
देश में आज आइजोल की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 15 दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 14 जुलाई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक आइजोल की तरह ही देश के 58 फीसदी से अधिक शहरों में हवा साफ है। मतलब की आज देश के 120 शहरों में हवा साफ दर्ज की गई।
इन शहरों में भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, बीदर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बूंदी, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धुले, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जालौर, जोधपुर आदि शामिल हैं।
अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 41 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
रुझानों के विश्लेषण से पता चला है कि आज जहां देश के 58 फीसदी से अधिक शहरों में हवा साफ है। वहीं तीन फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक है। दूसरी तरफ 38 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।
वहीं दूसरी तरफ देश में सूरत की हवा सबसे प्रदूषित है, जहां एक्यूआई 240 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि सूरत की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 15 गुणा खराब है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय मानकों के लिहाज से देखें तो सूरत में प्रदूषण 1500 फीसदी अधिक है।
बता दें कि आज देश में महज सूरत की हवा ही खराब श्रेणी में है। वहीं कल नंदेसरी में प्रदूषण सबसे अधिक था, जब एक्यूआई 270 रिकॉर्ड किया गया। हालांकि आज सरकार ने नंदेसरी के आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
प्रदूषण के मामले में आज अमृतसर (152) दूसरे जबकि चंडीगढ़ (146) तीसरे स्थान पर है। विशाखापत्तनम में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 119 अंकों के साथ देश का चौथा सबसे प्रदूषित शहर है। वहीं देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में इंफाल (111), बर्नीहाट (110) और जैसलमेर (106) भी शामिल हैं।
इस दौरान जहां सूरत, अमृतसर, बर्नीहाट आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी है। वहीं विशाखापत्तनम, जैसलमेर आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो बारिश के बाद कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जिसके साथ ही 20 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 59 पर पहुंच गया।
दिल्ली की तरह ही देश के छोटे बड़े 78 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में गांधीनगर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, हाजीपुर, हसन, हावड़ा, हैदराबाद, जयपुर, जालंधर, जलना, झालावाड़, झुंझुनूं, कडपा, कलबुर्गी, कानपुर, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, कोहिमा, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मिलुपारा, मुरादाबाद आदि शामिल हैं।
हालांकि कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 32 फीसदी की गिरावट आई है, जोकि चिंता का विषय है।
रुझानों पर नजर डालें तो आज देश के छह शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में अमृतसर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, इंफाल, जैसलमेर, विशाखापत्तनम शामिल हैं। राहत की खबर यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 57 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
क्या कहते हैं आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 206 में से 120 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 79 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 13 जुलाई 2025 को यह आंकड़ा 116 दर्ज किया गया था।
6 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में सूरत (240) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया। कल नंदेसरी में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 270 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 20 अंकों का सुधार आया है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 59 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज विशाखापत्तनम चौथे स्थान पर है, वहीं अमृतसर (152) दूसरे, जबकि चंडीगढ़ (146) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 45, गाजियाबाद में 40, गुवाहाटी में 48, हाजीपुर में 69, नोएडा में 52, ग्रेटर नोएडा में 73 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 40 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 66, चेन्नई में 68, चंडीगढ़ में 146, हैदराबाद में 63, जयपुर में 58 और पटना में 58 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 120 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अजमेर, अकोला, अमरावती (महाराष्ट्र), आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बागपत, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बठिंडा, बेलापुर, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, बीदर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बूंदी, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धुले, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जालौर, जोधपुर, कल्याण, करौली, काशीपुर, कटिहार, खन्ना, किशनगंज, कोल्हापुर, कोटा, लातूर, मदिकेरी, महाड, मैहर, मालेगांव, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पटियाला, पेरुंदुरई, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, रतलाम, ऋषिकेश, सहरसा, सांगली, शिवमोगा, सीकर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपुर, टोंक, तुमिडीह, उदयपुर, वाराणसी, वातवा, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।
वहीं अहमदाबाद, अलवर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, अरियालूर, बद्दी, बदलापुर, बाड़मेर, बेंगलुरु, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बीकानेर, बोईसर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, दिल्ली, धनबाद, धारवाड़, डूंगरपुर, एलूर, गांधीनगर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, हाजीपुर, हसन, हावड़ा, हैदराबाद, जयपुर, जालंधर, जलना, झालावाड़, झुंझुनूं, कडपा, कलबुर्गी, कानपुर, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, कोहिमा, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मिलुपारा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नांदेड़, नोएडा, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुणे, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनाथपुरम, राउरकेला, सागर, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, सिलचर, श्रीगंगानगर, सुआकाती, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तुमकुरु, उल्हासनगर, वापी, विजयवाड़ा, विरार आदि 79 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।