देश में कल से साफ हवा वाले शहरों में हुआ 21 फीसदी का इजाफा, जानिए किन शहरों में चिंताजनक है प्रदूषण

आंकड़ों के मुताबिक जहां देश में आइजोल की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 10 दर्ज किया गया है
फोटो: आईस्टॉक
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देश में वायु गुणवत्ता को लेकर सरकार ने जो ताजा आंकड़े जारी किए हैं, उनसे पता चला है कि कल से साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 21 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। गौरतलब है कि देश के 92 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है।

इन शहरों में देहरादून, धौलपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हल्दिया, हसन, हुबली, जबलपुर, कैथल, कानपुर, करौली, करनाल, काशीपुर, कटनी, कोहिमा, कोलार, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नारनौल, नयागढ़, ऊटी, पलवल, पंचकुला, पटियाला, प्रयागराज शामिल रहे।

आंकड़ों के मुताबिक जहां देश में आइजोल की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 10 दर्ज किया गया है। वहीं दूसरी तरफ श्रीगंगानगर में वायु गुणवत्ता सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 190 दर्ज किया गया है। यदि श्रीगंगानगर की हवा में घुले जहर की तुलना आइजोल से करें तो वायु गुणवत्ता 19 गुणा खराब है।

श्रीगंगानगर की तरह ही देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में गुरूग्राम, दौसा, महाड, जलना, क्योंझर, मानेसर, तुमकुरु, वृंदावन और बक्सर शामिल थे।

आंकड़ों के मुताबिक जहां देश में आइजोल की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 10 दर्ज किया गया है। वहीं दूसरी तरफ श्रीगंगानगर में वायु गुणवत्ता सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 190 दर्ज किया गया है।

यदि श्रीगंगानगर की हवा में घुले जहर की तुलना आइजोल से करें तो वायु गुणवत्ता 19 गुणा खराब है। श्रीगंगानगर की तरह ही देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में गुरूग्राम, दौसा, महाड, जलना, क्योंझर, मानेसर, तुमकुरु, वृंदावन और बक्सर शामिल थे।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में मामूली इजाफा हुआ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक एक अंक बढ़कर 83 पर पहुंच गया है। दूसरी तरफ फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार दर्ज किया गया है, जहां एक्यूआई तीन अंक गिरकर 62 पर पहुंच गया है। हालांकि इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

इसी तरह देश के छोटे बड़े 109 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है। हालांकि कल से इन शहरों की संख्या में 14 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

बता दें कि देश में भोपाल, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बूंदी, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, धारूहेड़ा, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हाजीपुर आदि शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है।

इसी तरह देश के 14 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम दर्ज किया गया है। इन शहरों में बांसवाड़ा, बोईसर, बक्सर, दौसा, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, जलना, क्योंझर, खुर्जा, महाड, मानेसर, श्रीगंगानगर, तुमकुरु, वृंदावन, शामिल थे। कल की तुलना में देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों में करीब सात फीसदी का इजाफा हुआ है।

कुल मिलकर देखें तो देश के 43 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। वहीं करीब 51 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है। वहीं सात फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता चिंताजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 19 अगस्त 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 215 में से 92 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 109 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 18 अगस्त 2024 यह आंकड़ा 127 दर्ज किया गया था। 14 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में श्रीगंगानगर (190) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (83) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से एक अंक का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 62, गाजियाबाद में 93, गुरुग्राम में 141, नोएडा में 90, ग्रेटर नोएडा में 102 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 56 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 52, चेन्नई में 65, चंडीगढ़ में 58, हैदराबाद में 59, जयपुर में 65 और पटना में 57 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 92 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अमरावती, अंकलेश्वर, अरियालूर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बहादुरगढ़, बारां, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बठिंडा, भागलपुर, भिलाई, बिहारशरीफ, बीकानेर, बिलासपुर, ब्यासनगर, छाल, छपरा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, देहरादून, धौलपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हल्दिया, हसन, हुबली, जबलपुर, कैथल, कानपुर, करौली, करनाल, काशीपुर, कटनी, कोहिमा, कोलार, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नारनौल, नयागढ़, ऊटी, पलवल, पंचकुला, पटियाला, प्रयागराज, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला, सासाराम, सीकर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, उडुपी, वाराणसी, वातवा, विजयपुरा, विजयवाड़ा, यादगीर शामिल रहे।

वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अलवर, अम्बाला, अमरावती, अनंतपुर, अंगुल, अररिया, बद्दी, बदलापुर, बागलकोट, बागपत, बल्लभगढ़, बाड़मेर, बैरकपुर, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बूंदी, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दिल्ली, धारूहेड़ा, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, खन्ना, कोल्हापुर, कोटा, लखनऊ, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पानीपत, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, रतलाम आदि 109 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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