साफ हवा वाले शहरों की संख्या में हुआ 19 फीसदी का इजाफा, दूसरी तरफ प्रदूषण में अभी भी अव्वल है बर्नीहाट

प्रदूषण के मामले में मेघालय का बर्नीहाट सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 272 पर पहुंच गया है
Photo: Vikas Choudhary
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प्रदूषण के मामले में एक बार फिर मेघालय का बर्नीहाट सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बढ़कर 272 पर पहुंच गया है। दूसरी तरफ पालकालाइपेरुर में हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 11 दर्ज किया गया है। मतलब की यदि बर्नीहाट की हवा में घुले जहर की तुलना पालकालाइपेरुर से करें तो स्थिति करीब 25 गुणा ज्यादा खराब है।

इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में जलना, अमृतसर, ग्रेटर नोएडा, भागलपुर, तुमकुरु, बैरकपुर, नागौर, रायचुर और इंफाल शामिल रहे। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 108 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है।

इन शहरों में देहरादून, धौलपुर, धुले, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गया, हापुड, हसन, हिसार, हुबली, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, झुंझुनूं, जोधपुर, कैथल, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करनाल, कारवार, कटिहार, कटनी, कोलार, कोल्हापुर, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लातूर, मदिकेरी, मैहर आदि शामिल रहे। कल की तुलना में देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 19 फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में आठ अंकों की गिरावट आई है। इसके बाद वायु सूचकांक घटकर 71 पर पहुंच गया है। इसी तरह पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी कल से प्रदूषण के स्तर में गिरावट दर्ज की गई है, जहां एक्यूआई 10 अंकों के सुधार के बाद 66 पर पहुंच गया है। बता दें कि दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 114 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया।

इन शहरों में धारूहेड़ा, धारवाड़, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हावेरी, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जालौर, झालावाड़, झांसी, जींद, कल्याण, कानपुर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मानेसर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, नारनौल, नवी मुंबई, नोएडा, पलवल, पानीपत, पटना आदि शहर शामिल थे।

वहीं कल के मुकाबले देखें तो देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में नौ फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश के नौ शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है। हालांकि कल की तुलना में इन शहरों की संख्या में 40 फीसदी की गिरावट आई है। बता दें कि देश के मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों में अमृतसर, बैरकपुर, भागलपुर, ग्रेटर नोएडा, इंफाल, जलना, नागौर, रायचूर, तुमकुरु शामिल थे।

कुल मिलकर देखें तो देश के 46 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर है, जबकि करीब 50 फीसदी में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है। वहीं दूसरी तरफ चार फीसदी से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता चिंताजनक बनी हुई है, जिनमें बर्नीहाट भी शामिल है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 15 अगस्त 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 234 में से 108 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 116 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 14 अगस्त 2024 यह आंकड़ा 128 दर्ज किया गया था। नौ शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (272) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (71) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से आठ अंकों की गिरावट आई है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 66, गाजियाबाद में 70, गुरुग्राम में 97, नोएडा में 55, ग्रेटर नोएडा में 146 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 48 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 51, चेन्नई में 81, चंडीगढ़ में 65, हैदराबाद में 82, जयपुर में 48 और पटना में 79 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 108 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, आइजोल, अलवर, अमरावती, अमरावती, अंकलेश्वर, अरियालूर, बागपत, बहादुरगढ़, बारां, बारबिल, बरेली, बाड़मेर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बिहारशरीफ, बीकानेर, बिलासपुर, बुलन्दशहर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, धौलपुर, धुले, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गया, हापुड, हसन, हिसार, हुबली, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, झुंझुनूं, जोधपुर, कैथल, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करनाल, कारवार, कटिहार, कटनी, कोलार, कोल्हापुर, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लातूर, मदिकेरी, मैहर, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पंचकुला, पटियाला, प्रयागराज, पुदुचेरी, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सलेम, सांगली, सासाराम, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सोनीपत, टेंसा, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, उडुपी, वातवा, विजयपुरा, विजयवाड़ा, यादगीर, यमुनानगर शामिल रहे।

वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अनंतपुर, अंगुल, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बागलकोट, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारीपदा, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दिल्ली, देवास, धारूहेड़ा, धारवाड़, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हावेरी, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जालौर, झालावाड़, झांसी, जींद, कल्याण, कानपुर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मानेसर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, नारनौल, नवी मुंबई, नोएडा, पलवल, पानीपत, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, रतलाम, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, सतना, सवाई माधोपुर, सिंगरौली, सिरसा, सिवान, सोलापुर, सूरत, तालचेर, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 116 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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