रबी सीजन: सात लाख हेक्टेयर में अब तक नहीं बोई गई दालें, उत्पादन पर दिखेगा असर

पिछले सीजन की तुलना में चालू सीजन का बुआई रकबा 251,000 हेक्टेयर कम है
रबी सीजन: सात लाख हेक्टेयर में अब तक नहीं बोई गई दालें, उत्पादन पर दिखेगा असर
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भले ही देश भर में रबी फसलों की बुआई लगभग पूरी हो चुकी है, लेकिन दालों की बुआई का रकबा पिछले वर्ष की तुलना में 19 जनवरी 2024 तक 7 लाख हेक्टेयर से अधिक कम है।

कृषि मंत्रालय द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, फसल सीजन 2023-24 में रबी फसलों की कुल बुआई में तेजी आई है, लेकिन दालों की बुआई अभी भी पिछड़ रही है। 19 जनवरी तक दालों की बुआई का रकबा 15.51 मिलियन (155.10 लाख) हेक्टेयर दर्ज किया गया, जबकि पिछले रबी सीजन में यह 16.26 मिलियन हेक्टेयर था।

देश में आमतौर पर रबी की फसलें दिसंबर के आखिरी सप्ताह तक बोई जाती हैं। पिछले सीजन की तुलना में चालू सीजन का बुआई रकबा 251,000 हेक्टेयर कम है। रबी फसलों की बुआई का कुल क्षेत्रफल 68.36 मिलियन हेक्टेयर है, जबकि पिछले साल यह 68.61 मिलियन हेक्टेयर था।

रबी की मुख्य फसल गेहूं की बुआई में पिछले कुछ हफ्तों में तेजी आई है और वर्तमान में इसकी बुआई 34 मिलियन हेक्टेयर में हो चुकी है, जो पिछले सीजन से 558,000 हेक्टेयर अधिक है।

सरकार ने 2022-23 में 110.5 मिलियन टन के अनुमानित उत्पादन के मुकाबले, 2023-24 फसल वर्ष के लिए रिकॉर्ड 114 मिलियन टन (एमटी) का गेहूं उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है।

इस वर्ष अनियमित वर्षा और मिट्टी में नमी की कमी के कारण रबी सीजन की शुरुआत देरी से हुई। भारत मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के अनुसार, देश में 49 प्रतिशत वर्षा की कमी है और यह मौजूदा सूखा किसानों के लिए चिंता का कारण है।

रबी फसलों की सिंचाई मुख्यतः जलाशयों और भूजल के माध्यम से की जाती थी। 18 जनवरी तक 150 प्रमुख जलाशयों में उपलब्ध लाइव स्टोरेज 99.181 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) था, जो इन जलाशयों की कुल स्टोरेज क्षमता का 55 प्रतिशत है।

हालांकि, पिछले वर्ष, इसी अवधि के लिए इन जलाशयों में उपलब्ध भंडारण 121.202 बीसीएम था और पिछले 10 वर्षों का औसत भंडारण 104.29 बीसीएम था।

दालों में चना की खेती सबसे अधिक प्रभावित हुई है। यह फसल मुख्य रूप से रबी मौसम के दौरान बोई जाती है। आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और झारखंड जैसे राज्यों में चने के रकबे में कमी दर्ज की गई है। खाद्य मुद्रास्फीति को कम करने के लिए दालों के रकबे में वृद्धि महत्वपूर्ण है।

पिछले कुछ वर्षों में रबी सीजन में उगाए जाने वाले धान का रकबा भी कम हो गया है। हालांकि रबी सीजन में धान कुछ ही क्षेत्रों में लगाया जाता है, लेकिन इसका सामान्य (पिछले पांच वर्षों में औसत क्षेत्र) रकबा लगभग 5.25 मिलियन हेक्टेयर है।

लेकिन पिछले कुछ वर्षों में रबी चावल में उल्लेखनीय कमी देखी गई है। इस बार, फसल का क्षेत्रफल 2.82 मिलियन हेक्टेयर दर्ज किया गया, जो 2022-23 से 109,000 हेक्टेयर कम है।

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