा में 78, ग्रेटर नोएडा में 106 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 52 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 67, चेन्नई में 65, चंडीगढ़ में 55, हैदराबाद में 62, जयपुर में 117 और पटना में 52 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 117 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, अररिया, अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागलकोट, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बूंदी, चामराजनगर, छाल, चिकबलपुर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, देहरादून, देवास, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गडग, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, होसुर, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी, जोरापोखर, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कानपुर, कटिहार, किशनगंज, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तुमिडीह, उदयपुर, वाराणसी, वातवा, विजयपुरा, विरार, यादगीर शामिल हैं।

वहीं आगरा, अजमेर, अलवर, अंगुल, अंकलेश्वर, बागपत, बरेली, बाड़मेर, बैरकपुर, बेतिया, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बीकानेर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, दौसा, दिल्ली, धनबाद, दुर्गापुर, गांधीनगर, गाजियाबाद, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कल्याण, करौली, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंगुराहा, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नलबाड़ी, नोएडा, पाली, पटना, राजसमंद, रामनाथपुरम, रूपनगर, सागर, सलेम, सांगली, सीकर, सिलचर, सिरोही, तालचेर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपुर, टोंक, उल्हासनगर, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, वृंदावन आदि 78 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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