दिल्ली में बारिश के बाद वायु गुणवत्ता 25 अंकों का सुधार आया है। इसी तरह फरीदाबाद में 64 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) घटकर 82 पर पहुंच गया। मतलब की इन दोनों ही शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक हो गया है।
देखा जाए तो दिल्ली, फरीदाबाद सहित देश के कई शहरों में वायु गुणवत्ता पर बारिश का असर साफ तौर पर देखा जा सकता है। इसकी वजह से कई अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता में सुधार देखा गया है।
आंकड़ों के मुताबिक देश में श्री गंगानगर की हवा सबसे ज्यादा दूषित थी, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 178 दर्ज किया गया है। वहीं दूसरी तरफ कल्याण में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां एक्यूआई 17 पर पहुंच गया है। इन दोनों शहरों की तुलना करें तो श्री गंगानगर की हवा दस गुणा खराब है। हालांकि देश में एक भी शहर में वायु गुणवत्ता का स्तर 200 के करीब नहीं पहुंचा है।
श्री गंगानगर की तरह ही देश के 15 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर है। कल की तुलना में देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 35 फीसदी की गिरावट आई है, जो स्पष्ट तौर पर दर्शाता है कि देश की वायु गुणवत्ता में सुधार आया है। बता दें कि देश में अजमेर, बद्दी, बालासोर, चित्तौड़गढ़, धनबाद, डूंगरपुर, फतेहाबाद, ग्रेटर नोएडा, इम्फाल, जीन्द, खुर्जा, मंडी गोबिंदगढ़, पाली, समस्तीपुर, श्रीगंगानगर में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी की है।
वहीं दूसरी तरफ देश के 106 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर दर्ज किया गया है। हालांकि कल से तुलना करें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 15 फीसदी की गिरावट आई है। कल इन शहरों की संख्या 124 दर्ज की गई थी।
इन शहरों में देहरादून, देवास, फिरोजाबाद, गडग, गंगटोक, गोरखपुर, गुवाहाटी, हल्दिया, हापुड, हासन, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, झांसी, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, करौली, करनाल, कटिहार, कटनी, कोहिमा, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, महाड, मंडीदीप, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मैसूर, नागपुर, आदि शहर शामिल थे।
दूसरी तरफ देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 37 फीसदी का इजाफा हुआ है, जिसके बाद इन शहरों की संख्या 85 से बढ़कर 116 पर पहुंच गई है। इन शहरों में हाजीपुर, हनुमानगढ़, हावेरी, हिसार, हावड़ा, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झुंझुनू, जोधपुर, कैथल, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोलार, कोलकाता, कोल्लम, कोटा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मानेसर, मैंगलोर, मंगुराहा, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागांव, नागौर, नलबाड़ी, नारनौल, नोएडा, पानीपत, पटियाला, पटना, पीथमपुर, पूर्णिया, रायचुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, राउरकेला, सागर, सहरसा, सवाई माधोपुर, सिलचर, सिंगरौली, सिरोही, सिरसा, शिवसागर आदि शहर शामिल थे।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 26 जुलाई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 237 में से 106 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 116 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 25 जुलाई 2024 यह आंकड़ा 85 दर्ज किया गया था। 15 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में श्री गंगानगर (178) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (84) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 25 अंकों का सुधार हुआ है।
दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 82, गाजियाबाद में 99, गुरुग्राम में 78, नोएडा में 75, ग्रेटर नोएडा में 162 पर पहुंच गया है। देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 42 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 55, चेन्नई में 73, चंडीगढ़ में 56, हैदराबाद में 40, जयपुर में 52 और पटना में 76 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
देश के जिन 106 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला 48, आगरा 33, अहमदनगर 40, आइजोल 21, अकोला 39, अमरावती 29, अमरावती 32, अरियालुर 43, बदलापुर 36, बरेली 21, बैरकपुर 42, बेलापुर 47, बेंगलुरु 50, भिलाई 34, भिवंडी 42, भिवानी 44, भोपाल 36, भुवनेश्वर 32, बिहार शरीफ 22, बिलासपुर 45, ब्रजराजनगर 46, बुलन्दशहर 46, ब्यासनगर 35, चामराजनगर 39, चंद्रपुर 26, चिक्कमगलुरु 29, कुड्डालोर 18, कटक 36, दमोह 40, दावनगेरे 21, देहरादून 28, देवास 43, फिरोजाबाद 35, गडग 45, गंगटोक 22, गोरखपुर 47, गुवाहाटी 48, हल्दिया 34, हापुड 49, हासन 45, हुबली 49, हैदराबाद 40, इंदौर 44, जबलपुर 39, जलगांव 42, झांसी 33, कलबुर्गी 44, कल्याण 17, कानपुर 50, करौली 20, करनाल 40, कटिहार 30, कटनी 42, कोहिमा 41, कोल्हापुर 28, कोप्पल 42, कोरबा 34, कुंजेमुरा 24, लातूर 35, मदिकेरी 19, महाड 33, मंडीदीप 32, मेरठ 48, मीरा-भायंदर 40, मुरादाबाद 44, मोतिहारी 45, मुंबई 42, मैसूर 34, नागपुर 46, नाहरलागुन 32, नासिक 34, नवी मुंबई 48, नयागढ़ 31, पालकलीपेरूर 25, पलवल 42, पंचकुला 47, पिंपरी-चिंचवाड़ 22, प्रतापगढ़ 44, प्रयागराज 39, पुदुचेरी 44, पुणे 48, रायपुर 26, रामनगर 29, रामनाथपुरम 19, रतलाम 34, ऋषिकेष 32, रोहतक 50, सांगली 36, सासाराम 45, शिलांग 37, शिवमोगा 43, सीकर 26, सिलीगुड़ी 8, सोलापुर 49, सुआकाती 22, टेंसा 28, ठाणे 41, थूथुकुडी 48, तिरुपति 30, तिरुपुर 34, तुमिडीह 17, वेल्लोर 30, विजयपुरा 39, विजयवाड़ा 39, विरुधुनगर 35, वृन्दावन 39 शामिल रहे।
वहीं अहमदाबाद, अलवर, अंबाला, अनंतपुर, आसनसोल, औरंगाबाद बागलकोट, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बठिंडा, बेलगाम, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, बीदर, बीकानेर, बोइसर, बूंदी, बक्सर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, छपरा, चित्तूर, चूरू, दौसा, दिल्ली, धारूहेड़ा, धुले, दुर्गापुर, एलूर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गुम्मिडीपूंडी, गुरुग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हावेरी, हिसार, हावड़ा, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झुंझुनू, जोधपुर, कैथल, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोलार, कोलकाता, कोल्लम, कोटा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मानेसर, मैंगलोर, मंगुराहा, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागांव, नागौर, नलबाड़ी, नारनौल, नोएडा, पानीपत, पटियाला, पटना, पीथमपुर, पूर्णिया, रायचुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, राउरकेला, सागर, सहरसा, सवाई माधोपुर, सिलचर, सिंगरौली, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सोनीपत, सूरत, तालचेर, तिरुवनंतपुरम, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उडुपी, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, विरार, विशाखापत्तनम, यमुनानगर आदि 116 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।