पीएम किसान सम्मान: क्या उत्तराखंड के किसानों को मिल गए 2,000 रुपए?

उत्तराखंड में दूसरी किस्त पाने वाले किसानों की कुल संख्या 7,43,303 थी, लेकिन लॉकडाउन के बाद घोषित पांचवी किस्त केवल 4,76,509 किसानों को मिली है
उत्तराखंड के लाखों किसानों को पीएम किसान सम्मान की पिछली कई किस्त नहीं मिली हैं। फोटो: विकास चौधरी
उत्तराखंड के लाखों किसानों को पीएम किसान सम्मान की पिछली कई किस्त नहीं मिली हैं। फोटो: विकास चौधरी
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कोरोनावायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर में लॉकडाउन की घोषणा की। इसके बाद घोषणा की गई कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली 2,000 रुपए की पांचवी किस्त का भुगतान जल्द से जल्द किया जाएगा। 20 अप्रैल को जानकारी दी गई कि 8.89 करोड़ किसानों को 17,793 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया है। लेकिन ज्यादातर राज्यों से आ रही रिपोर्ट्स के मुताबिक कई किसानों को किसान सम्मान की राशि नहीं मिली तो जिन किसानों के खाते में पैसा आ गया है, लेकिन वे निकाल नहीं पा रहे हैं। आइए, पहली कड़ी में पढ़ें, उत्तराखंड के किसानों को कितना मिला किसान सम्मान-

रुद्रप्रयाग के कोटमल्ला गांव में किसान जगत सिंह जंगली बताते हैं कि इस साल फरवरी में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए उनके दस्तावेज़ जमा किए गए थे। उसके बाद लॉकडाउन हो गया। उन्हें आज तक किसान सम्मान निधि के तहत कोई पैसा नहीं मिला है। उनके गांव के दूसरे किसानों के भी दस्तावेज जमा कराए गए हैं उन्हें भी अब तक ये आर्थिक मदद नहीं मिली है। टिहरी के जड़धार गांव के विजय जड़धारी कहते हैं कि ये योजना शुरू हुई तो उन्हें भी दो किस्तें मिली थीं। लेकिन उसके बाद उनके खाते में किसान सम्मान निधि का कोई पैसा नहीं आया। जड़धारी के मुताबिक उनके खाते को ऑनलाइन अप्रूवल मिलने में दिक्कत आ रही है।

हरिद्वार के नार्सन ब्लॉक के किसान ओमवीर बताते हैं कि पिछेल वर्ष 24 फरवरी को उन्होंने किसान सम्मान निधि के लिए अपने कागज जमा किए थे। उनका खाता जिला सहकारी बैंक में है। सहकारी बैंक में ऑनलाइन प्रक्रिया न होने के कारण बाद में उन्होंने स्टेट बैंक का अकाउंट नंबर दिया। उसके बावजूद उन्हें अब तक इस योजना से कोई पैसा नहीं मिला है।

उत्तराखंड के 92 प्रतिशत छोटे और सीमान्त जोत के किसान हैं। प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि योजना के तहत प्रदेश में पात्र किसानों की संख्या 8.38 लाख है।

वर्ष 2018 में इस योजना में पहली किस्त पाने वाले लोगों की संख्या 4,14,101 थी। जबकि 7,66,818 लोगों को अलग-अलग समय में किसान सम्मान निधि की पहली किस्त मिली है। यानी राज्य के 71,182 किसानों को अभी तक प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत कोई पैसे नहीं मिले हैं।

पिछले वर्ष चुनाव से पहले फरवरी में केंद्र सरकार ने ये योजना शुरू की। राज्य में बहुत से खातों में जल्दबाजी में किसान सम्मान निधि के पैसे डाल दिये गए। शुरू की तीन किस्तों के बाद योजना में आधार कार्ड को अनिवार्य किया गया। साथ ही बैंक खातों के वेरिफिकेशन का काम शुरू किया गया। जिसके बाद कई खामियां मिलीं। किसी का अकाउंट नंबर गलत था तो किसी का पैसा अन्य खाते में जा रहा था। राज्य के कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ अजय शर्मा कहते हैं कि जांच के बाद कई खाते किसान सम्मान निधि के दायरे से बाहर हो गए।

राज्य में दूसरी किस्त पाने वाले किसानों की कुल संख्या 7,43,303 रही। तीसरी किस्त 6,77,067 किसानों को, चौथी किस्त 5,75,121 किसानों को और पांचवी किस्त 4,76,509 किसानों को मिली है।

मार्च में योजना की किस्त जारी करने के बाद केंद्र सरकार ने कोरोना को देखते हुए अप्रैल में किसानों के खाते में पैसे डालने के निर्देश दिए। जो 6,64,421 किसानों को दिया गया। इनमें कई किसानों को पहली, दूसरी, तीसरी, चौथी या पांचवी किस्त शामिल है। यानी राज्य के 1,73,579 लाख पात्र किसानों को कोरोना के मुश्किल समय में ये जरूरी मदद नहीं मिल सकी है।

जल्द पढ़ें: राजस्थान में किसानों को कितना मिला "सम्मान"

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