साफ हवा वाले शहरों में 16 फीसदी की गिरावट, मोतिहारी में हालात सबसे खराब

प्रदूषण के मामले में आज थूथुकुडी चौथे स्थान पर है, वहीं बिहार का औरंगाबाद (151) दूसरे, जबकि राजस्थान का श्रीगंगानगर 128 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर है
प्रतीकात्मक तस्वीर: विकास चौधरी/सीएसई
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आज बिहार के मोतिहारी की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 217 तक पहुंच गया। इस दौरान औरंगाबाद की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो वहां प्रदूषण का स्तर तय सुरक्षित सीमा से 1,345 फीसदी अधिक है।

मतलब की वहां की हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

गौरतलब है कि कल औरंगाबाद में प्रदूषण से स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 215 तक पहुंच गया। हालांकि कल से औरंगाबाद की वायु गुणवत्ता में 64 अंकों का सुधार आया है। इसके साथ ही वहां एक्यूआई घटकर 151 पर पहुंच गया।

दूसरी तरफ आज एक बार फिर देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 10 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर मोतिहारी की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 20 गुणा खराब है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 27 अगस्त 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां 53 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 43 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 5 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा साफ है।

आंकड़ों के मुताबिक प्रदूषण के मामले में आज बिहार का औरंगाबाद दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 151 दर्ज किया गया है। इस दौरान वहां हवा में पीएम10 हावी था।

इसी तरह 129 अंकों के साथ आज राजस्थान का श्रीगंगानगर तीसरे स्थान पर है। थूथुकुडी में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो आज 123 अंकों के साथ प्रदूषित शहरों में चौथे स्थान पर है। मंगुराहा में भी कुछ ऐसी ही स्थिति है, जो 117 अंकों के साथ पांचवें पायदान पर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज छपरा (114), गुम्मिडिपूंडी (108), जैसलमेर (106), बक्सर (104) और सिंगरौली (101) शामिल हैं।

विश्लेषण में यह भी सामने आया है कि आज जहां देश में मोतिहारी, श्रीगंगानगर, गुम्मिडिपूंडी, सिंगरौली आदि की हवा में प्रदूषण के महीन कण यानी पीएम2.5 हावी है। वहीं औरंगाबाद (बिहार), जैसलमेर, वातवा आदि में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

देश के कुछ शहरों में आज ओजोन और कार्बन जैसे प्रदूषक भी हावी हैं।

इन शहरों के उलट आज देश में अमृतसर सहित 120 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में कल्याण, करौली, करूर, कारवार, काशीपुर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुंबई, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटियाला, पेरुंदुरई आदि शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 16 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े रुझानों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जिसके साथ ही वहां 16 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 71 पर पहुंच गया। मतलब की प्रदूषण में इजाफा के बावजूद दिल्ली में आज भी हवा संतोषजनक बनी हुई है।

दिल्ली की तरह ही आज देश के करीब 43 फीसदी यानी 97 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, हाजीपुर, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जोरापोखर, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोप्पल, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ आदि शामिल हैं।

राहत की खबर यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 21 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

इन शहरों के उलट आज देश के 10 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में औरंगाबाद (बिहार), बक्सर, छपरा, गुम्मिडिपूंडी, जैसलमेर, मंगुराहा, सिंगरौली, श्रीगंगानगर, थूथुकुडी, वातवा शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 67 फीसदी का इजाफा हुआ है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 228 में से 120 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 97 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 26 अगस्त 2025 को यह आंकड़ा 80 दर्ज किया गया था।

10 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में मोतिहारी (बिहार) (217) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 220 के करीब पहुंच गया। कल औरंगाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 215 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 71 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी संतोषजनक श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज थूथुकुडी चौथे स्थान पर है, वहीं औरंगाबाद (बिहार) (151) दूसरे, जबकि श्रीगंगानगर (128) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 73, गाजियाबाद में 68, गुवाहाटी में 41, हापुड में 42, नोएडा में 58, ग्रेटर नोएडा में 80 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 47 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 57, चेन्नई में 84, चंडीगढ़ में 56, हैदराबाद में 58, जयपुर में 67 और पटना में 82 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 120 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदनगर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धारवाड़, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, होसुर, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जलगांव, झालावाड़, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, करौली, करूर, कारवार, काशीपुर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुंबई, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटियाला, पेरुंदुरई, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रानीपेट, रतलाम, राउरकेला, सागर, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, सूरत, ठाणे, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अंगुल, अररिया, आरा, बद्दी, बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बाड़मेर, बेगूसराय, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भिवाड़ी, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, कोयंबटूर, दौसा, दिल्ली, धनबाद, धौलपुर, धुले, एलूर, गांधीनगर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, हाजीपुर, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जोरापोखर, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोप्पल, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नोएडा, पाली, पंचगांव, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रयागराज, पुणे, राजसमंद, रूपनगर, समस्तीपुर, सीकर, तालचेर, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, तिरुपति, टोंक, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 97 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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